उद्धव ठाकरे का चुनाव आयोग और भाजपा पर सीधा हमला, बोले- पहचान मिटाने की हो रही साजिश
ठाकरे नाम को मिटाने वालों का खुद हो जाएगा अंत" – उद्धव ठाकरे की चेतावनी
मुंबई।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि ‘ठाकरे’ सिर्फ एक नाम या ब्रांड नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, मराठी मानुष और हिंदू गौरव की पहचान है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ शक्तियां इस पहचान को खत्म करने की साजिश कर रही हैं। पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने चुनाव आयोग, भाजपा और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर तीखा हमला बोला।
ठाकरे नाम किसी को नहीं दिया जा सकता: उद्धव
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर सकता है या किसी और को दे सकता है, लेकिन ‘ठाकरे’ नाम को कोई नहीं छीन सकता। यह नाम उनके दादा केशव ठाकरे और पिता बाला साहेब ठाकरे की विरासत है, जो मराठी जनमानस में गहराई तक रची-बसी है।
भाजपा और शिंदे पर सीधा निशाना
उद्धव ठाकरे ने बिना नाम लिए भाजपा पर आरोप लगाया कि कुछ ताकतें सत्ता में बने रहने के लिए ठाकरे ब्रांड को मिटाना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “जो हमारी पहचान चुराने की कोशिश कर रहे हैं, वे खुद समय के साथ खत्म हो जाएंगे।”
100 साल में कुछ नहीं बनाया, अब पहचान चुरा रहे
ठाकरे ने शिवसेना विभाजन को लेकर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि जो लोग कभी खुद कोई संगठन या विचारधारा नहीं गढ़ पाए, वे अब ठाकरे ब्रांड चुराने का प्रयास कर रहे हैं। यह हमला सीधे तौर पर भाजपा, आरएसएस और एकनाथ शिंदे पर माना जा रहा है।
चुनाव आयोग के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की शरण
चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना और धनुष-बाण का चिन्ह दिया था, जबकि उद्धव गुट को शिवसेना (यूबीटी) नाम और मशाल का चिन्ह मिला। ठाकरे गुट ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसकी सुनवाई 11 अगस्त को प्रस्तावित है।
प्यार और विश्वास कोई नहीं छीन सकता
इंटरव्यू के अंत में उद्धव ठाकरे ने कहा, “चुनाव चिन्ह छीना जा सकता है, लेकिन जनता का विश्वास और प्यार कोई नहीं छीन सकता। हम सब — मैं, आदित्य और राज — ठाकरे ब्रांड को और मजबूत करेंगे।”