आज 8 मार्च शनिवार को जिले में राणापुर, मेघनगर,बामनिया एवं झकनावदा में भौंगर्या उत्सव-कल 9 मार्च रविवार को मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का झाबुआ दौरा.......

झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड। भौंगर्या हाट रबी फसल की कटाई के बाद वनवासी द्वारा वनवासियों के लिए पारंपरिक रूप अर्थात होली के सात दिन पूर्व लगने वाले हाट को भौंगर्या हाट कहते है। इस दौरान ढोल-मांदल गूंजते हैं,वनवासी पारंपरिक लोकनृत्य करते हैं। होलिका दहन के पूर्व सात दिनों तक मनाया जाने वाला सांस्कृतिक पर्व भौंगर्या कल 7 मार्च शुक्रवार कालीदेवी,भगौर, चैनपुरा,बेकल्दा,मांडली,वालपुर,कठिवाडा और उदयगढ में मनाया गया। भौंगर्या में कलेक्टर नेहा मीना और पुलिस अधीक्षक पद्म विलोचन शुक्ल उपस्थित ग्रामीण जनो के साथ ढोल-माँदल की थाप के साथ भौंगर्या में उत्साहपूर्वक शामिल हुए। नये-नये परिधानों व परंपरागत गहने, चश्मा धारण किये हुए युवक- युवतियों ने भौंगर्या में खूब आनंद लिया। झूले पर झूलने के साथ ही पान कुल्फी, बर्फ के गोले, आइसक्रीम एवं शर्बतों का जायका लिया,तो बच्चों के लिए भी हाट में मनोरंजन के साधनों की कमी नहीं थी। बच्चों ने चकरी का आनंद लिया।
आज 8 मार्च शनिवार को राणापुर,मेघनगर, बामनिया एवं झकनावदा में भौंगर्या हाट......
नये नये वस्त्र धारण किये मेले में आये युवक- युवतियों ने फोटो स्टूडियो पर परंपरागत गहनों के साथ रंग बिरंगे चश्मे पहन कर फोटो भी खिंचवाये। भगोरिया मेले में आये लोगो ने अपने रिश्तेदारो को झूले पर झूलाया, पान, मिठाई कुल्फी, भजिये आईस्क्रीम खिलाकर सत्कार किया एवं अभिवादन कर उत्सव की बधाई दी, आज 8 मार्च शनिवार को राणापुर, मेघनगर,बामनिया, झकनावदा,नानपुर, उमराली और बलेडी में भौंगर्या उत्सव मनाया जायेगा।
प्रदर्शनी लगाकर योजनाओं की जानकारी दी....
भौंगर्या उत्सव में उत्सव का आनंद लेने आए ग्रामीणों को भौंगर्या उत्सव स्थल पर प्रदर्शनी लगाकर लाडली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना, स्वच्छता मिशन, उज्जवला योजना, प्रधान मंत्री आवास योजना, मनरेगा योजना, कृषि संबंधी योजनाओं की जानकारी दी गई। भौंगर्या मेले में मन्नत धारी भी घूमते हुए नजर आये जिले की संस्कृति के अनुसार मन्नत धारी सातो दिन उपवास रखकर भौंगर्या में घूमते है एवं होलिका दहन के बाद पड़वा के दिन गले देवता की पूजा के बाद मन्नत उतारकर ग्रामीण जन एवं रिश्तेदार के लिए सहभोज का आयोजन करते है।
कल 9 मार्च को मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का झाबुआ दौरा......
भौंगर्या मेले में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का कल 9 मार्च रविवार को झाबुआ दौरा है। गुरुवार को कलेक्टर नेहा मीना और एसपी पद्म विलोचन शुक्ल ने बस स्टैंड का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया। कलेक्टर ने हेलीपैड स्थल पर सुरक्षा की दृष्टि से बेरिकेटिंग किए जाने के लिए लोक निर्माण विभाग के ईई को बास.बल्लियां उपलब्ध कराने तथा आवारा मवेशी से सुरक्षा की व्यवस्था के निर्देश दिए। कार्यक्रम स्थल पर निरन्तर विद्युत प्रवाह के लिए जनरेटर की व्यवस्था की जाएगी।
13 मार्च को होलिका दहन.....
होलिका दहन इस बार 13 मार्च को प्रदोष काल में किया जाएगा। पंचांग गणना के अनुसार ये पर्व फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी के बाद पूर्णिमा तिथि पर पड़ेगा। इस दिन पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र,धृति योग के बाद शूल योग,वणिज करण के बाद बव करण और सिंह राशि के चंद्रमा की साक्षी में होलिका दहन संपन्न होगा। इस बार होलिका दहन 2025 के दिन सूर्य,बुध और शनि की कुंभ राशि में युति बन रही है। साथ ही शूल योग और गुरुवार का दिन इस पर्व को और भी विशिष्ट बना रहे हैं। ऐसा संयोग 30 साल पहले 1995 में बना था,जो अब 2025 में फिर से बनने जा रहा है। इस विशेष योग में की गई मंत्र,यंत्र और तंत्र साधना अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है। यही कारण है कि इसे सिद्ध रात्रि भी कहा जाता है।
14 मार्च को होली का अवकाश घोषित,संयोग 30 साल बाद आया..
इस बार होलिका दहन के दिन सूर्य, बुध और शनि की कुंभ राशि में युति बन रही है। साथ ही शूल योग और गुरुवार का दिन इस पर्व को और भी विशिष्ट बना रहे हैं। पंडित मोहित पुरोहित ने बताया कि ऐसा संयोग 30 साल पहले 1995 में बना था,जो अब 2025 में फिर से बनने जा रहा है। रंगों का त्योहार आने वाला है। होलिका दहन के बाद होने वाले रंगों के इस पर्व को लेकर संशय की स्थिति है। इस बार तिथि के गणना भेद के कारण कुछ स्थानों पर 15 मार्च को भी रंगोत्सव की संभावना जताई जा रही है। शासकीय कैलेंडर में 14 मार्च यानी शुक्रवार को होली का अवकाश घोषित किया है। जबकि ज्योतिषों के अनुसार फाल्गुन मास की भद्रारहित पूर्णिमा में होलिका और प्रतिपदा को होली मनाने की परंपरा रही है।
रात्रि 11.30 के बाद होगा होलिका दहन.....
ज्योतिषाचार्य पं. सत्यनारायण शुक्ल (जेमिनी)ने बताया कि होलिका दहन भद्रा समाप्त होने के बाद ही किया जाना चाहिए। रात्रि 11.30 के बाद दहन शुभ रहेगा। हालांकि कुछ स्थानों पर मध्य रात्रि या ब्रह्म मुहूर्त में भी होलिका दहन की परंपरा है,लेकिन रात्रिकाल में ही ये अनुष्ठान सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दिन सुबह 10.23 बजे से रात 11.30 बजे तक भद्रा का प्रभाव रहेगा। हालांकि, धर्मशास्त्रों के अनुसार प्रदोष काल में किया पूजन शुभ फलदायी होता है। पंचांग गणना के मुताबिक इस बार सिंह राशि का चंद्रमा भद्रा का वास पृथ्वी पर बता रहा है,पर बड़े पर्वों के दौरान भद्रा के पूंछ का विचार किया जाता है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार,भद्रा के अंतिम भाग में होलिका पूजन से यश और विजय की प्राप्ति होती है।