हाल ही में कुछ पूर्वाग्रही तत्वों द्वारा मेरे विरुद्ध भ्रामक और आधारहीन आरोप लगाए गए हैं, जिन पर मैं स्पष्ट प्रतिक्रिया दे रहा  हूँ : डॉ. विक्रांत भूरिया

झाबुआ।संजय जैन -ब्यूरो।मैं, डॉ. विक्रांत भूरिया, झाबुआ का निर्वाचित विधायक हूं। मेरे पास क्षेत्र के कई कार्यकर्ता व नागरिक मदद की अपेक्षा से आते हैं और अक्सर जरूरतमंदों के नाम सुझाते हैं। चूंकि मेरा क्षेत्र अधिसूचित आदिवासी क्षेत्र है तथा यहाँ बड़ी संख्या में लोग बीपीएल श्रेणी में आते हैं, इसलिए पात्रता का परीक्षण एक स्वाभाविक रूप से जटिल प्रक्रिया है।

आरोपों को गंभीरता से लेना दुर्भाग्यपूर्ण

जिस व्यक्ति ने यह शिकायत की है, वह स्वयं कुछ दिन पहले जिलाबदर रह चुका है और आपराधिक गतिविधियों के कारण कांग्रेस पार्टी द्वारा पहले ही निष्कासित किया जा चुका है। ऐसे व्यक्ति की ओर से लगाए गए आरोपों को गंभीरता से लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पूरी तरह स्पष्ट है कि यह बीजेपी के इशारे पर मेरी जनसेवा और गरीबों की लड़ाई को रोकने का षड्यंत्र है, जिसे मैं कभी सफल नहीं होने दूंगा।

जानबूझ कर फैलाई गई भ्रामक जानकारी

सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि मेरे ऊपर 2023-24 की अवधि में स्वेच्छानुदान की राशि के कथित दुरुपयोग का जो आरोप लगाया गया है, वह पूरी तरह झूठा है, क्योंकि मुझे यह राशि अप्रैल 2024 के बाद प्राप्त हुई थी। इस प्रकार, 2023-24 में राशि के दुरुपयोग की बात न केवल तथ्यहीन है बल्कि जानबूझ कर फैलाई गई भ्रामक जानकारी है। यह आरोप अपने आप में शून्य हो जाता है।

राजनीतिक षड्यंत्र से  डरने वाला नही  

मैं भारतीय जनता पार्टी द्वारा रचे गए इस राजनीतिक षड्यंत्र से न तो डरने वाला हूं और न ही झुकने वाला हूं। मैं आदिवासियों, गरीबों और वंचितों के अधिकारों की लड़ाई और मजबूती से जारी रखूंगा और हर मंच पर उनकी आवाज बनकर खड़ा रहूंगा।जो आदिवासी नेतृत्व से डरते हैं, वही ऐसे षड्यंत्र रचते हैं !