पार्टी नेताओं को विश्वास में नहीं लेने का नतीजा

सुमित्रा ताई की नाराजी दूर कर लौटे इंदौर महापौर-पर अब गोपी कृष्ण नेमा ने लेटर बम दाग दिया
झाबुआ/ इंदौर। संजय जैन- सह संपादक। पोलोग्राउंट इंदौर में भारत वन योजना का सपना देख रहे महापौर पुष्यमित्र भार्गव के सपने में पहले तो पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन ने चिट्ठी लिख कर खलल पैदा की थी।अब मेट्रो का मध्य क्षेत्र में भूमिगत रूट करने और भारत वन को लेकर ताई की नाराजी दूर करने उनके निवास से महापौर लौटे ही थे कि क्षेत्र क्रमांक तीन से विधायक रहे गोपी कृष्ण नेमा ने लैटर बम फोड़ दिया है।
वरिष्ठ नेताओं को विश्वास नें नहीं लेने का नतीजा
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को विश्वास में नहीं लेने का ही नतीजा है कि एक और तो भारत वन का पार्टी में विरोध अधिक तेज हो ही गया है। वही दूसरी ओर पद्मश्री जनक पलटा, भालू मोंढे सहित अन्य पर्यावरण रक्षकों के साथ ही रामबाग, पंत वैद कॉलोनी इंदौर सहित क्षेत्र की अन्य कॉलोनियों के रहवासी भी भारत वन योजना को उचित नहीं मान रहे हैं।अब पूर्व इंदौर विधायक गोपी नेमा ने भारत वन योजना के औचित्य पर महापौर को चिट्ठी लिखी है।
नेमा ने लिखा रहवासियों ने मुझे विरोध दर्ज कराया
नेमा ने लिखा है मध्य स्थित इंदौर विधानसभा क्रमांक तीन जहां से मैं चार बार विधानसभा का चुनाव लड़ा हूँ और दो बार विधायक भी रहा हूं,आज भी क्षेत्र के नागरिकों से मेरा संपर्क भी है। पिछले दो-तीन दिनों में रामबाग क्षेत्र के कई प्रबुद्धजनों ने मेरे निवास पर आकर नगर निगम की भारत वन योजना पर विस्तृत चर्चा की और उन्होंने अपना विरोध भी दर्शाया।
भूमि क्या नगर निगम को हस्तांतरित हो गई है?
इस योजना के संबंध में गोपी नेमा के मन में कुछ प्रश्न है, जिनका वह चाह रहे है कि हल होना चाहिए। सबसे पहले यह भूमि किसकी है.? नगर निगम की या मिलिट्री की....जहां तक मुझे याद है मेरे विधायक कार्यकाल में, मैंने यहां पर नर्मदा टंकी बनाने की योजना बनाई थी। जिसकी अनुमति मिलिट्री ने नहीं दी थी, टंकी तो छोड़ो पंतवेद कॉलोनी के लिए एक पाइप लाइन डालने की भी उन्होंने अनुमति नहीं दी थी।अब यह भूमि क्या नगर निगम को हस्तांतरित हो गई है...?भारत वन योजना की ड्राइंग मुझे दिखाई,जो सिर्फ कंप्यूटर ड्राइंग एवं चर्चा में हो अच्छी लग सकती है लेकिन धरातल पर क्या होगी...? और इसका भविष्य क्या होगा..? यह विचारणीय प्रश्न है।
रामसर साइट की तरह यह सीजनल साइट नहीं है
इस योजना के क्रियान्वयन के पूर्व,शहर के पिपलिया पाला, अटल बिहारी वाजपेई रीजनल पार्क, नेहरू पार्क, मेघदूत उपवन, शहीद पार्क का रखरखाव की स्थिति क्या है...? इस पर विचार करना भी बेहद जरूरी है। सिरपुर पर रामसर साइट पर विदेशी पक्षियों को आमंत्रित करने का प्रयास तो अच्छा है,पर इस स्थान पर कभी सूर्योदय के समय भ्रमण करें तो पक्षियों की चहचहाट,उनकी अटखेलियां परिवार सहित उनके घोसले एवं मयूर को नृत्य करते हुए हमने देखा है जो यह सब यहां बारहमासी भी है। रामसर साइट की तरह यह सीजनल साइट नहीं है। क्या यह इस भूमि पर सफल होगी या नही? भारत वन के नाम पर स्थापित प्राकृतिक वन को समाप्त कर,बीच में ही छोटा तालाब टापू, तितलियों के लिए एक बगीचा,छोटा सा जंगल और सबसे विचित्र जापानी तकनीकी मियां बाकी सिस्टम द्वारा कॉर्नर पर जल्दी उगने वाले वृक्षों को लगाना क्या यह तकनीकी इस भूमि पर सफल होगी या नहीं ? क्या इसका कोई परीक्षण भी करवाया भी है या नही ?
भविष्य की चिंता करके ही योजना पर आगे कदम बढ़ाए...
भारत वन के रखरखाव की भविष्य में देखभाल की क्या योजना है...? यदि नहीं है तो विश्राम बाग, लक्ष्मण सिंह गौड़ उद्यान, रामसर साइट के उद्यान की तरह ही यह भी कही वीरान ना हो जाए.... इस पर भी विचार करना बेहद जरूरी भी है। इन सब प्रश्नों पर वर्तमान और भविष्य के लिए चिंता करके ही योजना पर आगे कदम बढ़ाए साथ जनता के चुने हुए प्रतिनिधि होने के नाते जन भावनाओं का ध्यान रखकर ही उचित निर्णय लें।
महापौर बोले अभी जमीन नही मिली है, मिलेगी तब सबकी बात सुनकर ही निर्णय करेंगे
समित्रा ताई और गोपी नेमा द्वारा भारत वन को लेकर लिखे पत्र और क्षेत्र के रहवासियों के विरोध को लेकर महापौर का कहना है कि अभी वह जमीन हमें मिली नहीं है। जमीन मिलने की संभावना है,मिल जाएगी तो सब के साथ मिलकर भारत वन योजना पर चर्चा करेंगे। इस जमीन पर सघन वन बनाएंगे,साथ ही वॉटर बॉडी बनाएंगे। मध्य क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए यहां बड़ा काम करेंगे।इससे मध्य क्षेत्र में वॉटर रिचार्ज में मदद मिलेगी। यदि यहां सघन वन के लिए पेड़ लगाने से भी आपत्ति होगी,तो हम सब की बात सुनेंगे।
पुष्यमित्र भार्गव- महापौर,इंदौर