इंडिया मेडिकल स्टोर से महिला लेने गई दर्द निवारक दवा उसके बदले कुछ ओर दवाई दे डाली, महिला की हो गई मौत, मेडिकल संचालक हिरासत में

जिले में संचालित सभी मेडिकल स्टोर ओर लायसेंस किसके नाम ओर कौन संचालित करता है कि जांच होगी क्या?
मेडिकल स्टोर पर कार्यरत स्टाफ की शैक्षणिक योग्यता की भी जांच होनी क्या?
मेडिकल स्टोर में प्रतिबंधित दवाई तो नहीं है इसकी जांच करेंगे क्या?
झाबुआ /संजय जैन-सह संपादक l झाबुआ के पास धरमपुरी गांव की रहने वाली महिला की मौत इंडिया मेडिकल स्टोर के काउंटर पर बैठे व्यक्ति द्वारा दाढ़ दर्द की बजाय सल्फास देने से होना परिजन का कहना है।महिला की आधी गोली लेने के कुछ देर बाद मौत हुई यह बताया है इससे हड़कंप मच गया है। परिजनों ने जो जानकारी साझा की उस अनुसार मृतक महिला रेखा को दाढ़ में दर्द की शिकायत थी, जिसके चलते वह अपने पति ओर अन्य के साथ झाबुआ शहर के इंडिया मेडिकल स्टोर पर दवा लेने पहुंची थी। आरोप ओर जानकारी निकल कर आई है कि मेडिकल संचालक ने दर्द की दवा की जगह गलती से सल्फास की गोली दे दी, जिसे खाने के आधे घंटे बाद ही महिला की हालत बिगड़ गई और उसने दम तोड़ दिया। महिला की मौत से आहत परिजनों में आक्रोश फैल गया और वे शिकायत लेकर झाबुआ थाने पहुंचे। सूचना मिलते ही झाबुआ कोतवाली पुलिस हरकत में आई और संबंधित मेडिकल संचालक को हिरासत में ले लिया गया वही आनन फ़ानन में ड्रग इंस्पेक्टर ने मौके पर पहुंचकर मेडिकल दुकान को सील कर दिया है। साथ ही मेडिकल का लाइसेंस भी जप्त कर लिया गया है यह जानकारी मिली है। मृत महिला के परिजनों और सामाजिक संगठनों ने इसे गंभीर लापरवाही बताते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
जयस सामाजिक संगठन उतरा मैदान में इस मामले को लेकर
झाबुआ जिले में तमाम आदिवासी सामाजिक संगठनों ने भी मोर्चा खोल दिया है। जयस संगठन के जिलाध्यक्ष विजय डामर ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि कई मेडिकल स्टोर बिना डॉक्टर की सलाह के सीधे मरीजों को दवा दे रहे हैं, जो मानव जीवन के लिए खतरा न बन जाए उसके लिए आदेश जारी होना चाहिए। मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित दवाई तो नहीं बेची जा रही है।ऐसे सभी मेडिकल स्टोर्स की जांच
की जानी चाहिए।
सल्फास मेडिकल में कैसे पहुंची?
मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक सल्फास दवा नहीं है और इसका मेडिकल स्टोर्स पर बेचना प्रतिबंधित है। इसके बावजूद यह जहर मेडिकल स्टोर तक कैसे पहुंचा, यह एक बड़ा सवाल बनकर सामने आया है था लेकिन सूत्रों की माने तो मेडिकल संचालक ने यह बात कबूली है कि वह सल्फास घर के उपयोग के लिए लाया था जो गलती से मृतक महिला को दे दी गई अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह पुलिस जांच में ही पता चलेगा।
पुलिस प्रशासन क्या कार्रवाई करेगा
इंडिया मेडिकल स्टोर के काउंटर बाय से यह गलती अनजाने में हुई या चूक हुई बरहाल जांच का विषय है, हालांकि इंडिया मेडिकल स्टोर झाबुआ में काफी पुराना मेडिकल स्टोर है जिसको लगभग 50 साल के आसपास हो गए है ऐसी जानकारी निकल कर आई है। इस घटना की सूक्ष्म जांच कर सख्त कार्यवाही हो।
जिले के सभी मेडिकल स्टोर की जांच हो
लेकिन यह कटु सत्य है कि झाबुआ जिले में कई मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे ओर सूत्रों की माने तो कोई किराए पर लाइसेंस लेकर संचालित कर रहा तो कोई कमीशन ओर भागीदारी ओर ओर कई मेडिकल स्टोर पर ऐसे लोग कार्यरत है जो अधिक पढ़े लिखे नहीं केवल अनुभव के आधार पर ही पर्ची की भाषा देखकर गोली,दवाई,इंजेक्शन, बोतल दे देते है लेकिन जो हुआ जाने अनजाने में फिर न हो उसके लिए जिला प्रशासन ओर ड्रग निरीक्षक, मुख्य जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भी कड़े कदम उठाना पड़ेंगे अन्यथा फिर कोई बलि न चढ़ जाए
इनका कहना
थाना कोतवाली में एक मर्ग कायम हुआ था जिसमें रेखा(उम्र 32 वर्ष) ने जहरीली वस्तु खा ली थी जिससे उसकी मृत्युः हुई इस घटना की जानकारी में उनके पति ने बताया कि रेखा निवासी धरमपुरी जो झाबुआ के पास है ने झाबुआ में इंडिया मेडिकल स्टोर से दाढ़ दर्द की दवाई ली थी उसको लेने कुछ देर बाद मृत्यु हो गई इस संबंध मेडिकल संचालक को हिरासत में लिया उसके कथन पर एफआईआर दर्ज की ओर मृतक के शॉर्ट पीएम की रिपोर्ट भी प्राप्त हुई जिसमें कुछ जहरीला वस्तु खाने का लिखा उस आधार पर BNS की धारा 105 में प्रकरण दर्ज किया है और कार्यवाही की जा रही है।
पद्म विलोचन शुक्ला पुलिस अधीक्षक
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए कुछ आवश्यक नियम हैं
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए फार्मेसी की डिग्री या डिप्लोमा होना चाहिए और ड्रग लाइसेंस प्राप्त करना होगा। इसके अलावा, दुकान एवं प्रतिष्ठान पंजीकरण, जीएसटी पंजीकरण और अन्य आवश्यक लाइसेंस और परमिट होना चाहिए।
विस्तृत जानकारी
फार्मेसी डिग्री/डिप्लोमा:
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए फार्मेसी में डिग्री या डिप्लोमा होना चाहिए जैसे कि बी.फार्मा, डी.फार्मा आदि।
ड्रग लाइसेंस:
भारत में मेडिकल स्टोर खोलने के लिए ड्रग लाइसेंस आवश्यक है। यह केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) या राज्य औषधि नियंत्रण संगठन के माध्यम से प्राप्त किया जाता है.
दुकान एवं प्रतिष्ठान पंजीकरण: दुकान को दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत पंजीकृत होना चाहिए।.
जीएसटी पंजीकरण:
मेडिकल स्टोर दुकान के लिए जीएसटी पंजीकरण भी होना चाहिए.
अन्य लाइसेंस और परमिट:
मेडिकल स्टोर के लिए राज्य और स्थानीय सरकार से आवश्यक अन्य लाइसेंस और परमिट भी लेने होते है।
पंजीकृत फार्मासिस्ट:
मेडिकल स्टोर में एक पंजीकृत फार्मासिस्ट की आवश्यकता होती है जो स्टोर में मौजूद हो.
अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी):
यदि आप दुकान किराए पर है तो मकान मालिक की noc होना चाहिए।