डिजिटल पेमेंट का ट्रेंड बढ़ने से चिल्हर की समस्या खत्म,ग्राहकों व दुकानदारों को राहत-हुआ बदलाव का बहुत फायदा

छोटे सिक्के बाजार में नहीं होने से होती थी समस्या
झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-सह संपादक। जिले और शहर में डिजिटल पेमेंट के बढ़ते ट्रेंड ने न केवल लेन-देन को आसान बनाया है,बल्कि छोटे दुकानदारों और ग्राहकों की चिल्लर और छुट्टे पैसे की समस्या का भी समाधान कर दिया है। अब सब्जी-फल के ठेले से लेकर बड़े शॉपिंग मॉल्स तक, दुकानदार और ग्राहक क्यूआर कोड पर लेन-देन कर रहे हैंए जिससे नकद पैसे का झंझट खत्म हो गया है। साथ ही एक-दो रूपए के सिक्कों के चिल्हर की समस्या का समाधान हो गया है।
व्यापारियों को हर माह मिल रहा बचत का मौका
छोटे दुकानदारों को भी इस बदलाव का बहुत फायदा हुआ है। किराना व्यापारियो ने बताया कि डिजिटल पेमेंट से उधारी में कमी आई है और चिल्लर का झंझट भी खत्म हो गया है। डिजिटल पेमेंट से पैसे सीधे उनके खाते में पहुंच जाते हैं,जिससे उनके कारोबार में पारदर्शिता बढ़ी है और उन्हें हर माह बचत करने का मौका मिला है। पहले वे जो पैसे दुकान में खर्च कर देते थे,अब वह सीधे बैंक अकाउंट में जमा हो जाते हैं,जिससे हर माह 10 से 15 हजार रुपए की बचत हो रही है। यह सुविधा खासकर छोटे दुकानदारों के लिए वरदान साबित हुई है,जिनके पास नकद रूप में सीमित पैसा होता था। अब वे बिना पैसे गिनने की चिंता के अपने ग्राहकों से डिजिटल रूप से भुगतान ले पा रहे हैं और इससे उनके व्यवसाय में भी स्थिरता आई है।
समय की बचत व बैंकों पर भी दबाव कम
डिजिटल पेमेंट के बढ़ते चलन से एक और सकारात्मक प्रभाव यह हुआ है कि एटीएम काउंटरों पर भीड़ कम हुई है और बैंकों में भी दबाव कम हो गया है। पहले जहां लोग पैसे निकालने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहते थे,अब वे डिजिटल पेमेंट के माध्यम से अपना काम निपटा रहे हैं। इससे न केवल समय की बचत हो रही है,बल्कि बैंकों में ग्राहकों की लंबी कतारें भी कम हो गई हैं।
चिल्लर की समस्या को पीछे छोड़ दिया
दुकानों पर अक्सर ग्राहकों को छोटे सिक्कों को चलाने में दिक्कत हो रही है क्योंकि जिले में अघोषित रूप से एक-दो रुपए के सिक्के चलना बंद हो गए हैं। जिससे एक-दो रुपए के सिक्के बाजार से गायब हो गए थे,जिससे छोटी दुकानों पर यह समस्या बहुत बढ़ गई थी। लेकिन अब डिजिटल पेमेंट के बढ़ते चलन ने इस समस्या का हल निकाल लिया है। ग्राहक अब अपने फोन से यूपीआई एप जैसे गूगल पे,फोन पे,पेटीएम आदि के जरिए छोटे-बड़े सभी भुगतान आसानी से कर रहे हैं, जिससे चिल्लर की समस्या को पीछे छोड़ दिया है।
रिचार्ज व टिकट बुकिंग पर भी पड़ा असर
डिजिटल पेमेंट का प्रभाव बस, ट्रेन और हवाई टिकट बुकिंग जैसे कारोबार पर भी पड़ा है। टिकट एजेंट और ऑनलाइन मनी ट्रांसफर करने वाले व्यवसायियों ने बताया कि अब 90 प्रतिशत कारोबार डिजिटल पेमेंट से हो रहा है। बस,ट्रेन और हवाई टिकटों की बुकिंग ऑनलाइन होने के साथ.साथ यात्री सफर के दौरान भी डिजिटल भुगतान करते हैं। इससे सफर में कैश रखने की जरूरत नहीं रही और एटीएम से पैसे निकालने की चिंता भी खत्म हो गई। इसके अलावा, रेल टिकट के लिए काउंटर पर लाइन में लगने की भी अब आवश्यकता नहीं रही। यात्रियों को टिकट के साथ-साथ ऑनलाइन पेमेंट करने की सुविधा मिल रही है,जिससे पैसे भूलने या पॉकेट मारी होने के डर से भी छुटकारा मिल रहा है। वहीं युवाओं में डिजिटल पेमेंट का प्रचलन अधिक देखा जा रहा है। वे इसमें फोन पे,गूगल पे,पेटीएम आदि एप्स का इस्तेमाल कर रहे है।
हुआ बदलाव का बहुत फायदा
डिजिटल पेमेंट का बढ़ता चलन न केवल जिले के व्यापारिक क्षेत्र में बदलाव ला रहा है,बल्कि यह ग्राहकों और दुकानदारों दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। चिल्लर की समस्या से लेकर नकद लेन-देन की समस्याओं को डिजिटल पेमेंट ने आसान बना दिया है। इससे जहां समय की बचत हो रही है,वहीं व्यापार में पारदर्शिता भी बढ़ी है। छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े शॉपिंग मॉल्स तक,सभी डिजिटल पेमेंट को अपनाकर अपने कारोबार को नई दिशा दे रहे हैं।