कही एक और किसान आंदोलन की सुगबुगाहट तो नही?

इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन के प्रभावित किसानों ने किया प्रदर्शन,चार गुना मुआवजा की मांग सरकार से
झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-सह सम्पादक। इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन के प्रभावित किसानों ने गत दिनों देवास जिले के बिजवाड़ में जंगी प्रदर्शन किया था। संघर्ष समिति के नेतृत्व में किए इस प्रदर्शन में किसानों की मांग थी कि अधिग्रहित की जा रही भूमि का चार गुना मुआवजा सरकार दें। साथ ही कलवार घाट से धन तालाब घाट तक रूट भी परिवर्तन करें,ऐसा करने पर किसानों की कम से कम भूमि अधिग्रहित होगी।
किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया
संघर्ष समिति के किसान नेता हंसराज मंडलोई ने कहा कि किसानों के आंदोलन की भनक लगते ही देवास जिला प्रशासन ने रात में ही किसान नेताओं को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया था। किसान नेता रवि मीणा,दीपक मीणा, कैलाश सीरा को रात में घर से उठाकर किसी दूरस्थ थाने में बंद कर दिया।
विरोध में बड़ी संख्या में बुलडोजर के सामने किसान
देवास कलेक्टर ऋतुराज सिंह एवं पुलिस अधीक्षक पुलिस बल के साथ जमीन का कब्जा लेने के लिए पहुंचे थे। इसके विरोध में बड़ी संख्या में किसान, महिलाएं भी अपने बच्चों को लेकर बुलडोजर के सामने खड़ी हो गईं थी।
जंगी आंदोलन करेंगे
किसान नेता रवि मीणा एवं अन्य नेताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक केंद्र एवं राज्य सरकार हमारी मांगे नहीं मानती और बाजार मूल्य से चार गुना मुआवजा नहीं देती एवं कलवार घाट से धन तालाब घाट तक रेलवे लाइन का रूट परिवर्तन नहीं करती है,तब तक किसी भी स्थिति में जमीन का कब्जा नहीं देंगे। किसान नेता मंडलोई ने कहा की सरकार किसानों का इम्तिहान ना ले,अन्यथा पूरे प्रदेश के किसान जंगी आंदोलन करेंगे, जिसकी जवाबदारी प्रदेश सरकार की रहेगी।
परियोजना से दूरी 68 किमी कम हो जाएगी
कंपनी को निर्माण कार्य करने के लिए मिलने वाली एनओसी प्राप्त हो गई है। रेलवे लाइन के लिए पुल और पुलियां बनाने के काम की शुरुआत हो गई है। रेहटी के पास गांव खड़ली में हैदराबाद की कंपनी ने पुल निर्माण का भूमि पूजन हुआ। बुधनी से इंदौर के मांगलिया तक इस ट्रैक पर 14 पुल और 49 पुलियाएं बनाई जाएंगी। इस रेल ट्रैक के बाद बुधनी क्षेत्र के लोगों को इंदौर तक ट्रेन से जाना आसान हो जाएगा। बुधनी और मांगलिया को जंक्शन बनाया जाएगा। नई लाइन से सीहोर,देवास व इंदौर जिलों को लाभ होगा। नए रूट से इंदौर और जबलपुर के बीच की दूरी 68 किमी कम हो जाएगी। प्रथम चरण में बुधनी से खातेगांव तक शासकीय नदी नालों पर बनने वाले बड़े मेजर 7 ब्रिज व अन्य निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया गया है। केंद्र सरकार ने बुधनी से इंदौर,मांगलिया के बीच विद्युतीकरण के साथ 205.5 किमी लंबी नई रेल लाइन के निर्माण को मंजूरी दी थी। परियोजना को वर्ष 2024-25 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी लागत 3261.82 करोड़ रुपए है।
परियोजना से होने वाले लाभ
1-इंदौर से मुंबई और दक्षिण भारत के यात्रा समय में कमी आएगी।
2-भोपाल और इटारसी के व्यस्त मार्ग-घाट सेक्शन, बुधनी से बरखेड़ा को बायपास कर बुधनी को इंदौर से सीधे जोड़ना।
3-यह रेल लाइन बुधनी के मौजूदा यार्ड से शुरू होकर इंदौर के पास पश्चिम रेलवे के मांगलियागांव स्टेशन से जुड़ेगी।
4-रेल लाइन सीहोर, देवास एवं इंदौर जिलों को जोड़ेगी।
5-यह रेल लाइन नसरुल्लागंज,खातेगांव और कन्नौद जैसे कस्बों-गांवों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी,जहां वर्तमान में कोई रेल संपर्क नहीं है।
6-औद्योगिक विकास, सामाजिक-आर्थिक,रोजगार सृजन और बेहतर परिवहन सुविधाओं के माध्यम से इस क्षेत्र का समग्र विकास होगा।
7-इंदौर और जबलपुर के बीच की दूरी 68 किमी कम हो जाएगी।