कलेक्टर ने पकड़ा धान घोटाला बीडीए में आइएएस सीईओ सामान भी साथ ले गईं पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी युक्ति शर्मा आप को पता है एनडी गुप्ता कहां हैं ? भारत लिखने की शुरुआत हो गई उज्जैन से डॉ.आंबेडकर की प्रतिमा का विरोध 100 नहीं अब डायल 112 नंबर लेन-देन में अटकी स्टेडियम की जमीन

                        कलेक्टर ने पकड़ा धान घोटाला
झाबुआ/इंदौर। संजय जैन,सह-संपादक। जबलपुर में 30 करोड़ रुपए के धान घोटाले का कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पर्दाफाश कर दिया। उल्लेखनीय है कि जिन सहकारी समितियों के द्वारा जो धान बाहर जिलों के राइस मिलर को बेचा जाना बताया गया था,उस रूट पर ना तो पड़ने वाले टोल नाकों से परिवहन करने वाले वाहन गुजरे ही नहीं थे और ना ही राइस मिलर और सहकारी समितियां के लोग संबंधित वाहनों की जानकारी दे पाए। मजेदार बात तो यह है कि जिन वाहनों से धान का परिवहन होना बताया गया था,उनमें आधा सैकड़ा से ज्यादा कारें शामिल थी।

बीडीए में आईएएस सीईओ

केंद्र की प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे 2018 बैच के आईएएस अधिकारी श्यामवीर सिंह नरवरिया को भोपाल विकास प्राधिकरण का मुख्य कार्यपालन अधिकारी नियुक्त किया गया है। वे मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के दामाद भी हैं । वे मूल रूप से भिंड जिले के गोरमी क्षेत्र के प्रतापपुरा गांव के रहने वाले हैं। प्राधिकरण सीईओ पद पर सीधी भर्ती,उनके आईएएस की फिलहाल यह पहली पोस्टिंग है। संभव है अब अन्य प्राधिकरणों में भी आइएएस ही सीईओ पदस्थ किये जाएं। ज्ञात हो कि प्राधिकरणों में संचालक मंडल की घोषणा भी एक साल से नहीं हो पाई है।

सामान भी साथ ले गईं पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी युक्ति शर्मा

रायसेन जिले में औबेदुल्लागंज जनपद पंचायत की पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी युक्ति शर्मा विवादों में घिर गई हैं। उन पर आरोप है कि वह जनपद का सरकारी सामान ऑटो में भरकर अपने साथ ले गईं। इस मामले में जिला पंचायत सीईओ अंजू पवन भदौरिया ने औबेदुल्लागंज थाने को पत्र भेजकर युक्ति शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दे दिए हैं। जनपद पंचायत कार्यालय ने 3 मार्च को युक्ति शर्मा को दूसरा पत्र लिखकर सरकारी सामान लौटाने को कहा तो उन्होंने केवल बेड को लेकर जवाब दिया कि यदि इसका बिल जनपद में है तो दिखाया जाए,कंप्यूटर और अन्य सामान के बारे में शर्मा ने कोई भी जवाब ही नहीं दिया।

आप को पता है एनडी गुप्ता कहां हैं ?

उल्लेखनीय है कि एमपी के एक बड़े अफसर फरार हो गए हैं,उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद तो राज्य सरकार ने भी इस अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है। प्रदेश के अनूपपुर में यह कड़ी कार्रवाई की गई है। यहां के कृषि विभाग के उपसंचालक और किसान कल्याण विभाग के परियोजना संचालक नारायण दास गुप्ता यानि एनडी गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है,उन पर करोड़ों के गबन का आरोप है। इस मामले में एनडी गुप्ता की अग्रिम जमानत याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है और वे फरार चल रहे हैं ।

भारत लिखने की शुरुआत हो गई उज्जैन से

इंडिया नहीं भारत लिखने की आवाज अभी देश में गूंज भी रही है,वही पाणिनि. संस्कृत विवि. की कार्य परिषद ने सर्वानुमति से विवि. के दस्तावेजों में भारत लिखने का प्रस्ताव भी पारित कर दिया। कुलगुरु प्रो.विजय कुमार सीजी की अध्यक्षता में पारित हुए इस प्रस्ताव से,यह प्रदेश का पहला विवि. भी बन गया है जो अपने आधिकारिक अभिलेखों में भारत शब्द का प्रयोग करेगा।

डॉ.आंबेडकर की प्रतिमा का विरोध

गत दिनों ग्वालियर हाईकोर्ट में डॉ.भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा लगाने के निर्णय के विरोध में बार एसोसिएशन ने प्रदर्शन किया था। अब यह प्रदर्शन कई अधिवक्ताओं और सामाजिक संगठनों के लिए आक्रोश का विषय बन गया है। यह प्रतिमा अधिवक्ता विश्वजीत रतौनिया और अधिवक्ता धर्मेंद्र कुशवाह के प्रयासों से स्थापित की जा रही थी,जिसे अब विरोध का सामना करना पड़ रहा है। डा.आंबेडकर न केवल भारतीय संविधान के निर्माता थे,बल्कि वे देश के पहले कानून मंत्री भी थे। अधिवक्ताओं का एक बड़ा वर्ग हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के इस प्रदर्शन के निर्णय की कड़ी निंदा कर रहा है और इसे संविधान विरोधी करार दे रहा है।

