इंदौर-उज्जैन के बीच ग्रीन फील्ड तकनीक से बनेगा फोरलेन, खेतों के बीच से नॉन स्टॉप गुजरेंगे वाहन

झाबुआ/ इंदौर।संजय जैन-सह सम्पादक।  सिंहस्थ 2028 के पूर्व इंदौर से उज्जैन के बीच जो नया फोरलेन बनाया जाना है,वह ग्रीन फील्ड तकनीक के तहत बनाया जाएगा। यानी यह फोरलेन खेतों के बीच से होकर शायद निकलेगा। घोषित तौर पर इस तकनीक से फोरलेन निर्माण में अनावश्यक बाधाओं के कारण होने वाला विलंब नहीं होगा और अघोषित तौर पर जिस रूट का चयन फोरलेन निर्माण के लिये हुआ है,उसके आसपास के खेतों वाले किसानों की बल्ले-बल्ले हो जाएगी, क्योंकि फोरलेन के आसपास की जमीन के भाव वैसे ही कई अधिक बढ़ जाते भी हैं।

यात्रा को तेज़,सुगम और आसान बनाएगा

यह नया फोरलेन हाईवे इंदौर-उज्जैन इन दो जिलों के बीच न केवल यात्रा को तेज़,सुगम और आसान बनाएगा, बल्कि इससे आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।ग्रीन फील्ड तकनीक का उपयोग करते हुए उज्जैन-इंदौर के बीच एक नया फोरलेन, पैव्हड शोल्डर के साथ, ग्रीन फील्ड तकनीक पर ही बनाया जाएगा। जिस पर वाहनों का नॉन स्टॉप आवागमन हो सकेगा। 

क्या है ग्रीन फील्ड तकनीक? 

ग्रीन फील्ड का अर्थ है कि यह सड़क खेतों या खाली क्षेत्रों से होकर नए ट्रैक पर बनाई जाएगी। इससे निर्माण कार्य जल्दी पूरा होता है और ट्रैफिक पर कोई असर नहीं होता। यह रास्ता खेतों से होकर बनाया जाएगा। जिस पर वाहनों का आवागमन नॉन स्टॉप होगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ेगा व्यापार

मध्य प्रदेश में सिंहस्थ बायपास फोरलेन परियोजना अब प्रशासकीय मंजूरी और सर्वे के बाद निर्माण की दिशा में तेजी से बढ़ रही है, जो कि उज्जैन और आसपास के क्षेत्र के लिए बड़ी सौगात भी मान सकते है। फोरलेन इंदौर एयरपोर्ट के निकट से शुरू होकर सुपर कॉरिडोर से चिंतामण गणेश मार्ग, चंद्रावतीगंज, अजनोद, खजूरिया, हातोद सहित कई गांवों से होकर सिंहस्थ बायपास तक बनने वाला हैं। इससे श्रद्धालु इंदौर एयरपोर्ट से 30 मिनट में ही महाकाल मंदिर पहुंच सकेंगे। साथ ही पीथमपुर के औद्योगिक क्षेत्र को भी शामिल किया जा सकेगा, जिससे उज्जैन से इंदौर तक व्यवसायिक विकास के साथ-साथ आवासीय भी विकसित हो सकेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापार करने वालों को नौकरी मिल सकेगी । 

वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोगी होगा

सिंहस्थ बायपास फोरलेन भी विकसित हो सकेगा। फोरलेन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के साथ सर्वे कार्य पूरा हो गया है। 48 किलोमीटर की इस सड़क को मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) इंदौर द्वारा करीब 1370 करोड़ रुपये से बनाया जाएगा। इसके निर्माण से इंदौर, उज्जैन और पीथमपुर जाने वाले यात्रियों और श्रद्धालुओं को और अधिक रास्ता मिल सकेगा। नया इंदौर-उज्जैन फोरलेन निर्माणाधीन सिक्स लेन पर ट्रैफिक लोड बढ़ने या जाम लगने पर वैकल्पिक मार्ग के रूप में प्रयोग किया जाएगा।

जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरु 

उज्जैन-इंदौर ग्रीन फील्ड फोरलेन हाईवे के लिए ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो कि इस परियोजना के प्रारंभिक चरण में एक बड़ा और आवश्यक अहम कदम भी है।प्रशासकीय स्वीकृति होने के बाद सर्वे कार्य किया जाकर,अब भू-अर्जन जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया की जा रही है। इसके तहत चांदमुख गांव की करीब 5.123 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया प्रशासनिक स्तर पर चल तो रही है। सिंहस्थ-2028 को दृष्टिगत रखते हुए,इंदौर-उज्जैन फोरलेन को सिक्स लेन में तो सिंहस्थ बायपास को टू-लेन से फोरलेन में बदला जा रहा है। इससे सड़कों की कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ ही आवागमन में आसानी हो सकेगी।