प्रदेश के राजनैतिक और प्रशासनिक नोक-झोक पर,अलग हट कर संघर्ष से सिद्धि की विशेष पेशकाश

बीआरटीएस तोड़ने का भी टेंडर लड़ाई-लड़ाई माफ करो- सीएम डॉ.मोहन यादव भी दौड़े-दौड़े चले आए- जमीन वाले रामदेव बाबाजी-शिव-साधना का डांस- बिल्ली रास्ता काट गई बीआरटीएस तोड़ने का भी टेंडर
झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड। बीआरटीएस इंदौर हटाने संबंधी कोर्ट के फैसले के बाद जब से निगमायुक्त शिवम वर्मा ने यह कहा है कि इंदौर बीआरटीएस तोड़ने के लिए टेंडर जारी करेंग,तब से शहर के आम नागरिकों को यह समझ ही नहीं आ रहा है कि यह काम भी टेंडर से किसी निजी एजेंसी से ही कराना है तो नगर निगम में अतिक्रमण विरोधी दस्ते वाली फौज किस काम के लिये होती है..? यह काम नियमित वेतन ले रहे निगमकर्मियों से क्यों नहीं कराया जा सकता है..नगर निगम में आए दिन उजागर होने वाले घोटालों पर आश्चर्य व्यक्त करने वालों को इस टेंडर वाली प्रक्रिया से समझ आ गया है कि पूरे कुए में ही भांग पड़ी हुई है। जिन भवनों में नक्शे के विपरीत अवैध निर्माण पाए जाने पर लाल निशान लगा देते हैं या सड़क चौड़ीकरण में जितना हिस्सा बाधक होता है उतना हिस्सा तोड़ने वाली निगम गैंग के अनुभवियों को भी तो बीआरटीएस तोड़ने के काम में लगाया जा सकता है ना टेंडर निकालने की जरूरत क्या है ? यह चिंता शहर के लोगों में तो है लेकिन निगम परिषद में ना सत्ता और न विपक्ष के पार्षदों में जुबान हिलाने तक की शायद इस मामले में हिम्मत ही नही है।
लड़ाई-लड़ाई माफ करो
जब दो बच्चों में झगड़ा और नूरा कुश्ती की नौबत आ जाती है तब कोई तीसरा बड़ा आदमी दोनों बच्चो को समझाते हुए कहता था की लड़ाई- लड़ाई माफ करो। कुछ ऐसा ही रोल गत दिनों भोपाल यात्रा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का रहा था। दिल्ली रवाना होने से पूर्व एयरपोर्ट पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को अलग ले जाकर कुछ समझाया, खबर ये उड़ी कि विजयवर्गीय को और अधिक पॉवरफुल कर सकते हैं। अभी तक ऐसा तो हुआ नहीं,हां इतना जरूर हुआ है कि सम्पन्न हुई जीआइएस की सरकार की तरफ से विजयवर्गीय ने ब्रीफिंग जरूर की है। यह बदलाव इसलिए नोटिस किया गया कि विजयवर्गीय ने लंबे समय से ब्रीफिंग करने से खुद को अलग कर लिया था और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल यह काम कर रहे थे। मंत्रिमंडल की बैठकों में भी वे कई बार ऐसी टिप्पणी करने से नहीं चूकते थे जो सरकार के लिये परेशानी बढ़ा देती थी।
सीएम डॉ.मोहन यादव भी दौड़े-दौड़े चले आए
शायद अमित शाह की समझाइश का ही असर रहा है कि विजयवर्गीय ने महिला दिवस पर अपने एक नंबर विधानसभा क्षेत्र में महिला पहलवानों का अंतरराष्ट्रीय दंगल कराया,उसमें सीएम डॉ.मोहन यादव भी दौड़े-दौड़े चले आए। छावनी में कड़ाव का दूध पीने वाला प्रसंग छोड़ दें तो सीएम का इंदौर में यह सिंगल कार्यक्रम था जबकि सीएम जब भी किसी शहर में पहुंचते हैं तो दो-चार कार्यक्रम आपस मे जुड़ ही जाते हैं। महिला दंगल के इस आयोजन से यह भी स्पष्ट हो गया कि जिस तीन नंबर क्षेत्र से कभी आकाश विजयवर्गीय विधायक रहे अब उस क्षेत्र में उनकी कोई दखलंदाजी नहीं रही है। वे अब पिता के विधानसभा क्षेत्र की सारी प्लानिंग को अंजाम देने में लगे हुए हैं। यही कारण है कि केके गोयल अब इस विधानसभा को लेकर इतने व्यस्त नहीं रहते है,ऐसा साफ प्रतीत हो रहा है।
