क्या मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री से पेटलावद हादसा छिपाया तो नही गया?

सुख के सब साथी ,दुख में न कोई,क्या यह भजन मुख्यमंत्री के आने से याद तो नही आ गया?
मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री दोनो के मुख से एक शब्द भी नहीं निकला पीड़ित परिवारों के लिए- क्या इसे सुशासन कह सकते है
झाबुआ/इंदौर।संजय जैन-सह संपादक। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की उपस्थिति में हजारों कन्याओं का सामूहिक विवाह झाबुआ ओर अलीराजपुर जिले में संपन्न हुआ जिसे इतिहास के सुनहरे पन्नो में तो लिखा जाएगा,इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को ढेरो बधाई साथ ही जिले के तमाम छोटे से लेकर बड़े पदों पर पदस्थ कर्मचारियों ओर अधिकारियों को भी बहुत बहुत बधाई
सुख के सब साथी, दुख में न कोई- देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान,कितना बदल गया इंसान?
मन में एक पीड़ा कचोट रही ओर वर्षो पुरानी गोपी पिक्चर का एक भजन सुख के सब साथी ,दुख में न कोई याद आ गया। लगता है जवाबदारो को इससे कोई फर्क ही नहीं पड़ता है, क्योंकि रंगीन चकाचौंध में वे सब भूल जो जाते होंगे। हम बात कर रहे है पेटलावद हादसे मे उजड़े परिवारो की, जिन्हें चंद नोटो की नुमाइश कर उनके आंसुओं को रोकने का प्रयास किया गया है। जिंदगी भर कमाने वाले के अचानक चला जाना उनकी छाती पर वजनी पत्थर जैसा है।बड़नगर के स्व.कवि प्रदीप का एक बहुत पुराना गीत जो हमेशा ताजा ही लगता है आज फिर वह भी याद आ गया देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान, कितना बदल गया इंसान?
पेटलावद हादसे के पीड़ितों के लिए दो शब्द भी नही निकले?
उपरोक्त सच जब मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव गुरुवार को झाबुआ जिले में अद्भुत सामूहिक कन्या विवाह में उपस्थित हुए ,तब सामने भी आ गया। उल्लेखनीय है कि स्वयं मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री विजय शाह जो मंच पर उपस्थित थे,उनके मुख से पेटलावद हादसे को लेकर दो शब्द भी उन मृत आत्माओ और पीड़ित परिवारों के दुःख को कम करने के लिए निकले तक नही।गौरतलब है कि प्रभारी मंत्री ने अभी तक हादसा स्थल ओर मृतकों के परिजनों से मिलने की कोशिश भी नहीं की है। इसकी जगह अगर कोई नेता या प्रभावी व्यक्ति होता तो अवश्य लाखो लुटाए भी जाते ओर फोटो भी खींचे जाते। लेकिन गरीबों का मसीहा तो कौन ही बनता है...?
सच्चाई का आगे जांच से ही खुलासा हो पायेगा
अब नगर में चर्चा तो यह भी है कुछ वर्षों पहले जिसके पास कुछ नहीं था ,वह 7 से 8 वर्ष के भीतर अचानक नरसिंहदास उर्फ नवीन बैरागी आज करोड़पति कैसे बन गय। सूत्रों अनुसार वह बेशकीमती जमीनें खरीदने ओर बेचने का कार्य करने लगा हुआ है।पेटलावाद में बिना मंजूरी के करोड़ों की लागत से शहर में मल्टी प्लेक्स सह शॉपिंग का निर्माण का कार्य शुरू किया था,जिसमे 2 की दर्दनाक मौत और 3 मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए थे।सूत्रों की माने इस बगैर अनुमति निर्माण कार्य करने वाले प्रभावी को बचाने के लिए सभी जगह रंगीन रोशनी के प्रबंध किए जा रहे है, साथ ही शायद लापरवाह सीएमओ को भी बचाने की जुगाड चल रही है, ऐसी नगर में जनचर्चा आम है। सच्चाई का आगे जांच से ही खुलासा हो पायेगा।
क्या मुख्यमंत्री से पेटलावद हादसा छिपाया तो नही गया था?
प्रदेश के मुखिया डॉ.मोहन यादव एक कुशल प्रशासन चलाने वाले सुशिक्षित ओर योग्य मुख्यमंत्री है ,जो छोटे से बड़े सुख दुःख में सहभागिता करते आते है। क्या मुख्यमंत्री से पेटलावद हादसा छिपाया तो नही गया था...?* हम ऐसा इसलिए कह रहे है कि अद्भुत कन्या विवाह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री दोनो ने पेटलावद हादसे के पीड़ित परिवार की प्रति अपनी कोई भी संवेदना व्यक्त ही नही की। ऐसा प्रतीत होता है कि जिले की मुखिया और जिम्मेदार अधिकारियों ने शायद अपनी ख्याति और स्वार्थ हेतु इस हादसे के बारे में मुख्यमंत्री के बारे में जिक्र करना मुनासिब समझा ही न हो। हमारी आवाज इस हादसे में उजड़े परिवार की पीड़ा और जिम्मेदारों के इस अक्षम्य अपराध को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का कार्य अवश्य करेगी और पीड़ित परिवारों को उचित न्याय अवश्य मिलेगा, ऐसा हमारा मानना है।
संघर्ष से सिद्धि की ओर से मुख्यमंत्री के ध्यान आकर्षण हेतु
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का संघर्ष से सिद्धि परिवार इस हादसे की ओर इसलिए ध्यान आकर्षित करता है कि इससे पेटलावद हादसे की न्यायिक जांच हो जाय साथ ही बगैर अनुमति निर्माण के मल्टी प्लेक्स सह शॉपिंग कांप्लेक्स निर्माण करने वाले नरसिंहदास उर्फ नवीन वैरागी ओर उसके परिजनों के नाम करोड़ों की बेनामी संपति की जांच भी कर ली जाय। अब आगे देखना यह है की क्या कार्यवाही होती है या बार की तरह प्रमुख जिम्मेदार अधिकारी मस्ती में नजर आने लग जाएंगे।