100 नहीं अब डायल 112 नंबर

पुलिस की डायल-100 की जगह नई एफआरवी-फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल को नेशनल इमरजेंसी नंबर 112 से जोड़ा जा रहा है। इससे अब इमरजेंसी में अलग-अलग नंबर याद नहीं रखना पड़ेगा,साथ ही रिस्पांस टाइम 20-25 से घटकर 15-20 मिनट  ही रहेगा। यूरोपीय देशों की तर्ज पर अब मध्य प्रदेश में भी फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल की पहचान डायल-100 की जगह डायल-112 से होगी । प्रदेश के 55 जिलों के लिए 1200 नई एफआरवी का टेंडर जारी हो चुका है,इससे न सिर्फ  पुराने वाहनों की जगह नए वाहन आएंगे,बल्कि एफआरवी की संख्या भी 200 बढ़ जाएगी।

चुंबक प्रेमी पत्थर

खंडवा के ग्राम गड़बड़ी माल में चुंबक प्रेमी पत्थर बेहद चर्चा में चल रहा हैं। गांव के गिरवर सिंह राजपूत अपने साथियों के साथ चुंबकीय पत्थर को लेकर कलेक्टर कार्यालय भी पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर ऋषभ गुप्ता को पत्थरों पर चुंबक लगाकर दिखाया तो,उन्होंने खनिज विभाग से पत्थरों की जांच कराने की बात कही। आपको बता दे कि जब राजपूत अमावस्या पर ग्राम कुकढाल से लगे जंगल के बैकवाटर में स्नान करने गए थे,उस दौरान उन्हें वजन में भारी और अजीब नजर आने वाले पत्थरों का अहसास हुआ और वे इसे अपने साथ ले आए थे।

लेन-देन में अटकी स्टेडियम की जमीन

उषा राजे होल्कर स्टेडियम से भी बड़े एक स्टेडियम की कमी तो इंदौर शहर में लंबे समय से महसूस की जा रही है। सुपर कॉरिडोर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम के लिए 20 एकड़ जमीन भी है,लेकिन मामला जमीन की कीमत को लेकर अभी तक अटका हुआ है। विकास प्राधिकरण इस जमीन को 200 करोड़ में देना चाहता है जबकि एमपीसीए अधिकतम 70 करोड़ देना चाहता है। सूत्रो नुसार बीच का रास्ता निकालने के प्रयास चल रहे है,लेकिन आयडीए को भी पता है जमीन सस्ते में लेकर,एमपीसीए खेल तो महंगे ही करेगा।

पानी के 200 करोड़ गए पानी में 

खंडवा नगर निगम को डेढ़ दशक पहले अमृत योजना के तहत 200 करोड़ रुपए मिले थे,जिससे शहर की पानी व्यवस्था को सुधारना था। यह जिम्मेदारी जिस कंपनी को दी गई थी उसे योजना के अनुसार,पूरे शहर में जीआई पाइप लगाने थे,जिससे बिना मोटर के भी ऊपरी मंजिल तक पानी पहुंच सके। सूत्रों नुसार टेंडर लेने वाली कंपनी ने जीआई पाइप की जगह घटिया प्लास्टिक पाइप लगा दिए। जिससे पाइपलाइन बार-बार फूट रही है और पानी की आपूर्ति ठप हो रही है। नगर निगम ने दावा किया था कि तीसरी मंजिल तक पानी बिना मोटर के पहुंचेगा,लेकिन हकीकत यह है कि लोग पानी के लिए तरस रहे हैं,साथ ही गंदे पानी की सप्लाई से डायरिया और दूसरी बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।

कवि भी हो गए गोपी कृष्ण नेमा

भाजपा के वरिष्ठ नेता-पूर्व विधायक गोपी कृष्ण नेमा हर सप्ताह व्हाट्सएप पर किसी आध्यात्मिक विषय पर तो अपने विचार साझा करते ही हैं,अब तो वे अधिकृत रूप से कवि भी हो गए हैं। उनकी लिखी कविताओं को अम्मार रिजवी ने संकलित किया है और यह संकलन का विमोचन काफिला मुहब्बत द्वारा आयोजित जश्ने सत्तन में किया गया। उनकी अतुकांत कविताओं का यह पहला संग्रह *स्मृति-विस्मृति*शहर के प्रमुख लोगों तक उनके मित्र पहुंचा भी रहे हैं।

ये नीम तो मीठा है

रतलाम के रूपाखेड़ा गांव को नीम ने आदर्श गांव बना दिया है। इस गांव के हर घर के सामने एक नीम का पेड़ लगा है । जिसकी शुरुआत गांव के लोगों ने वर्ष 2001-02  में की थी । तब बारिश बेहद कम हुई और सूखे जैसे हालत बनेए तब गांव के ग्रामीणों ने तय किया कि हर घर के आगे एक नीम का पौधा लगाएंगे । आज करीब 25 सालों में अब यह नीम के पौधे बड़े वृक्ष में तब्दील भी हो चुके हैं जिससे पर्यावरण के मामले में रूपाखेड़ा अब आदर्श गांव बन चुका है।