प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री अब क्या कार्यवाही करेंगे या निर्णय लेंगे?

झाबुआ/इंदौर।संजय जैन-सह संपादक। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वैसे तो परिवहन चौकियो को समाप्त कर दिया है इसके बावजूद भी पिटोल (झाबुआ) नयागांव (नीमच) बालसमंद (बडवानी) औऱ बालाघाट जिले के पांडुतला में सूत्रों की माने तो अधिकतर परिवहन चौकियो पर आरटीओ परिवहन विभाग के लोग और उनके साथ निजी तौर पर गुंडे ही कह सकते है,जिन्हें खुलेआम दादागिरी करने हेतु चेक पोस्ट बनाकर बैठा दिया जाता है। इनकी अवैध वसूली व अभद्र व्यवहार की शिकायते आए दिन समाचार पत्रों में पढ़ने भी मिलती है। 

मामला झाबुआ जिले की पिटोल बेरियर का

गत दिनों एक मामला झाबुआ जिले की गुजरात सीमा से लगी पिटोल बेरियर का सामने आया था। पहले यहां आरटीओ परिवहन की जांच चौकी हुआ करती थी,जो अब पूरी तरह से बंद हो चुकी है।आपको ज्ञात हो कि अब इसी जगह आरटीओ उड़नदस्ता के कर्मचारियों ने ट्रक इत्यादि वाहनों से अवैध वसूली की जा रही है। हाल ही में आरटीओ उड़नदस्ता के कर्मचारीयो के साथ निजीतौर पर वसूली में सहयोग कर रहे व्यक्ति पर अचानक एक ट्रक उस पर ही चढ़ गया था जिसने उसकी मौत हो गई थी।जानकारी नुसार मृतक मंदसौर जिले का रहने वाला था। इस मामले को शायद अब दबा दिया गया है, जबकि समाचार पत्रों में यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित भी हुई थी। 

मामला बालाघाट जिले के पांडुतला का

नीमच का नयागांव और झाबुआ जिले का पिटोल तो काफी समय से चर्चित भी है । बीते दिनों बालाघाट जिले के पांडुतला में आरटीओ उड़नदस्ता के लोगो के साथ निजी बदमाश ने दो वाहन के ड्राइवर और क्लीनर के साथ अभद्र व्यवहार और उनसे मारपीट करते हुए वीडियो भी वायरल हुआ है उल्लखनीय है कि पीड़ित ट्रक कर्मचारियो ने भी आरटीओ उड़नदस्ते और निजी तैनात व्यक्ति को चप्पल से मार कर उसकी लू भी उतार दी थी।    

मामला बड़वानी जिले के बालसमंद बैरियर का

गौरतलब है कि ताजा मामला अब शुक्रवार 30 मई को बडवानी जिले के बालसमंद का सामने आया है। जहां लंबे समय से अवैध वसूली की शिकायत मिलती रहती भी थी।यहाँ का भी एक वीडियो वायरल हुआ जो बड़वानी जिले के बालसमंद बैरियर का है जिसमे आरटीओ पट्टी लिखे हुए वाहन में कुछ लोग आने जाने वाले वाहन चालकों के साथ अभद्र व्यवहार कर अवैध वसूली में साफ लिप्त दिखाई दे रहे है। आरटीओ लिखे वाहन का क्रमांक MP09AE 7776 है। वीडियो वायरल होने के बाद परिवहन विभाग हरकत में आया और परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने पत्र जारी कर उक्त बैरियर पर काम करने वाले आरक्षक देवेंद्र दांगी व आरक्षक नरेंद्र बरखड़े के विरुद्ध गम्भीर शिकायत होने से दोनों को निलंबित कर दिया ।ज्ञात रहे की परिवहन विभाग  जिले की चौकी पर केवल वसूली का कार्य कर रहे हैं वहीं जिले में परिवहन विभाग की परिवहन को लेकर भूमिका लगभग शून्य से दिखाई दे रही निलंबित किए गए आरक्षक परिवहन विभाग के अधिकारियों के निकटतम रिश्तेदार बताए जा रहे हैं।        

प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री अब क्या निर्णय लेंगे?

परिवहन चौकियो के बंद होने से अब वहा पर बेख़ौफ अवैध वसूली की दुकान चल पड़ी है,जिसका पूरा संचालन एक तरह से गुंडों और बदमाशों के हाथों में दिखाई पड़ता है। उल्लखनीय है कि जब कोई विरोध करता है तो उसे धोस-डपट, मारपीट और गुंडागर्दी से दबा दिया जाता है। प्रदेश की विभिन्न परिवहन चौकियां अवैध वसूली के नाम पर पूरी तरह से सतत बदनाम हो रही थी इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने इन्हें बंद करवा दिया था। मजेदार बात तो यह है कि इसके बाद अब परिवहन जाँच चौकियों कुछ प्रभावी और गुंडों के लिए कमाई का बेहतरीन जरिया बन गया है ।आगे यह देखना है कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री अब क्या कार्यवाही करते या निर्णय लेते है......?