झाबुआ।संजय जैन-ब्यूरो। स्व. श्री सुभाषचंद्र देशलहरा की धर्म सहायिका, अरिष्ट,अतिशय की माताजी एवं अमन, अनुज्या, आशी , आरू की दादीजी धर्मनिष्ठ सुश्राविका श्रीमती राजकुमारी देशलहरा ने 12 मई सोमवार को प्रवर्तक देव पूज्य श्री जिनेन्द्र मुनि जी मसा. के मुखारविन्द से संथारा ग्रहण किया था। मात्र सात घंटे में ही रात्रि 11 बजे के आस पास उनका संथारा सिझ गया और  वे महाप्रयाण की ओर अग्रसर हो गयी।

निकाली गयी भव्य डोल यात्रा

कल 13 मई मंगलवार को ठीक प्रातः 10.15 बजे उनके निज निवास
लक्ष्मीबाई मार्ग झाबुआ से गेल मुक्तिधाम तक उनकी भव्य डोल यात्रा निकाली गयी,जिसमे सभी जैन समाज और सर्व समाज के सदस्यों की काफी संख्या में उपस्थिति रही।

अंतिम यात्रा बनी महोत्सव यात्रा

इस अंतिम यात्रा की यह विशेषता रही कि इसमें महिला,पुरुष,बच्चे सहित एक तरह से चतुरविधि संघ की उपस्थिति दर्ज थी। जिसके चलते इसको महोत्सव यात्रा अधिकतर वक्ताओं ने अपने अपने वक्तव्य में जाहिर किया। 

इन्होंने दी श्रंद्धांजली

सर्वप्रथम श्रंद्धांजली सभा को  श्वेताम्बर जैन संघ के निर्मल मेहता ने संबोधित किया। इसी कड़ी में आगे स्थानकवासी संघ के प्रदीप रूनवाल,झाबुआ विधायक डॉ. विक्रांत भूरिया,सकल व्यापारी संघ के हिमांशु त्रिवेदी, गौड़ी पार्श्वनाथ के तेजप्रकाश कोठारी,पंकज कोठारी आदि ने अपनी श्रंद्धांजली अर्पित की। अंत मे शांति पाठ और मांगलिक का श्रवण सुश्रावक धर्मचन्जी मेहता द्वारा सभा को करवाया। श्रंद्धांजली सभा का संचालन संजय मेहता ने किया। देशलहरा परिवार ने बेहद विनम्रता से बताया कि आज इस महोत्सव यात्रा के साथ शोक निवारण भी कर दिया गया है और न ही कोई बैठक का भी आयोजन रखा गया है।

महोत्सव यात्रा के बाद  स्वामीवात्सल्य का हुआ आयोजन

इस महाप्रयाण महोत्सव यात्रा के बाद साधर्मिक स्वामीवात्सल्य का आयोजन कल दोपहर ठीक 1.00 बजे स्थान अणु मंगल भवन झाबुआ में किया गया। इस आयोजन के विनीत अजय, अभय देशलहरा एवम् देशलहरा परिवार झाबुआ रहा।