मामला लीपापोती की ओर अग्रसर नजर आ रहा या मंत्री करेंगे कार्यवाही?


झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-सह संपादक। गत 23 मार्च को पेटलावद में दिल दहला देने वाले हादसे ने सबको झंनझोकर कर रख दिया था। इसे नगर परिषद अधिकारियों की लापरवाही ,अनदेखी या फिर रसूखदार का दबाव भी कह सकते हैं। जैसा कि सभी को ज्ञात है पेटलावाद नगर के बाहर थांदला रोड पर पेट्रोल पंप के पीछे नगर परिषद से बगैर अनुमति लिए एक सिनेमाघर का निर्माण करीबन 7 - 8 माह से सतत चल रहा था जिसका छत लेवल तक कार्य भी किया जा चुका था । ठेकेदार की लापरवाही या घटिया निर्माण से अचानक उक्त अवैध निर्माण की छत भड़भड़ाकर गिर गई,जिसमे 2 मजदूरों की दर्दनाक मौत और 5 घायल हो गए थे।उपरोक्त निर्माण नरसिंहदास उर्फ (नवीन)पिता प्रकाशचंद्र बैरागी निवासी पेटलावद के द्वारा कराया जा रहा था। 

अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी

उक्त निर्माण हेतु परिषद पेटलावद से कोई अनुमति प्राप्त नही की गई थी।  एसडीएम ने संबंधित के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की साथ ही सीएमओ पेटलावद से स्पष्टीकरण मांगा गया था। उसके बाद हादसे की संपूर्ण जांच के लिए कलेक्टर नेहा मीना ने जांच समिति का गठन कर जांच के निर्देश दिए थे। तीन सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को प्रस्तुत कर दी थी।कलेक्टर झाबुआ ने अपनी टिप अंकित करते हुए अवैध निर्माण हादसे की जांच रिपोर्ट नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास विभाग भोपाल को भेज दी है जिसको भी लगभग 15 दिन से अधिक का समय भी हो चुका है।उल्लखनीय है कि नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास विभाग भोपाल ने नगर परिषद पेटलावद की लापरवाह सीएमओ आशा भंडारी के खिलाफ अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की है।

नगरीय प्रशासन के दोहरे रवैये को समझे निम्न मामलो से

1-झाबुआ जिले की थांदला नगर परिषद में 20 जून 2024 गुरुवार को तीन सफाई कर्मचारियों ने एक मादा श्वान को लाठी से पीट पीट कर मार डाला था जिसका प्रदेश में काफी हो बबाल हो गया था साथ ही बात पशु प्रेमियों तक भो पहुंच गयी थी। जिसके बाद तुरंत ही तत्कालीन सीएमओ राजकुमार ठाकुर को तत्काल प्रभाव से आयुक्त नगरीय प्रशासन विकास विभाग भोपाल ने निलंबित कर दिया था।

2-नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास विभाग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के राजस्थान प्रवास के समय नीमच रुकने पर नगर पालिका अध्यक्ष स्वाती चोपड़ा ने सीएमओ महेन्द्र वशिष्ठ की शिकायत की थी उसी दिन 18 अप्रैल 25 की रात को ही तत्काल आदेश जारी करवाकर उन्हें परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण नीमच में अटैच करवा दिया ।

क्या इंसानों की जान से श्वान की जान की कीमत सरकार की निगाह में अधिक है? उपरोक्त मामलों से स्पष्ट होता कि आखिर में पेटलावद में नगरीय प्रशासन भोपाल ने दोहरा रवैया अख्तियार क्यो किया जा रहा है..? यह सबकी समझ से परे है क्योंकि इतने बड़ी अक्षम्य लापरवाही के बाद भी पेटलावद नगर परिषद के सीएमओ पर अब तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। क्या इंसानों की जान से श्वान की जान की कीमत सरकार की निगाह में अधिक है?

सुश्री निर्मला भूरिया पेटलावाद विधायक और वर्तमान में प्रदेश सरकार में केबिनेट मंत्री तक है

पेटलावद विधान सभा क्षेत्र की विधायक सुश्री निर्मला भूरिया है,जो वर्तमान में प्रदेश सरकार में केबिनेट मंत्री तक है। उनके द्वारा इस घटना को लेकर जांच की बात कही गयी थी।लेकिन जांच के बाद लापरवाह अधिकारी पर कार्यवाही के लिए उनके द्वारा एक शब्द तक नहीं बोला है। केबिनेट मंत्री को तत्काल इस घटना पर संज्ञान लेकर जवाबदार अधिकारी को तुरन्त निलंबित करने हेतु मुख्यमंत्री से चर्चा करना थी ओर दोषियों को सेवा से पृथक करने की कार्यवाही करवानी चाहिए थी ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी न तो नियमों की अनदेखी कर पाए और न ही लापरवाही बरत पाए,ऐसा हमारा मानना है।

कब होगी नगर परिषद के जवाबदार अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही?

नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास विभाग भोपाल के पास कलेक्टर झाबुआ की जांच रिपोर्ट के अलावा स्थानीय समाचार पत्र के पत्रकारों ने भी सीएमओ नगर परिषद पेटलावद के खिलाफ इस घटना ओर अन्य के प्रकाशित समाचार की कटिंग व्हाट्सएप पर उपलब्ध करवाई है। अब देखना है क्या नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास विभाग मंत्री ,प्रमुख सचिव, आयुक्त नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास विभाग भोपाल सीएमओ नगर परिषद पेटलावद के खिलाफ कलेक्टर की जांच रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्यवाही कब करते है।