झाबुआ/ कल्याणपुर।संजय जैन-सह संपादक। अणुभूमि थांदला में 30 अप्रैल अक्षय तृतीया को आचार्य श्री उमेशमुनिजी अणु के अंतेवासी सुशिष्य बुद्धपुत्र प्रवर्तकदेव श्री जिनेन्द्रमुनिजी म.सा. के मुखारविंद से करीब 60 संत सतियों व हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में थांदला के दो मुमुक्षु आत्माओं की जैन भगवती दीक्षा संपन्न हुई थी।जिसमें मुमुक्षु श्री ललित भाई भंसाली अब ललितमुनिजी के रूप में पूज्य श्री अतिशयमुनिजी के शिष्य बनाए गए,वही मुमुक्षु  सुश्री नव्या शाहजी अब साध्वी श्री यशस्वीजी के नाम से विदुषी महासती श्री संयमप्रभाजी की सुशिष्या के रूप में पहचानी जाएगी।      

दीक्षा का लाभ कल्याणपुरा श्रीसंघ को प्राप्त हुआ                  

थांदला गौरव ललितमुनिजी की बड़ी दीक्षा का लाभ कल्याणपुरा श्रीसंघ को प्राप्त हुआ है। ऐसे में थांदला सहित अनेक स्थानों के श्रावक - श्राविकाओं द्वारा कल्याणपुरा जाकर बड़ी दीक्षा में शामिल होकर संयम अनुमोदना का लाभ लिया जाएगा ।जहाँ अब तक करीब 40 संयमी आत्माओं को संसार कानन से निकालकर बड़ी जैन भगवती दीक्षा प्रदान करेंगें। भंसाली परिवार थांदला ने सभी समाजजनों को इस बड़ी दीक्षा में पधारने के तहे दिल से भावभरा आग्रह किया है।