सवाल खड़े कर दिए मंत्री की गैर-मौजूदगी ने राजनीतिक हलकों में

झाबुआ/इंदौर। । संजय जैन-सह संपादक। 20 मई को इंदौर में प्रदेश सरकार की पहली बार केबिनेट मीटिंग के शामिल होने लिए एक के बाद एक सायरन बजाती गाड़ियों का काफिला राजवाड़ा इंदौर के मुख्य द्वार पर रुकता जा रहा था। जैसे ही मंत्री के वाहन का गेट खुला,कैबिनेट मीटिंग कवर करने आये विभिन्न चैनलों के कैमरापर्सन और अखबारों के फोटो जर्नलिस्ट अलर्ट हो जाते थे,क्योंकि सबका सिर्फ  और सिर्फ  एक ही टारगेट था,मंत्री विजय शाह..। हालांकि तय था कि हाईकोर्ट द्वारा लिए स्वत संज्ञान के चलते सरकार अपनी किरकिरी नहीं कराएगी,अंतत शाह तो नहीं आए, लेकिन कैबिनेट मीटिंग में शामिल होने पूर्व मंत्री-विधायक उषा ठाकुर पहुंची,उनको इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने बाइट लेने के लिए उन्हें घेर लिया। वीडियो वायरल होने के बाद से जिस तरह प्रदेश भाजपा के नेता मंत्री विजय शाह मामले में कानून अपना काम करेगा की पारंपरिक लाईन बोलकर बच रहे हैं,ठीक कुछ ऐसा ही रवैया विधायक उषा ठाकुर के बयान का भी रहा। 17 मई को उन्होंने कहा कि जो होना था वो हो गया,भाजपा संगठन अपना काम करेगा। राजवाड़ा के मुख्यद्वार के बाहर मीडिया ने जब उस दिन विजय शाह के बयान पर प्रश्न पूछे तो,उनकी पहली प्रतिक्रिया थी कि उन्होंने विजय शाह को भाषण देते हुए देखा था लेकिन मंच पर मौजूद होने के बावजूद हम उन्‍हें सुन नहीं पाए थे.......!

दोनो ही धन्यवाद कह कर रवाना हो गए

इंदौर में प्रदेश सरकार की पहली बार केबिनेट मीटिंग ऐतिहासिक राजबाड़ा इंदौर पर हुई थी। इसमें शामिल होने आए मंत्री तो इस मुद्दे पर बोलने से बचते रहे थे, लेकिन केबिनेट के फैसलों की प्रेस ब्रीफिंग करने आए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय संबंधित जानकारी देने के बाद,जैसे ही प्रश्नों का सिलसिला शुरु हुआ वे और सीपीआर डॉ.सुदाम खाड़े दोनो ही धन्यवाद कह कर रवाना हो गए।

दीदी-दीदी एक मिनट

दोपहर में विधायक उषा ठाकुर जब कैबिनेट स्थल पर पहुंची थी,तो उन्हें मीडिया ने घेर लिया था। एक के बाद एक को वो बाइट दे कर जैसे ही आगे बढ़तीं,कोई अन्य चैनल वाला फिर रोक लेता...दीदी-दीदी एक मिनट. वो सवाल दोहराते,उस दिन विजय शाह ने जो बयान दिया उस पर आप क्या कहेगी? आप भी एक मातृ शक्ति महिला जन प्रतिनिधि हैं तो आप सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के अपमान पर क्या कहेगी? राष्ट्रवाद की परोकार नेत्री उषा ठाकुर ऐसे सारे सवालों का वह नपे-तुले शब्दों में सबको एक सा जवाब देते हुए,मासूमियत से कह रही थी, हम सब ने विजय शाह को भाषण देते हुए देखा,लेकिन मंच पर मौजूद होने के बावजूद हम उन्हें सुन नहीं पाए थे। मंच पर जो स्पीकर लगे थे,उनका मुंह सामने था, हम लोग पीछे बैठे थे,स्पीकर की आवाज हम तक आई ही नहीं थी,वे देशभक्ति के जोश में थे। इस मामले में जब दूसरे दिन इस पर हंगामा हुआ,तब हमने पूरा परिप्रेक्ष्य देखा,लेकिन जो उन्होंने कहा,वो मैंने सुना ही नहीं उनका यह बयान इस बात का भी संकेत है कि पार्टी के नेता और सरकार के अन्य मंत्रियों ने भी गले की हड्डी बने विजय शाह के विवादित बयान से बचने का शायद रास्ता तलाश लिया है। वे शायद इस मामले  में प्रतिक्रिया देना ही नहीं चाहते है।

जबकि 17 मई को विधायक उषा ठाकुर ने यह कहा था-ट्रेनिंग आयोजित की जानी चाहिए

मंच पर मुस्कुराती हुई नजर आईं महू से विधायक उषा ठाकुर ने शाह के विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि जो होना था, वह हो चुका है,कांग्रेस अपना काम करें। सभी लोग भली-भांति जानते हैं कि किसी की भी मंशा इस प्रकार की नहीं हो सकती है। जो होना था,वह हो चुका है,कभी-कभी जुबान फिसल भी जाती है,ऐसे विषयों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने भाजपा संगठन के निर्णयों को लेकर कहा कि अच्छा वक्ता बनाने के लिए हर साल एक ऐसी ट्रेनिंग आयोजित की जानी चाहिए, ताकि सभी नेता और कार्यकर्ता सही मार्गदर्शन पा सकें।

खड़ी हो चुकी राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी भी,शाह के समर्थन में

सीएम डा.मोहन यादव के कैबिनेट में उनकी सहयोगी और राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी भी शाह के समर्थन में खड़ी हो चुकी हैं। पिछले दिनों दिए बयान में राज्यमंत्री बागरी ने कह चुकी हैं कि बयान के जो शब्द है,वो अनुपयुक्त है लेकिन उन्होंने स्पष्टीकरण भी दिया है कि उनके कहने का तात्पर्य वह नहीं था। उन्होंने कहा कि निश्चित दौर पर शब्दों की हेरा-फेरी जरूर हुई हैं,बयान में कही भी अपमानित करने की मंशा तो नहीं हैं।

यह सब कहा था विजय शाह ने उस वीडियो में

महू के रायकुंडा गांव में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। वायरल वीडियो के अनुसार, उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानियों ने हमारे देश के लोगों के कपड़े उतारे,लेकिन हमने उनकी समाज की बहन-कर्नल सोफिया कुरैशी को भेजकर उनकी ऐसी तैसी करवा दी। विजय शाह ने आगे ये भी कहा कि आतंकियों ने कहा था,मोदी को बताना कि उन्होंने हमारे हिंदुओं को मारा और उनके कपड़े उतारे। इसलिए मोदी जी ने उनकी बहन को हमारी सेना के जहाज में भेजा, ताकि वो उन्हें सबक सिखा सके। इस दौरान मंच पर बीजेपी विधायक उषा ठाकुर व झाबुआ के सामाजिक कार्यकर्ता राजाराम कटारा समेत कई लोग मौजूद थे। मंत्री की गैर-मौजूदगी ने राजनीतिक हलकों में सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले 20 मई को इंदौर के राजवाड़ा पैलेस में आयोजित विशेष कैबिनेट बैठक में भी वह शामिल नहीं हुए थे,जो अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जयंती के उपलक्ष्य में थी।ताजा जानकारी नुसार सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को सुनवाई के लिए कल रोक दिया। एसआइटी कमिटी ने शाह के बयान नही लिए है इसलिए उन्हें जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु जुलाई का तक वक्त दिया गया है।