ऊषा साहित्य अकादमी ने भेंट की डॉ. रामशंकर चंचल की ताजा कृतियां, चंद्रशेखर आजाद महाविद्यालय झाबुआ को

झाबुआ।संजय जैन- ब्यूरो। ऊषा साहित्य अकादमी द्वारा कल अपने दादा जी स्व. हरिविठ्ठल त्रिवेदी की पुण्य तिथि पर उनके पुत्र डॉ रामशंकर चंचल की ताजा अमेज़न पर उपलब्ध कृतियों को, रूप नहीं रूह है यह- अलाव - वो राम ही थे मेरे भीतर- झाबुआ की काली, मन होता है और अद्भुत साहित्य साधक डॉ रामशंकर चंचल नाम की सभी कृतियों को भेंट किया।झाबुआ चंद्रशेखर आजाद महा विद्यालय के प्राचार्य डॉ. जगदीश चन्द्र सिंहा, डॉ अंजना मुवेल , डॉ.रविन्द्र सिंह और वीर सिंह उपस्थित थे।।
गर्व महसूस करते हैं..
ऊषा साहित्य अकादमी ने भेंट करते हुए अकादमी की ऐश्वर्या भावेश त्रिवेदी ने कहा कि झाबुआ के आज़ाद महा विद्यालय में ही हमारे पिता डॉ.चंचल की शिक्षा हुई है। हम उनके इस सार्थक प्रेरणा स्त्रोत आदर्श महा विद्यालय को उनकी अद्भुत विश्व चर्चित कृतियों को भेंट करते हुए गर्व महसूस करते हैं।
सकारात्मक सोच चिंतन को बढ़ावा देगी
महा विद्यालय के प्राचार्य डॉ.सिन्हा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि आज इसी महा विद्यालय में पढ़े डॉ.चंचल ने झाबुआ जिले के आदिवासी पिछड़े अंचल को सम्पूर्ण विश्व पटल पर रखा है, जो सचमुच वंदनीय है।उनकी यह सभी कृतियां हमारे महा विद्यालय के आनेवाले युवा पीढ़ी को मार्ग दर्शन देने के साथ सकारात्मक सोच चिंतन को बढ़ावा देगी और साहित्य के प्रति रुचि जागृत कर सार्थक प्रेरणा स्त्रोत कार्य करेगी
अंत में आभार अश्विन त्रिवेदी नेव्यक्त किया।