जिले एवं पेटलावद में मातृ शक्ति अधिकारी, भाजपा विधायक और मंत्री फिर भी होलकर स्टेट की महारानी माँ अहिल्या अपने पुराने स्टेट के शहर में ही,क्यो हो रही उपेक्षित.....?

क्या स्थानीय प्रशासन और नगर परिषद की कोई जवाबदारी नहीं बनती.....?
झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-सह संपादक। पूरे प्रदेश में होलकर स्टेट की महारानी लोकमाता अहिल्या बाई होलकर की 300 वी जयंती पुलिस से लेकर प्रधानमंत्री तक ने बड़ी धूमधाम से 26 मई से 31 मई 2025 तक जन कल्याणी पर्व मनाया भी गया। जिसके अंतर्गत प्रदेश में कई प्रकार के कार्यक्रम सरकार के सभी विभागों द्वारा आयोजित भी किए गए। प्रदेश में विगत 6 दिनों से विभिन्न आयोजन चल रहे थे। 31 मई शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं प्रदेश के दौरे पर भोपाल आए थे और उन्होंने कई योजनाओं की सौगात भी दी। इंदौर को मेट्रो तो उज्जैन को क्षिप्रा नदी पर घाट दिया, जिसका माँ अहिल्या बाईं के नाम से भी नामकरण भी किया ।
मातृ शक्ति अधिकारियों के रहते हुए भी अपने पुराने स्टेट के शहर में ही क्यो हो रही उपेक्षित, माँ अहिल्या बाईं...?
आपको बता दे कि होलकर स्टेट के अंतर्गत झाबुआ जिले का पेटलावद शहर भी आता है।जिसमें स्टेट समय से नगर पालिका भी बनी हुई है, जिसको आज नगर परिषद से जाना जाता है। जानकारी अनुसार 1717 में होलकर स्टेट की महारानी मां अहिल्या बाईं ने जो कि भगवान शंकर की परम भक्त थी ने एक शंकर भगवान का मंदिर बनवाया था।आज भी वह मंदिर काबिज भी है, वहा एक छोटा सा बगीचा बना हुआ है। यहाँ नगर के लोगो ने माँ अहिल्या बाईं की प्रतिमा वर्षो पहले लगाई थी।पुजारी का कहना है कि नगर परिषद का इस नगर की धरोहर पर कोई ध्यान ही नहीं है,जबकि नगर परिषद होलकर स्टेट की बनी हुई है। गौरतलब है कि इस छोटे बगीचे की सफाई के लिए नगर परिषद के कर्मचारियों और अधिकारी को दसों बार बोलना पड़ता है ,तब कही जाकर बगीचे की सफाई होती है,लेकिन नियमित सफाई की कोई भी व्यवस्था नही है। माँ अहिल्या अपने पुराने स्टेट के शहर में ही उपेक्षित क्यो हो रही है.....?
300 वी जयंती मनाने का कोई प्रयास तक ही नहीं किया गया....
चिंतनीय यह है कि पूरे प्रदेश में माँ अहिल्या बाईं की 300 वी जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जा रही है और छ: दिनों तक विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया,लेकिन स्थानीय प्रशासन ओर नगर परिषद के जवाबदार अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने माँ अहिल्या बाईं के स्टेट के पुराने शहर में उनकी 300 वी जयंती मनाने का कोई प्रयास तक ही नहीं किया।आपकी बता दे कि उनकी प्रतिमा का रंग रोगन और उसके आसपास की सफाई तक पर कोई भी ध्यान नहीं दिया गया। प्रतिमा की हालत जर्जर की ओर अग्रसर है,ऐसे में इस प्रतिमा को संगमरमर में परिवर्तित करने की बेहद आवश्यकता है,जबकि जिले और पेटलावाद दोनो जगह मातृ शक्ति आयएएस कलेक्टर व एसडीएम के साथ सीएमओ अधिकारी के रूप में पदस्थ भी है।
क्या अब मंत्री या मुख्यमंत्री करेंगे कार्यवाही या नही...?
पेटलावद विधानसभा क्षेत्र की विधायक सुश्री निर्मला भूरिया है,जो प्रदेश सरकार में केबिनेट मंत्री भी है और वह भी मातृ शक्ति ही है।वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भोपाल प्रवास में उपस्थित होने थी जिससे उनसे यह चूक शायद हो गई होगी। उल्लेखनीय है कि क्या जिले के अधिकारियों के अलावा स्थानीय भाजपा नेताओं को भी यह याद नहीं रहा कि आज माँ अहिल्या बाई की 300 वी जयंती है। प्रदेश सरकार ने तो बड़ी धूमधाम से प्रदेश में जयंती मनाई लेकिन जिले में माँ को उपेक्षित क्यो कर दिया गया...? आश्चर्य तो है किंतु सत्य तो है.....
क्या कोई सीएमओ का बाल भी बाका कर पायेगा...?
इतनी गंभीर चूक का जिम्मेदार किसे मान सकते है....?जबकि जिले और पेटलावाद दोनो जगह मातृ शक्ति आयएएस कलेक्टर व एसडीएम साथ सीएमओ अधिकारी के रूप में पदस्थ भी है। ,साथ ही पेटलावाद विधायक एवं मंत्री निर्मला भूरिया भी मातृ शक्ति ही है। देखा जाय तो मुख्य रूप से शहर की समस्त जवाबदारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी की ही होती है क्योंकि इनकी नियुक्ति मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग भोपाल के द्वारा ही की जाती है। उल्लखनीय है हाल ही में सीएमओ की बड़ी गंभीर लापरवाही सामने के आने के बाद भी इन पर अब तक कोई भी कार्यवाही नही हुई है,तो इस गलती पर तो क्या ही कोई उनका बाल भी बाका कर पायेगा...? ऐसा हमारा मानना है। क्या मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इतनी गंभीर त्रुटि के लिए कोई कार्यवाही करेंगे...? या उन्हें फिर मिल जाएगा किसी नेता का सरंक्षण या फिर अभयदान....?