प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में नाम आने से बड़वानी जिले में सोशल मीडिया पर छाया उत्सव का माहौल-आदिवासी नेतृत्व की ओर बढ़ता मध्यप्रदेश

झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-सह संपादक। मध्यप्रदेश की राजनीति में इस समय एक नया और महत्वपूर्ण मोड़ देखने को मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर जो चर्चाएं चल रही हैं, उनमें बड़वानी जिले से दो आदिवासी राज्यसभा सांसद डॉ.सुमेरसिंह सोलंकी और खरगोन-बड़वानी सांसद गजेंद्रसिंह पटेल के नाम भी जिले के सोशल मीडिया सहित प्रदेश के कई बड़े चेनलों के माध्यम से सामने आ रहे हैं। ये न सिर्फ आदिवासी समाज बल्कि बड़वानी जिले और संसदीय क्षेत्र के लिए गौरव का विषय है।

जनजाति समाज में उत्सव जैसा माहौल

स्थानीय निवासी, पूर्व पार्षदए भाजपा के वरिष्ठ नेता और भाजपा पिछड़ा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष वासुदेव मुकाती ने कहा कि हमारे जिले के दो लोगों के नाम यदि इस दौड़ में हैं,तो ये हम सबके लिए गौरव की बात है। जनजाति समाज में इसको लेकर उत्सव जैसा माहौल है। यदि आदिवासी नेतृत्व को इस तरह की बड़ी जिमेदारी मिलती है,तो इससे न केवल समाज का आत्मविश्वास बढ़ेगा,बल्कि ये एक सकारात्मक संदेश भी देगा।

प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा नहीं तो कौन?-चर्चा में अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम भी

आपको बता दे कि 30 जून को प्रदेश अध्यक्ष हेतु भाजपा ने अधि सूचना जारी कर दी थी। उस मान से लगभग आज दोपहर तक प्रदेशाध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए  प्रदेश के अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम भी चर्चा में है। जिनमें शुभंकर माने जाने वाले वीडी शर्मा को फिर से यह दायित्व मिलने की भी चर्चा मे है। संभावित नामों में नरोत्तम मिश्रा भी बहुत पहले से भोपाल-दिल्ली एक किए हुए हैं। बैतूल विधानसभा सीट से विधायक हेमंत खंडेलवाल, अनुसूचित जाति के होने के कारण लाल सिंह आर्य भी बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के दावेदार हैं। अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ ही हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा,देवास सांसद महेन्द्र सोलंकी,पूर्व विधायक अरविंद भदौरिया के नाम भी चर्चाओं में हैं। किसी महिला को मौका मिला तो सागर की सांसद लता वानखेड़े,बुरहानपुर की विधायक अर्चना चिटनीस और सीधी की विधायक रीति पाठक के नामों की भी चर्चा है। यदि नेतृत्व की बागडोर किसी आदिवासी नेता के हाथ में जाती है,तो ये भाजपा के सामाजिक संतुलन और समावेशी राजनीति के दृष्टिकोण को एक नई पहचान देगा। राजनीति में प्रतीकात्मकता से आगे बढ़कर वास्तविक सशक्तिकरण की दिशा में ये एक ठोस कदम हो सकता है। जिसका प्रभाव आने वाले चुनावों पर भी देखने को मिलेगा।

भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पर अब भी सस्पेंस बरकरार है

भारतीय जनता पार्टी-भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष,इस सवाल पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। कई नामों की चर्चा हो रही है। हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर संगठन चुनाव को लेकर पार्टी की तरफ  से कुछ भी नई जानकारी नहीं दी गई है। बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए आधे से अधिक राज्यों में संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरी होना अनिवार्य है। सूत्रों के अनुसार,अधिकांश राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में इन 3 दिग्गजों के नाम

राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए जिन दिग्गज नेताओं के नाम चर्चा में हैं,उनमें धर्मेंद्र प्रधान-केंद्रीय मंत्री, शिवराज सिंह चौहान- कैबिनेट मंत्री,मनोहर लाल खट्टर-कैबिनेट मंत्री जैसे दिग्गज शामिल हैं। इनमें से कुछ नाम संगठनात्मक अनुभव के आधार पर मजबूत माने जा रहे हैं,तो कुछ नाम राजनीतिक प्रतिनिधित्व और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखकर सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार प्रह्लाद जोशी,बीएल संतोष,सीटी रवि,धर्मेंद्र प्रधान,मनोज सिन्हा और भूपेंद्र यादव के नामों पर भी चर्चा चल रही है। संभव यह भी है कि कर्नाटक के नेता को ही यह जिम्मा मिल जाए ।

भाजपा में संगठन ही सर्वोपरि है

उस समय गुजरात प्रवास पर था। भाजपा में संगठन ही सर्वोपरि है और संगठन की यही विशेषता है कि वह किसी भी कार्यकर्ता को जिम्मेदारी सौंप सकता है। इस विषय में मेरे पास फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।

डॉ.सुमेर सिंह सोलंकी-राज्यसभा सांसद

फिलहाल कोई जानकारी नहीं

गत दिनों संसदीय क्षेत्र से बाहर संघ परिवार की बैठकों में व्यस्त था। इस दौरान मेरा मोबाइल भी बंद था और व्यस्तता के कारण मैं टीवी या समाचार चैनल नहीं देख पाया। इसलिए मुझे इस विषय में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।

गजेंद्रसिंह पटेल खरगोन-बड़वानी सांसद