प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक नोक-झोक पर अलग हट कर,संघर्ष से सिद्धि की विशेष पेशकश : संजय जैन-संजय जैन-सह संपादक की कलम से

जहां उंगली करनी है,करो मगर पुलिस के खिलाफ कुछ भी लिखा या दिखाया तो यही हश्र होगा पहले पुतले ने फिर कलेक्टर ने सुनी बात विधायक का खनन कारोबार जांच के घेरे में जमीर जिंदा रहे,यह जरूरी है विधायक की बंदूक देख भागे बदमाश सीएम ने किया था सम्मान,अब तलाश रही पुलिस
भिंड पुलिस का पत्रकारों के साथ मना विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस
झाबुआ/इंदौर। । संजय जैन-सह संपादक। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर प्राप्त जानकारी नुसार भिंड एसपी असित यादव के चैंबर में पत्रकारों को सिर्फ ,इसलिए पीटा गया क्योंकि उन्होंने पुलिस के खिलाफ अवैध रेत खनन और वसूली की खबरें प्रकाशित की थी,,इस घटना के बाद से पत्रकारों में डर का माहौल है। कई पत्रकारों ने तो भिंड जिला ही शायद छोड़ दिया है। पत्रकारों का कहना है कि पुलिस की सह पर जिले में रोड पर अवैध वसूली चल रही थी। यह मामला लगातार उजागर करने से,खफा एसपी असित यादव ने पत्रकारों को अपने चैंबर में चाय पर बुलाया था,वहां पर पहले से अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे। इन सभी ने मिलकर पत्रकारों की चप्पलों से जमकर पिटाई की। इतना ही नहीं पत्रकारों और उनके परिजनों को झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दी।
जहां उंगली करनी है,करो मगर पुलिस के खिलाफ कुछ भी लिखा या दिखाया तो यही हश्र होगा
पुलिस अधिकारियों की अभद्रता और मारपीट के बाद पीड़ित पत्रकारों ने अपना घर और जिला दोनो शायद छोड़ भी दिया है। सूत्रों नुसार पुलिस अधिकारियों ने पत्रकारों की पिटाई करते हुए चेतावनी भी दे डाली थी कि जहां उंगली करनी ह,करो अगर पुलिस के खिलाफ कुछ भी लिखा या दिखाया तो तुम्हारा हर बार यही हश्र होगा। पीड़ित पत्रकारों ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से शिकायती आवेदन देकर अपनी आपबीती तो बताई है,पर जो भी एक्शन होना है वह तो शासन स्तर पर ही होगा।
पीसीसी चीफ ने जारी किया वीडियो कहा-क्या भाजपा शासित मध्य प्रदेश में यह नया लोकतंत्र?
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ट्वीट कर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा है कि कई पत्रकारों को चप्पलों से पिटवाना क्या भाजपा शासित मध्य प्रदेश में नया लोकतंत्र है? जिस खाकी वर्दी को जनता की सुरक्षा के लिए पहनाया गया,वह अब आतंक और दमन का प्रतीक बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि खनन माफियाओं को लेकर सवाल पूछने पर अगर पत्रकारों को पुलिस थाने में चप्पलों से पीटा जाता है तो आम जनता की क्या बिसात बचती है?
जमीर जिंदा रहे,यह जरूरी है
धार्मिक यात्रा के दौरान गुना में बवाल के बाद हटाए गए एसपी संजीव कुमार सिंहा का यह 29 वां तबादला है। इतने तबादले यह समझने के लिए भी पर्याप्त है कि उनकी कार्यशैली निष्पक्ष और बिना दबाव के काम करने वाली है। तभी तो उन्होंने अपनी फेयरवेल पार्टी में कहा मेरा प्रयास रहता है कि जो जमीर बोले,वही करना चाहिए। अब तक उनका 29 बार तबादला हुआ है। लेकिन जिस जगह अधिक समय बिताने का अवसर मिल जाए, वहां उनकी भावनाएं कुछ अलग होती हैं। इस समारोह में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमिताभ मिश्रा ने भी उनकी कार्यशैली की सराहना की। गुना कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने भी कहा कि एसपी अच्छा काम कर रहे थे,लेकिन वे अपने अधीनस्थों पर अधिक विश्वास करते हैं। ऐसे में अधीनस्थों को यह समझना चाहिए कि उनके अधिकारी पर आंच नहीं आ सके। सिंहा की जगह पदस्थ किए गए नवागत एसपी अंकित सोनी ने अपनी प्राथमिकता बताई कि वे सोशल पुलिसिंग पर जोर देने वाले हैं।
पहले पुतले ने फिर कलेक्टर ने सुनी बात....
