12 दिन बाद शुरू होगा नया शिक्षण सत्र,अभी तक गाइड लाइन जारी नहीं-कोर्स और यूनिफार्म के नाम पर फीस बढ़ाने की तैयारी

झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड। प्राइवेट विद्यालयों द्वारा न तो फीस वृद्धि को लेकर न हीं गणवेश और पुस्तकों के संदर्भ में शिक्षा विभाग द्वारा गाइडलाइन तय करी गई है । अभी तक कोई मापदंड तय नहीं किए गए हैं। शिक्षा विभाग की इस उदासीनता का असर बच्चों के अभिभावकों पर आर्थिक बोझ के रूप में पड़ेगा।

अभिभावकों को एक पखवाड़े पहले से ही चिंता सताने लगी

दरअसल गणवेश और पुस्तकों के लिए गाइडलाइन तय नहीं किए जाने के चलते निजी विद्यालय जहां एनसीईआरटी के साथ अन्य पब्लिसर्स की पुस्तकों को खरीदने की सलाह दे रहे हैं,वहीं अलग-अलग गणवेश का बोझ भी पालकों की जेब पर बढ़ाए जाने की तैयारी निजी विद्यालय कर रहे हैं। इसको लेकर अभिभावकों में शिक्षण सत्र शुरू होने के एक पखवाड़े पहले से ही चिंता सताने लगी है। शासन स्तर पर फीस शुल्क के साथ पुस्तक व गणवेश के संबंध में भी आवश्यक जानकारी पोर्टल के अलावा सूचना पटल पर चस्पा करने के निर्देश जारी किए जाने के बावजूद इसके बाद भी अधिकांश निजी विद्यालय पुस्तकों के पब्लिसर्स के साथ ही उनके दामों को लेकर जानकारी अपडेट नहीं करते हैं। इसके बाद शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के साथ ही अभिभावकों पर अन्य पब्लिशर्स के पुस्तकों के साथ ही अलग-अलग गणवेश का पत्र भेज देते हैं। इससे परिजनों को परेशान होने के अलावा अधिक व्यय करना पड़ता है। इसके लिए गाइडलाइन का तय नहीं किया जाना अभिभावकों को बेहद खल रहा है।

स्कूल प्रबंधन और प्राचार्य को संयुक्त रूप से जिम्मेदार होंगे

कक्षा 1 से तक की कक्षाओं के लिए स्कूलों को निर्देश दिए जाने हैं कि वे एनसीईआरटी या राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की पुस्तकों का ही उपयोग करें। यदि किसी कारणवश निजी प्रकाशकों की पुस्तकों का उपयोग किया जाता है, तो स्कूल प्रबंधन और प्राचार्य को संयुक्त रूप से यह सुनिश्चित करना होगा कि इन पुस्तकों की सामग्री उपयुक्त है और इसके लिए वे जिम्मेदार होंगे। वहीं गाइडलाइन के तहत कोई भी प्राइवेट स्कूल दो वर्ष से पहले यूनिफॉर्म, पाठ्यक्रम, किताबें या सिलेबस में परिवर्तन नहीं कर सकता। यूनिफॉर्म बदलने से पहले स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी को कारण बताकर आवेदन देना होगा। इतना ही नहीं कलेक्टर की मंजूरी के बाद ही यूनिफॉर्म या शैक्षणिक सामग्री बदली जा सकेगी।

केवल एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य

सीबीएसई से मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक केवल एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य रूप से उपयोग किया जाना है। यदि एनसीईआरटी की पुस्तकें उपलब्ध नहीं हैं,तो उन्हें एनसीईआरटी की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड करना होगा।

पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके

गाइडलाइन तय की जानी है,जो अभी तक जिला शिक्षा कार्यालय में तय नहीं की गई है। सभी प्राइवेट स्कूलों को यूनिफॉर्म की जानकारी,जैसे टाई,बेल्ट और जूतों के नमूने सार्वजनिक डोमेन में अपलोड करने होंगे,ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

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खुले आम लूट मचाने के लिए छोड़ तो नही देगा प्रशासन?

गौरतलब है कि कल मंगलवार को ..अब तो मातृ शक्ति कलेक्टर से ही आस... इस शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। जिसमे साफ  साफ अभिवावकों ने नगर का सबसे बड़े पुस्तक माफिया गांधी बुक का नाम भी उजागर किया है।,अब प्रशासन का कार्य और आसान हो गया है। उल्लेखीय है कि खबर प्रकाशन के बाद ही प्रशासन हरकत में आया और जिला शिक्षा विभाग को गाइड लाइन जारी करने का ताबड़ तोप अहसास हुआ। जिला शिक्षा अधिकारी आरएस बामनिया ने बताया कि हम कल ही पुस्तकों,फीस वृद्धि और यूनिफार्म के संदर्भ में गाइडलाइन जारी कर देंगे। अब देखना यह है कि क्या लाचार और परेशान अभिवावको को पुस्तक और स्कूल माफियाओं के चुंगल से मातृ शक्ति कलेक्टर आजाद करवा पाएगी या नही.....?* या फिर हर वर्ष की तरह मात्र गाइड लाइन जारी कर प्रशासन अपनी आंखे मूंद कर कुम्भकर्णीय नींद में सो कर इन माफियाओं को खुले आम लूट मचाने के लिए छोड़ तो नही देगा? यह तो आगे आने वाला समय ही बताएगा।

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निर्देश जारी कर दिए जाएंगे

जल्द पुस्तकों,फीस वृद्धि और यूनिफॉर्म के संबंध में गाइडलाइन तय कर सभी विद्यालयों को निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। वहीं शिक्षा विभाग का दल गाइडलाइन के परिपालन की स्थिति जानने के लिए प्राइवेट विद्यालयों का निरीक्षण कर विद्यार्थियों और उनके पालकों से इसकी जानकारी भी लेगा।

आरएस बामनिया- डीईओ-झाबुआ