झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड। सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता बढ़ाने और कार्यप्रणाली को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से ई-ऑफिस प्रणाली लागू की जा रही है। अब सरकारी विभागों के कार्यालयों में बाबू फाइल को अटकाकर नहीं रख पाएंगे। अधिकारियों को एक क्लिक में पता चल जाएगा कि संबंधित फाइल कहां है और क्यों रुकी है ? दरअसल नए वित्तीय वर्ष से जिले के सभी सरकारी कार्यालय ई-संचालन से जुड़ जाएंगे। इसके लिए विभागों में कर्मचारियों की आईडी बनाने और प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है। सभी सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों के अलावा लिपिकों की टेबलों पर भी कंप्यूटर और स्कैनर लगाए जाएंगे। लिहाजा सभी प्रकार की फाइलें कंप्यूटर के जरिए ही इधर से उधर होंगी। ई-ऑफिस बनने से सरकार द्वारा स्टेशनरी पर जो सालाना लाखों रुपए खर्च किया जाता है,उसकी बचत होगी।

किसके पास फाइल रुकी है और कितने दिनों से रुकी है?

प्रदेश के कुछ जिलों में ई-कार्यालय का संचालन शुरू हो गया है। जिले में भी तैयारी शुरू की जायगी। 31 मार्च से पहले सभी कार्यालयों में इसे शुरू करने की तैयारी कर रहे है। इसके लिए अधिकारी-कर्मचारियों के सरकारी ईमेल आईडी बनायी जायेगी,कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। एनआईसी एकीकृत लॉगिन प्रणाली परिचय शुरू करेगा,इससे सभी विभागों को जोड़ा जाएगा। इसमें सभी विभाग प्रमुख के साथ ही सभी एकीकृत लॉगिन प्रणाली से काम शुरू होने के बाद अब जिमेदार बेवजह अपने पास फाइल नहीं रोक सकेंगे। ई-ऑफिस में पुलिस विभाग,जिला जेल, जिला अस्पताल,नगरपालिका जैसे विभागों को भी जोड़ा जाएगा। इस सिस्टम में सब कुछ ऑनलाइन होगा। संबंधित कर्मचारी के काम पूरा करने का समय भी तय रहेगा। यदि कोई बिना वजह फाइल रोकता है,तो ऑनलाइन ही प्रदर्शित हो जाएगा कि किसके पास फाइल रुकी है और कितने दिनों से रुकी है ? दरअसल फाइल में क्या कमी है और किस वजह से रोकी गई है,इसका पूरा ब्यौरा ऑनलाइन ही दिखेगा।

ये होंगे फायदे

-कागजी कामकाज की प्रक्रिया में कमी आएगी।

-फाइलों का रिकॉर्ड अपडेट रहेगा।

-ई-ट्रैकिंग की व्यवस्था होगी,जिससे फाइल किस स्तर पर पहुंची हैं पता लगाया जा सकेगा।

-ई-ऑफिस की वजह से काम समयावधि में पूर्ण होगा।

-आम जन को बार-बार सरकारी कार्यालयो के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे।

-कोई कर्मचारी छुट्टी पर गया है,सस्पेंड है या सेवानिवृत्त हुआ तो दूसरे कर्मचारी को सारी फाइलें डिजिटल रूप में मिल जाएंगी।

-डिजिटलीकरण होने से फाइलें और दस्तावेज गुम होने का डर नहीं रहेगा।

अब शायद ही कोई व्यक्ति सरकारी नॉकरी पाने के लिए अपनी सारी हदें पार करेगा।

डिजिटल ट्रैकिंग व प्रसंस्करण,कार्यों में पारदर्शिता और कुशलता लाएगा और इससे समय की बचत होगी।