थांदला।हरीश पांचाल-ब्यूरो।  नगर थांदला में हो रहे अस्थाई अतिक्रमण से  ट्रैफिक व्यवस्था दिन ब दिन बेहाल होती जा रही हैं। इस और जिम्मेदार नगर परिषद व पुलिस प्रशासन का ध्यान ही नही है। शायद लगता है कि शिकायतें और वादे सिर्फ मीटिंगों और थानों में होने वाली शांति समिति की बैठकों तक ही सीमित हो गए है।                    

प्रभावी दुकानदार कर रहे बेहद अति

जैसे कि फ़ोटो में साफ नजर आ रहा है की नगर के प्रभावी दुकानदारों द्वारा एक ओर तो दुकानों के बाहर आधे से अधिक अस्थाई अतिक्रमण कर लिया गया है और वही दूसरी ओर बीच सड़क पर वे वाहन खड़े कर सामान लोड और अनलोड करते है। इस कारण कई बार दो पहिया वाहन तो ठीक पैदल निकलने वाले तक को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

क्या प्रशासन कोई दुर्घटना के इंतजार में है?

ज्ञात हो कि प्रशासन का इस और कई बार ध्यान आकर्षित खबरे प्रकाशित कर भी किया गया है। यहाँ तक कि गौरव अरोड़ा ने तो 181 पर शिकायत भी दर्ज करवाई है। परिणामस्वरूप कुछ दिन सख्ती कर अतिक्रमण हटाया गया और आश्वासन देकर इतिश्री कर दी जाती है। क्या प्रशासन पूंजीपतियों के आगे नतमस्तक हो जाती है या इन प्रभावियो के सामने लाचार बन कर रह जाती है...?                                भारी जुर्माने

सहित दुकान सील करने का हो प्रावधान         

प्रशासन की इस लचर प्रवर्ती के चलते नगर के हालात,इन प्रभावी दुकानदारों के कारण जस के तस बन चुके है। प्रशासन को पहले तो ऐसे दुकानदारों को नोटिस सहित सख्त समझाइस देना चाहिए। इसके बावजूद भी वे न माने तो भारी जुर्माने सहित दुकान को सील करने का कड़ा कानून बनाना होगा,तब ही इन प्रभावी दुकानदारों पर नकल कसी जा सकेगी, ऐसा हमारा मानना है।