सावधान! केवाइसी अपडेट के नाम पर साइबर ठग उड़ा रहे रुपए-रिटायर्ड अधिकारी और पेंशनधारी हैं निशाने पर

रिटायर्ड कर्मचारियों को बनाया जा रहा टारगेट,24 घंटे में खाली हो रहा खाता
झाबुआ/इंदौर।संजय जैन-सह संपादक। अगर आपको व्हाट्सएप या मैसेज पर कोई लिंक मिले जिसमें लिखा हो केवाईसी अपडेट कराओ और 50 लाख का इनाम पाओ,तो तुरंत सतर्क हो जाइए! यह किसी भी बैंक की स्कीम नहीं,बल्कि साइबर ठगों का नया जाल है। इन दिनों एसबीआई के नाम पर फर्जी लिंक भेजकर ग्राहकों के खाते खाली किए जा रहे हैं। ठग पहले वॉट्सएप या मैसेज भेजते हैं,जिसमें एक फर्जी वेबसाइट लिंक होता है। इस लिंक पर क्लिक करने पर एसबीआई जैसी दिखने वाली वेबसाइट खुलती है,जहां लॉगिन करने के लिए यूजरनेम और पासवर्ड मांगा जाता है। यूजर जैसे ही ये जानकारी भरता है,ठग उसके खाते को कुछ ही मिनटों में साफ कर देते हैं और व्यक्ति के साथ ठगी हो जाती है।
अब रिटायर्ड अधिकारी और पेंशनधारी हैं निशाने पर
साइबर अपराधी अब ऐसे लोगों को टारगेट कर रहे हैं,जो पेंशन लेते हैं या हाल ही में रिटायर हुए हैं। झांसा दिया जा रहा है कि आपका पेंशन अटक सकती है, सुविधाएं बंद हो सकती हैं,बैंक खाता फ्रीज होगा,जिससे लोग घबरा कर खुद ही सारी जानकारी दे बैठते हैं। ठग बहाने बनाकर ओटीपी मांगते हैं। जैसे ही व्यक्ति ओटीपी देता है, उसके खाते से रकम उड़ जाती है। कई मामलों में पीड़ितों को तब पता चलता है,जब बैंक से पैसा निकलने का मैसेज आता है।
क्या करें और क्या न करें?
-कोई भी लिंक बैंक की वेबसाइट लगती हो,लेकिन एसएमएस या व्हाट्सएप पर भेजी हो,उस पर क्लिक न करें।
-बैंक कभी भी केवाईसी अपडेट के लिए लिंक नहीं भेजता।
-ओटीपी,पासवर्ड साझा न करें।
-यदि ठगी हो जाए तो 24 घंटे के भीतर हेल्पलाइन 155260 पर संपर्क करें।
-नजदीकी बैंक शाखा व पुलिस स्टेशन को तत्काल सूचित करें।
पुलिस और बैंक की अपील
पुलिस की अपील है कि वे ऐसे लालच भरे ऑफरों से बचें। कोई भी संदिग्ध लिंक या कॉल मिले तो उसकी सूचना तुरंत दें। साइबर ठगों से लड़ने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।
प्रेमलाल कुर्वे- एडिशनल पुलिस अधीक्षक,झाबुआ