पेटलावद सीएमओ की लापरवाही पर लगातार संघर्ष से सिद्धि की विशेष पेशकश : संजय जैन-सह संपादक की कलम से

लगातार प्रकाशित खबरो का हुआ असर
पेटलावद की भ्रष्ट मुख्य नगर पालिका अधिकारी के खिलाफ हो एफआईआर की कार्यवाही-डॉक्टर सिद्धार्थ गुप्ता
मुख्यमंत्री सहित उच्च स्तरीय अधिकारियों से की कई पन्नो की शिकायत
झाबुआ।संजय जैन-सह संपादक। गत 23 मार्च को पेटलावद में नगर परिषद सीएमओ और अन्य अधिकारियों की अक्षम्य लापरवाही और उदासीनता के चलते बन रहे अवैध सिनेमा हॉल की छत गिरने से दो लोगों की दर्दनाक मौत और तीन लोग घायल हो गये थे। घटना में सबसे बड़ी लापरवाही तो पेटलावद नगर परिषद सीएमओ की मानी जा रही है क्योंकि उन्होंने अवैध निर्माण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की थी ,जिसके चलते पेटलावद में अवैध रूप से बन रहे सिनेमा हॉल सह शॉपिंग काम्प्लेक्स की छत गिरने से इतना बड़ा दर्दनाक हादसा हो गया था। गौरतलब है कि इसी समाचार पत्र में लगातार सीएमओ की अक्षम्य लापरवाही के बारे में प्रशासन का ध्यान इस और आकर्षित किया था। खबरो के सतत प्रकाशन के 9 दिन बाद प्रशासन हरकत में आया है।अब कलेक्टर नेहा मीना ने सीएमओ आशा भंडारी से स्पष्टीकरण मांगा है।
पेटलावद की भ्रष्ट मुख्य नगर पालिका अधिकारी के खिलाफ हो एफआईआर की कार्यवाही-डॉक्टर सिद्धार्थ गुप्ता
मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के ऑफिसियल पेज के माध्यम से भी सीएमओ के खिलाफ पोस्ट जारी की गई थी। अब मामले में जन समस्या समाधान समिति के माध्यम से एक बड़ी शिकायत सीएमओ सहित अन्य अधिकारियों की गई है। जन समस्या समाधान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सिद्धार्थ गुप्ता ने मुख्यमंत्री सहित कई उच्च स्तरीय अधिकारियों से शिकायत करते हुए मांग की है कि पेटलावद की भ्रष्ट मुख्य नगर पालिका अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, क्योंकि पूरे मामले में सीएमओ ने गंभीर लापरवाही बरती है।डॉ. गुप्ता ने बताया कि समिति का एक दल जल्द ही जिला कलेक्टर से मुलाकात करेगा।मैंने मुख्य सचिव से भी मुलाकात कर भ्रष्ट सीएमओ के खिलाफ शिकायत भी की है।पेटलावद की भ्रष्ट मुख्य नगर पालिका अधिकारी के खिलाफ तुरंत एफआईआर की कार्यवाही भी होनी चाहिए,मैं इस मामले को आगे न्यायालय में ले जाऊंगा।
जांच समिति गठित की गयी है
पेटलावद की विधान सभा क्षेत्र की विधायक एवं प्रदेश सरकार की केबिनेट मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने मीडिया को दिए साक्षात्कार में बताया कि उन्होंने मृतकों के घर जाकर परिजनों को ढांढस बंधाया है। साथ ही रेड क्रास से सहायता भी प्रदान करायी गयी है। मैं अभी स्वेच्छानुदान से मृतक के परिवार को एक से डेढ़ लाख रुपए प्रदान करने की कार्यवाही कर रही हूँ। जब मंत्री से मीडिया ने पूछा कि लापरवाह अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी? इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि जांच समिति गठित की गयी है।जांच में जो भी रिपोर्ट सामने आएगी,उसी के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
थांदला सीएमओ को किया था तुरन्त निलंबित,कोई जांच समिति के बिना
आपको बता दे कि थांदला शहर में एक पार्षद बेटे के साथ टूव्हीलर से जा रही थी और रोड पर अचानक श्वान वाहन के पीछे दौड़ पड़ा । जिससे वाहन असंतुलित होकर गिर गया था। पार्षद ने गुस्से में श्वान को मारने या पकड़ने के निर्देश दे दिए थे। निर्देश के बाद नपा कर्मचारीयों ने गर्भवती श्वान को लाठियों से पीट-पीट कर मार डाला था। जिसकी शिकायत मेनका गांधी पशु प्रेमियों के साथ ही अन्य जगह हुई थी। जिसके बाद तत्काल एक्शन लेकर सीएमओ ने दोषी कर्मचारियों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया और आयुक्त नगरीय विकास एवं आवास विभाग भोपाल ने सीएमओ राजकुमार ठाकुर को निलंबित कर दिया था,तब तो कोई जांच समिति का गठन नही हुआ था।
दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी ही चाहिये
वही दूसरी ओर शायद पेटलावाद सीएमओ को बचाने के लिए काफी प्रयास स्थानीय स्तर से प्रदेश लेवल तक किए जा रहे है। खैर मामला जो भी हो लेकिन दो इंसानों की जान गई उनको ओर उनके परिवार को न्याय मिलना ही चाहिए और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी ही चाहिये,ऐसा हमारा मानना है। पेटलावद हादसे को आज पूरे 10 दिन हो गए है। हादसे में अवैध इमारत गिर गयी ओर उसकी अनुमति इत्यादि की जांच भी नहीं हो पायी है।यह बहुत ही विचारणीय बात है जबकि मंत्री जांच समिति की बात ही कह रही है।