सीएमओ मुख्यालय पर रहती हीं नहीं तो स्वच्छता में पेटलावद बनेगा कैसे नंबर वन?

क्या सीएमओ पेटलावद के मुख्यालय पर नहीं रहने से अनजान है जिला प्रशासन या देखकर भी बना रहा अनजान?

प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास के प्रात:नगर भ्रमण आदेश की सीएमओ ने उड़ाई धज्जियां

झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-सह संपादक। सम्पूर्ण देश में वर्ष 2015-16 से देश के प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता अभियान चलाया हुआ है,जिसमें नगरीय निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में अपनी-अपनी निकायों को नंबर वन बनाने की होड मची हुई है। स्वच्छता अभियान पर केंद्र ओर राज्य सरकार प्रतिवर्ष करोड़ों का बजट नगरीय निकायों को आवंटित करती भी है,जिससे नगरीय निकायों के द्वारा स्वच्छता अभियान में अपना शहर बने नंबर वन उसके लिए स्वच्छता ऐप ओर कचरा गाड़ियों पर स्वच्छता का गीत बजाकर लोगो को जागरूक भी किया जा रहा है।

नंबर वन की रेटिंग प्राप्त करने के लिए जी जान से से लगे हुए अधिकतर सीएमओ

प्रदेश के नगरीय निकायों में पदस्थ अधिकतर मुख्य नगरपालिका अधिकारी प्रात: 6 बजे से ही स्वच्छता अभियान का निरीक्षण करने शहर में घूमते तो है साथ ही स्टाफ  के अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी अपनी-अपनी निकाय और शहर को नंबर वन की रेटिंग प्राप्त करने के लिए जी जान से से लगे हुए भी है। प्रदेश में अधिकतर सीएमओ गत वर्ष से अच्छी रेटिंग मिले,उसके लिए प्रयासरत भी है। देश की समस्त नगरीय निकायों के बीच प्रतिस्पर्धा होती और जो सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त करता है,उनको पुरस्कार सरकार हर वर्ष प्रदान भी करती है साथ ही इनामी राशि का भी आवंटन करती है।

सीएमओ अपने मुख्यालय पर ही नहीं रहती,तो पेटलावद नगर पालिका में रैंकिंग के लिए जोश दिखेगा कहाँ से?

पेटलावद नगर में स्वच्छता अभियान को सफल बनाने हेतु शायद ही कोई अधिकारी भ्रमण करता होगा,यह प्रश्न मन में हिलोरे ले रहा क्योंकि हाल ही अवैध निर्माण में दर्दनाक हादसा जो हुआ है अगर कोई जिम्मेदार भ्रमण कर रहा होता तो उनकी नजर से इतना बड़ा अवैध निर्माण कैसे बच सकता है....? खैर,बात तो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के द्वारा शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के आदेश के साथ बनाए गए नियमों की है। प्राप्त जानकारी अनुसार पेटलावद की जवाबदार मुख्य नगर पालिका अधिकारी आशा भंडारी अपने मुख्यालय पर न रहते हुए, अधिकतर अपने ससुराल से हीं आना-जाना करती है। साथ ही वे कभी प्रात:10 बजे से पहले कार्यालय में या शहर में दिखाई भी नहीं देती है। गौरतलब है कि प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग भोपाल के द्वारा एक परिपत्र क्रमांक-3667/4836/ 2019-18/2 भोपाल,दिनांक 25-10-2019 को जारी करते हुए सीएमओ को निर्देशित किया गया कि वह प्रातः 6 बजे से 9 बजे तक शहर में भ्रमण करे। इस परिपत्र में 10 बिंदुओं का उल्लेख  किया है,साथ ही अनिवार्य रूप से इसका पालन करने के निर्देश सीएमओ को दिए गए है। जब नगर परिषद की जवाबदार अधिकारी न ही अपने मुख्यालय पर रहती है और न ही प्रमुख सचिव के परिपत्र में दिए निर्देशों का पालन करती है,तो पेटलावद नगर परिषद की स्वच्छता में नंबर वन बनने और अच्छी रेटिंग प्राप्त करने की उम्मीद किससे करे ? यह बेहद सोचनीय बात तो है।

