साइबर ठगी का शिकार हुए हैं तो 10 मिनट के अंदर करें फोन,बच सकते हैं लुटने से

झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड। बढ़ती आधुनिकता की दौड़ में इंटरनेट की आदत सुविधा के साथ समस्याएं भी पैदा कर रही है। सबसे ज्यादा साइबर अपराधों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसमें सबसे ज्यादा साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं,लेकिन यदि आप जागरूक हैं तो इस ठगी से बचा भी सकता है। आपको केवल 10 मिनट के अंदर पुलिस को फोन लगाना होगा। आपके खाते से उड़ाई गई रकम जिस आईडी से दूसरे खाते में ट्रांसफर की गई है, हेल्पलाइन संबंधित बैंक या ई-साइट्स को अलर्ट मैसेज भेजगी और फिर रकम होल्ड पर चली जाएगी।

10 मिनट के अंदर करें फोन,बच सकते हैं लुटने से

जानकारी के अनुसार साइबर ठगी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साइबर पोर्टल बनाया गया है। टोल फ्री नंबर 1930 जारी किया गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 155260 पर भी फोन कर सकते हैं। इन दोनों ही नंबर पर आमजन को 24 घंटे शिकायत की सुविधा उपलब्ध है। जिस भी व्यक्ति के साथ साइबर ठगी हुई है वह इस टोल फ्री नंबर पर 10 मिनट के अंदर कॉल कर दे तो उनकी रकम वापस लौटने की उम्मीद बढ़ जाती है।

प्रलोभन वाले लिंक, वीडियो आदि पर न करें क्लिक

वर्तमान में प्रलोभन भरे लिंक या वीडियो के माध्यम से साइबर ठगी की जा रही है। पुलिस का कहना है कि ठगों के इसी प्रलोभन में आकर लोग लिंक या वीडियो पर क्लिक करते हैं और उसके जाल में फंस जाते हैं। पुलिस अधिकारियों कहना है कि साइबर ठगी से बचने के लिए मोबाइल पर आने वाले इन अनावश्यक लिंक, वीडियो पर क्लिक न करें।

फर्जी अकाउंट बना मांग रहा रुपए

कृष्ण कुमार ओझा ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की है। जिसमें उनका कहना है कि किसी ने उनके नाम की फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बना ली है और वह परिचितों को मैसेज कर रुपयों की मांग कर रहा है। इस प्रकार के मामले आए दिन सामने आते हैं। साइबर ठगों ने छतरपुर में एसपी रहे अमित सांघी की फर्जी आईडी बनाई थी। इसके पहले सागर के पूर्व कलेक्टर दीपक सिंह की भी फर्जी आइडी का मामला सामने आया था।

सतर्कता जरूरी

साइबर ठगी टेक्नोलॉजी के कारण नहीं बल्कि लोगों की गलती से होती है। राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर पर ठगी होने के बाद 10 मिनट के अंदर फोन कर रकम लौटने की उम्मीद होती है,लेकिन यदि लोग पहले ही सतर्क रहें और प्रलोभन,अनावश्यक लिंक, कॉल पर जानकारी न दे तो वे ठगी का शिकार ही नहीं होंगे।

पद्म विलोचन शुक्ल- पुलिस अधीक्षक,झाबुआ