बीमारियों से बचने का आसान मंत्र दिया एम्स के पूर्व डायरेक्टर पद्मश्री डॉ रणबीर सिंह गुलेरिया ने-तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी के निजी चिकित्सक भी रहे

लाइफ स्टाइल में एक्सरसाइज को शामिल कर लें, मोटापे और डाइट पर भी ध्यान दें
झाबुआ/ इंदौर। संजय जैन-सह संपादक। गत माह अभ्यास मंडल की 64वीं व्याख्यानमाला के समापन के मुख्य वक्ता-एम्स के पूर्व डायरेक्टर पद्मश्री डॉ.रणबीर सिंह गुलेरिया ने बढ़ती बीमारियों के निदान का आसान सा मूलमंत्र बताया था कि तीन दशक पहले और अब की जीवन शैली में जमीन आसमान का फर्क हो जाने से कई बीमारिया बढ़ रही है। ऐसे में बचाव का एक आसान तरीका तो यही है कि दैनिक जीवन में व्यायाम को शामिल करे और संयमित खानपान रखे जिससे मोटापे से जुड़ी बीमारियों के खतरो को भी टाल सकते हैं।चौबीस घंटे में 1440 मिनट होते हैं। अभी जो जीवन जी रहे हैं उसमें हम तीस मिनट भी व्यायाम के लिए नहीं निकाल पाते है निरंतर एक्टिव रहने से कैंसर, हार्ट अटैक और कई गंभीर बीमारी का खतरा कम हो जाता है। अब शहरों में एयर पॉल्युशन भी बीमारी बढ़ा रहा है, योगा करने से दमा सहित अन्य बीमारियों की समस्या कम हो जाती है।
ई-वाहनों को बढ़ावा देना होगा
उन्होंने आगे कहा कि 1990 से नॉन कम्युनिकेबल डिजिज (डायबिटिज, कैंसर, बीपी, हार्ट) आदि बीमारी का खतरा बढ़ गया है। हमारा पैदल चलना कम हो गया है। पहले साइकल चलाते थे, फिर दो पहिया और चार पहिया वाहनों का चलन बढ़ गया है। हवाई यात्र की सुविधा बढ़ने से यात्रियों के साथ वॉयरस भी आसानी से एक से दूसरे शहर पहुंच रहा है। पच्चीस साल पहले खाने में हरी सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में होती थी, अब ऑनलाइन फूड डिलिवरी से ,यह सब खाना हम भूल चुके हैं। पहले बच्चे मैदान में खेलते, अब कमरे में वीडियो गेम खेलते हैं। एम्स में हमने एयर पॉल्युशन बिगड़ने वाले दिनों पर स्टडी की तो पाया कि बच्चों और युवाओ में सांस संबंधी बीमारियां यकायक बढ़ जाने से मौत का आंकड़ा भी बढ़ गया है। एयर पॉल्युशन के खतरों को भांपते हुए सचेत होना होगा, ई-वाहनों को बढ़ावा देना होगा। गांवों में इनडोर एयर पॉल्युशन कम हुआ है तो उसका कारण एलपीजी गैस और बायोगैस उपयोग के चलन का बढ़ना भी है।
प्रिवेंटिव हेल्थ पर ध्यान देना बहुत जरूरी
बेहतर स्वास्थ्य के लिए सात से आठ घंटे सोना जरूरी है,लेकिन आज की पीढ़ी साढे पांच घंटे ही सो रही हैं, इससे मेमोरी लॉस के साथ उम्र तो घट ही रही है साथ ही अन्य बीमारियां भी बढ़ रही हैं। अधिक वजन और खर्राटे भी नींद से जुड़ी बीमारियों का कारण बन रहे हैं।
कोविड में स्वच्छ हवा का प्रतिशत घटने के साथ ही लोनलीनेस प्रॉब्लम, सोशल आइसोलेशन और स्ट्रेस जैसी समस्या से भी मौतें हुईं और बढ़ भी गई है।प्रिवेंटिव हेल्थ पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। प्रिवेंटिव हेल्थ के लिए देश में अभियान चलाना जरूरी हो गया है। इलेक्ट्रानिक सिगरेट, विपिंग, धूम्रपान, शराब का सेवन, हुक्काबार का चलन काफी अधिक बढ़ने से युवा पीढ़ी के फेफड़े खराब हो रहे है साथ ही कैंसर भी बढ़ रहा है।
बातचीत का समय मोबाइल ने कम कर दिया
अध्यक्षता कर रहे संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि इसे समझना होगा कि अब हेल्थ का संबंध फिजिकल, सोशल, मेंटल और इमोशनल हेल्थ से भी हो गया है। लाइफ स्टाइल ऐसी हो गई है कि खाने की टेबल पर भी बातचीत का समय मोबाइल ने कम कर दिया है।
तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी के निजी चिकित्सक भी रहे
संचालन कर रहे हरेराम वाजपेयी ने बताया कि डॉ. गुलेरिया तो पद्मश्री से सम्मानित हैं ही, उनसे पूर्व उनके पिता जसदेव सिंह गुलेरिया और बड़े भाई संदीप गुलेरिया को भी सरकार पद्मश्री से सम्मानित कर चुकी है। गुलेरिया तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी के निजी चिकित्सक भी रहे हैं। पद्मश्री डॉ.रणबीर सिंह गुलेरीया, किरण गुलेरिया, सुमित्रा ताई और संभागायुक्त दीपक सिंह का स्वागत डॉ. सुनंदा जैन, कुमद कोठारी, शरद पंडित, ओपी नरेडा, अभिनव धनोडकर, माला ठाकुर, फादर पायस लकरा और प्रकाश पाठक ने किया। मदन राणे, टीकमचंद गर्ग ने स्मृति चिह्न भेंट किया। व्याख्यानमाला की सफलता के लिए आभार अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता ने व्यक्त किया।