प्रात:नगर भ्रमण आदेश की सीएमओ ने उड़ाई धज्जियां

उल्लेखनीय है कि पेटलावद में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पदस्थ ,कोर्ट और अनेकों सरकारी विभाग भी है। मजेदार बात तो यह है कि पेटलावद विधानसभा क्षेत्र भी है और वर्तमान में विधायक निर्मला भूरिया प्रदेश सरकार में महिला एवं बाल विकास कैबिनेट मंत्री भी है। जबकि शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की सम्पूर्ण जवाबदारी सीएमओ पेटलावद की ही होती है। जब सीएमओ ही प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग भोपाल के आदेश का पालन नहीं कर रही तो फिर निकाय के अन्य कर्मचारियों से क्या उम्मीद की जा सकती है?

जिला शहरी विकास अभिकरण विभाग भी है

जिले में नगरीय निकायों से नगरीय विकास एवं आवास विभाग भोपाल के मध्य सूचना जानकारियां ओर अन्य कार्य के लिए कलेक्टर कार्यालय में परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण विभाग बना होता है। उसका संचालन परियोजना अधिकारी के द्वारा किया जाता है,जो समय-समय पर जिले की समस्त नगरीय निकायों का क्रमानुसार भ्रमण भी करता है और निरीक्षण कर जानकारियां संकलित करने के साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश भी प्रदान करता है।

पेटलावद में एसडीएम कार्यालय होते हुए भी सीएमओ कैसी कर पाती है,अधिकतर डेली अपडाउन?

पेटलावद में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जिले का एक प्रमुख विभाग कार्यरत है। आपको ज्ञात हो कि वर्तमान में एसडीएम के पद पर एक आईएएस  अधिकारी तनुश्री मीना बतौर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पदस्थ भी हैं। अब सोचने वाली बात यह है तथ्यात्मक रूप से दिखाई दे रहा है कि क्या परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण,जो कि जिले में है,क्या उनके संज्ञान में भी नहीं आया....? खैर छोड़ो,लेकिन एसडीएम तो पेटलावद में ही पदस्थ है। क्या उनको भी यह संज्ञान में नहीं आया कि नगर परिषद पेटलावद की सीएमओ अपने मुख्यालय पर नहीं रहते हुए अधिकतर अप-डाउन कर रही है ? यह तो वे ही जाने शायद वे इतना तो कर ही सकती है कि जब प्रमुख सचिव के निर्देशों का पालन सीएमओ पेटलावद नहीं कर रही है तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए जांच ही करवा लेवे

चतुर और चालाक सीएमओ से नगर को तुरंत ही निजात दिलाये-नगरवासी

जब हमारी टीम ने इस मामले में लोगों से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि सीएमओ की हठधर्मिता के चर्चे आम है। वे अपनी मनमर्जी से प्रशासन चलाती रहेगी क्योंकि उनको पेटलावद काफी रास आ गया है। कुछ लोगों ने रोष पूर्वक बताया कि मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग भोपाल ने तो इनका स्थानांतरण भी अन्यत्र निकाय में कर दिया था लेकिन वे सरपट कोर्ट से स्थगन आदेश ले आयी। इस तरह से उन्होंने शासन के आदेश को बड़े आसानी से दरकिनार कर दिया। अब इस चतुर ओर चालाक सीएमओ ने बड़ी ही चतुराई ओर चलाकी से साफ  तौर से खुद को दूध से धुली हुई बताने हेतु,अदने से इंजीनियर और एक कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। हमे तो यह भी सुनने में आ रहा है कि उन्होंने निलम्बन हेतु प्रस्ताव भी फटाफट बनाकर अपना आगे की व्युहरचना भी रच रखी है। अब तो मातृ शक्ति कलेक्टर और नगरीय विकास एवं आवास विभाग से ही,हमारी यह आस है कि इस चतुर और चालाक सीएमओ से हमारे नगर को मुक्त कर हमें तुरंत निजात दिलाये।