दो माह पूर्व बड़वानी जिले के किसानों ने कलेक्टर गुंचा सनोबर से मुलाकात कर एक संयुक्त बैठक करने का निवेदन किया था। उद्देश्य यही था कि किसानों की समस्या सुनें और कलेक्टर निराकरण करें। कलेक्टर की व्यस्तता और फिर अवकाश पर चले जाने से यह बैठक टल गई। आखिरकार परेशान किसानों ने बड़वानी जिला मुख्यालय पर सतत पांच दिन धरना भी दिया था,फिर भी जिला प्रशासन की बेरुखी जारी रही। कोई अधिकारी चर्चा करने नहीं आया,तो किसानों ने कलेक्टर का पुतला बनाया,उस पुतले से अपने मन की बात की। सोशल मीडिया पर इस घटनाक्रम के वायरल होने के बाद प्रभारी कलेक्टर ने किसानों को बैठक के लिए बुला लिया। बड़वानी की प्रभारी कलेक्टर काजल जावला और पुलिस अधीक्षक जगदीश डाबर ने भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों दयाराम पाटीदार,भगवान पटेल कमल सिंह तोमर आदि के साथ विस्तार से चर्चा की और उचित कार्रवाई के निर्देश दे दिए,तब जाकर किसानों ने भी आंदोलन स्थगित कर दिया ।
विधायक की बंदूक देख भागे बदमाश
लहार के भाजपा विधायक अंबरीश शर्मा गुड्डू ने वह कर दिखाया जो स्थानीय पुलिस को करना था। एक युवक युवराज सिंह राजावत रावतपुरा सानी मोड़ पर एक टपरी पर बैठा था। इसी बीच हथियारबंद कुछ बदमाश पहुंचे और उसके साथ मारपीट करने लगे। इस युवक ने शेयर मार्केट में निवेश के लिए,उनसे रुपए उधार लिए थे। उधारी नहीं लौटाने पर बदमाश उसे घेरकर मारपीट करने आए थे। इसी दौरान विधायक अंबरीश का वहां से निकलना हुआ। विधायक ने युवक को खतरे में देखकर तुरंत अपनी गाड़ी रुकवाई और अपनी लायसेंसी बंदूक लेकर युवक को बचाने पहुंच गए। विधायक को देखकर सभी बदमाश मौके से रफू -चक्कर हो गए।
विधायक का खनन कारोबार जांच के घेरे में
शिवराज सरकार के वक्त भाजपा ज्वाइन करने वाले विधायक-खनन कारोबारी संजय पाठक की खदानों की जांच के आदेश मोहन यादव सरकार ने दिए हैं। खनिज संसाधन विभाग की अवर सचिव शर्मिला ठाकुर ने जांच के लिए दो खनिज अधिकारियों का दल गठित किया है,ो 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट देगा। जबलपुर निवासी आशुतोष मनु दीक्षित ने खनिज विभाग के साथ ही पीएमओ में जो शिकायत की थी,उसमें जिले की सिहोरा तहसील में स्थित मेसर्स आनंद माइनिंग कारपोरेशन,मेसर्स निर्मला मिनरल्स और पेसिफिक एक्सपोर्ट पर सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के विपरीत खनन कार्य करने के गंभीर आरोप लगाए थे। मेसर्स आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन में निर्मला पाठक और यश पाठक पार्टनर हैं। इस कंपनी के एमडी वरुण गौतम हैं। इसी तरह निर्मला मिनरल्स और पैसिफिक एक्सपोर्ट में भी परिजन शामिल हैं। शिकायत में शासन को एक हजार करोड़ रुपए की राजस्व हानि बताते हुए ब्याज सहित 1500 करोड़ वसूलने की मांग भी थी ।
सीएम ने किया था सम्मान,अब तलाश रही पुलिस
राजगढ़ ब्यावरा नगरपालिका सीएमओ इकरार अहमद की रिपोर्ट पर वारिस खान पर प्रकरण दर्ज किया गया है। वारिस खान ब्यावरा शहर में खुद को नगरपालिका कर्मचारी बताकर करीब 1000 नल कनेक्शन कर दिए। इस दौरान लोगों से एक कनेक्शन पर करीब ढाई हजार रूपए भी वसूले। नवम्बर 2024 में प्लंबर वारिस खान ने एक हिंदू परिवार की जान बचाई थी। इस पर सीएम मोहन यादव ने एक लाख रुपए की राशि देकर सम्मान भी किया था। इस दौरान राजगढ़ कलेक्टर ने भी वारिस खान को कलेक्ट्रेट कार्यालय में बुलाकर 5 हजार रुपए की राशि प्रदान कर सम्मानित किया था। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने वारिस खान से वीडियो कॉल पर चर्चा भी की थी, जिसके बाद वारिस खान सुर्खियों में आ गया था।
नाली चोरी हो गई
सिंगरौली में नगर निगम के अधिकारियों ने ठेकेदार से सांठगांठ कर नाली निर्माण के नाम पर लाखों रुपये का गोलमाल किया है । नगर निगम के वार्ड क्रमांक 36 में दिनेश प्रताप सिंह हाउस से जयनगर सड़क तक बनी,मगर नाली चोरी हो गई। नाली निर्माण के लिए दो साल पहले 18 लाख 72 हजार रुपये का टेंडर हुआ था। नाली निर्माण हो गया है,इसकी तस्दीक निगम अधिकारियों ने नाली के साथ फोटो खिंचवा कर कर दी,जबकि नाली बनाई ही नहीं। निगमायुक्त डीके शर्मा अब इस नाली कांड की जांच करवा रहे हैं,पुलिस में भी प्रकरण दर्ज करा सकते हैं।