झाबुआ। संजय जैन- सह-संपादक। आपको बता दे कि जहां एक ओर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूरे प्रदेश में नवीन आदेशानुसार शराब दुकानों को मंदिरों के आस पास से हटाने के निर्देश दिए है, वही दूसरी ओर झाबुआ में कुछ ओर ही नजारा देखने को मिल रहा है। जहां मुख्यमंत्री के आदेश को नजर अंदाज कर उनका पालन ही नहीं किया जा रहा है । प्राप्त जानकारी के अनुसार झाबुआ जैन समाज के वरिष्ठजनों ने बताया कि नगर में स्थित किशनपुरी क्षेत्र में गौड़ी पार्श्वनाथ जैन तीर्थ मंदिर स्थित है,जहां पर नगर ही नहीं ,अपितु प्रदेश के कई हिस्सों एवं राज्यों से दर्शन वंदन के लिए तीर्थयात्री आते हैं साथ ही आए दिन इस तीर्थ मंदिर में कई बड़े बड़े आयोजन भी होते रहते है। ऐसे में गौडी पार्श्वनाथ तीर्थ मंदिर के सामने ही महज कुछ ही दूरी पर शराब का ठेका संचालित किया जा रहा है,जो कि नियमों को ताक पर रख कर प्रभावी ठेकेदार इसका संचालन बेख़ौफ कर रहा है। इस तीर्थ स्थल पर कई साधु संतों का आवागमन सतत होता रहता है,ऐसे में तीर्थ मंदिर के सामने शराब की दुकान संचालित होने के कारण संपर्ण जैन समाज में इसका विरोध प्रदर्शन शुरू भी हो चुका है। 

बेहद ही शर्मनाक और गंभीर मामला

यह एक बेहद ही शर्मनाक और गंभीर मामला है।जहां एक और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के 17 धार्मिक स्थानों में शराब दुकान को बंद कर वहा पर उन्होंने पुरी तरह से शराब बंदी लागू कर दी है। नियमानुसार कही पर भी यदि कोई भी धार्मिक स्थान चाहे वह किसी भी धर्म का हो, कोई भी शिक्षा संस्थान हो तो वहा से कम से कम 300 मीटर की दूरी पर शराब के साथ कोई पान गुटके की दूकानों का भी संचालन नहीं कर सकता है। इस नियम के विपरीत झाबुआ गौडी पार्श्वनाथ जैन तीर्थ मंदिर के सामने यदि शराब के ठेके का संचालन बेख़ौफ हो रहा है, यह तो बहुत ही गलत और अक्षम्य अपराध की श्रेणी में आता है।

होगा उग्र आंदोलन जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी

जैन समाज के वरिष्ठ एवं समाजसेवी डॉ. यशवंत भंडारी ने बताया कि  जिला प्रशासन, आबकारी विभाग या शराब के ठेकेदार का ऐसे अक्षम्य कृत्य का निर्णय बेहद ही शर्मनाक और धार्मिक भावना को ठेस पहुचाने वाला है। इसका केवल जैन समाज ही नहीं, वरन पूरा सनातन व हिन्दू समाज जोर शोर से विरोध करता है। निश्चित रूप से हम और सर्व समाज कोशिश करेंगे कि वहा से शराब दुकान तुरंत प्रशासन द्वारा हटाई जाए। यदि प्रशासन समय रहते नही जागा और इस शराब की दुकान नहीं हटवाता है तो हम आगे उग्र आंदोलन के साथ चक्का जाम भी करेंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी। जिला प्रशासन से अपील है कि उक्त मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इस ओर उचित कार्यवाही करे।

संसदीय क्षेत्र में भाजपा के तीन तीन *कैबिनेट मंत्री और सांसद रहते हुए भी प्रशासन का ऐसा कृत्य बेहद ही शर्मनाक

 जैन समाज के जैन श्वेताम्बर संघ के अध्यक्ष और भाजपा नेता मनोहर मोदी ने बताया कि प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव जिन्होंने ऐसा काबिले तारीफ निर्णय लिया है कि धार्मिक स्थानों पर शराब की दुकाने नहीं होना चाहिए। उसके उपरांत भी यदि जिला प्रशासन और आबकारी विभाग ने इस तरह का निर्णय लिया है तो वे सीधे सीधे मुख्यमंत्री को बौना साबित कर रहे है। जैन और सर्व समाज इसका पूरा जोर शोर से से विरोध करेगा। भाजपा नेता होने की हैसियत मैं उक्त अक्षम्य कृत्य को मुख्यमंत्री के संज्ञान में अवश्य लाऊंगा। साथ ही मंदिर के आसपास मांस की दुकाने भी है। पूर्व में भी जैन समाज की ओर से इन दुकानों को हटाने के लिये एसडीएम को आवेदन भी दिया था। आगे हम सब एकजुट होकर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को इस अक्षम्य कृत्य को अवगत भी कराएंगे। झाबुआ रतलाम संसदीय क्षेत्र की तीन तीन कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया,चेतन कश्यप,नागर सिंह चौहान एवं सांसद अनिता चौहान के रहते हुए ही ऐसा अक्षम्य कृत्य हो रहा है,तो यह झाबुआ के लिए बड़े ही शर्म की बात है। यदि 15 से  20 दिनों में यह शराब की दुकान यहाँ से नही हटवाते है तो हम आगे चलकर पक्का उग्र आंदोलन करने हेतु विवश हो जाएंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी। 

किस आधार पर इस तरह का  विवेकहीन अक्षम्य निर्णय लिया गया?

जैन समाज के जिला संगठन से सुनिल संघवी ने बताया कि आबकारी विभाग ने किस आधार पर इस तरह का  विवेकहीन अक्षम्य निर्णय लिया है? जबकि जैन समाज का इतना बड़ा जैन तीर्थ स्थल है उसके आवजूद भी शराब दुकान के संचालन की अनुमति निश्चित आंख मूंद कर दे डाली है। सम्पूर्ण जैन और सर्व समाज इस निर्णय का घोर विरोध और निंदा करता है।