अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने भारत के क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में एक अहम पहल की है. कंपनी ने गुजरात के कच्छ में भारत का पहला 5 मेगावाट का ऑफ-ग्रिड ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्लांट शुरू किया है. यह भारत के clean energy transition की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह प्लांट पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलता है और इसमें बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम लगा है. इससे यह बिना ग्रिड के काम करता है. यह नया तरीका है. इसमें हाइड्रोजन उत्पादन पूरी तरह से renewable energy पर निर्भर है.

सौर ऊर्जा से संचालित प्लांट

यह अत्याधुनिक प्लांट पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर चलता है और इसमें बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) लगा है. यह सुविधा बिना किसी ग्रिड कनेक्शन के काम करती है, जो हाइड्रोजन प्रोडक्शन के लिए एक नया और पर्यावरण के लिए बेस्ट तरीका है. यह प्लांट भारत का पहला 5 मेगावाट ऑफ-ग्रिड ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट है.इसमें एक खास ऑटोमेटेड सिस्टम है. यह सिस्टम सौर ऊर्जा की बदलती मात्रा के हिसाब से काम करता है. इससे यह सुरक्षित और बेहतर प्रदर्शन देता है.

यह उपलब्धि भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का ग्लोबल हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. यह उन इंडस्ट्री के लिए भी नजीर बन सकता है जहां कार्बन इमिशन कम करना चुनौतीपूर्ण है. यह पायलट प्लांट गुजरात के मुंद्रा में बनने वाले ग्रीन हाइड्रोजन हब की तैयारी है.

अडानी ग्रुप द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक ग्रीन हाइड्रोजन उर्वरक, रिफाइनिंग और भारी परिवहन जैसे क्षेत्रों को कार्बन-फ्री करने में मदद करेगा. यह परियोजना भारत सरकार के नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (NGHM) का हिस्सा है. यह मिशन आयात कम करने, ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ाने और उद्योगों को पर्यावरण-अनुकूल बनाने का लक्ष्य रखता है.