जमीन वाले रामदेव बाबाजी
बाबा रामदेव को मप्र में जमीन देने में सरकार उदारता दिखाई और बाबाजी उद्योग नहीं लगाएं तो कांग्रेस को निशाना साधने का मौका तो मिलेगा ही। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता हर्ष जैन का कहना है शिवराज सिंह सरकार के वक्त 2016 में हुई जीआइएस में बाबा को पीथमपुर में 40 एकड़ जमीन दी गई थी, 500 करोड़ का फूड प्रोसेसिंग प्लांट आज तक नहीं लगा, तो फिर रोजगार कहां से मिलता....? अभी भोपाल में हुई जीआइएस में इस सरकार ने बाबा रामदेव को फिर 432 एकड़ जमीन आवंटित कर दी है। यहां कब उद्योग शुरु होगा....? यह पूछना तो दूर,सरकार ने बाबाजी से यह तक नहीं पूछा कि पीथमपुर वाली 40 एकड़ जमीन का उपयोग उन्होंने अब तक किया क्यो नही..........?
शिव-साधना का डांस
घर में ब्याव मंडा हो और मां-बाप खुशी जाहिर ना करे ऐसा संभव है हो सकता है क्या...? राजनीतिक जीवन में भले ही शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय मंत्री हों लेकिन कार्तिकेय की विवाह रस्मों में महिला संगीत में वो बेटे के विवाह की खुशी पत्नी साधना सिंह के साथ डांस करके तो जाहिर कर ही सकते हैं। ऐसे आनंद के अवसर बार-बार तो आते नहीं। सीएम रहते भजन में मगन शिव-साधना के डांस की रील खूब वायरल भी हो रही है।
चर्चा में तो पाठक पुत्र का विवाह भी है
पूर्व मंत्री-भाजपा नेता संजय पाठक के पुत्र के विवाह समारोह के कार्यक्रम कितने भव्य रहे,यह धड़ाधड़ वॉयरल होती रील्स बता रही हैं। इस समारोह से जुड़ी एक खास बात यह भी कि इंदौर से बॉबी छाबड़ा मित्र मंडली ने भी खूब रंग जमाया था।
कचरे से किताब तक-ट्रांसफर आर्डर आ जाता है
इंदौर कमिश्नर दीपक सिंह ने कचरा जलाए जाने के दौरान पीथमपुर की रामकी कंपनी में मौजूद रहने का अपना वादा निभाया है। उनकी इस मुस्तैदी,सरकार ने तारीफ भी कर दी है। इस कचरे को लेकर वो किताब लिखने का मन तो बना रहे हैं लेकिन घर पहुंचते ही मैडम की चेतावनी बार-बार याद आ जाती है कि जब जब आप की किताब प्रिंट होने की प्रक्रिया में रहती है,आपका ट्रांसफर आर्डर आ जाता है।
बिल्ली रास्ता काट गई
कहां तो नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार चालू होने वाले विधानसभा सत्र में सौरभ शर्मा मामले में सरकार के लिये मुसीबतें खड़ी करने वाले थे,उससे पहले उनकी पत्नी ने महिला मित्र वाले केस में सिंगार की मुख्य भूमिका का आरोप लगा कर उन्हें बेकफुट पर जाने के लिये मजबूर कर दिया। उन्हें समझ भी आ गया है कि पत्नी को भड़काने में भाजपा की भूमिका कितनी है, तभी तो वो कह रहे हैं कि सत्ता पक्ष यह ना भूलें कि मैं आदिवासी समाज से आता हूं।