सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन भी नहीं करा पा रहा प्रशासन,न हीं रजिस्ट्रेशन न हीं पार्किंग समेत अन्य सुविधा.......
झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड। शहर सहित जिले भर में 40 से अधिक मैरिज गार्डन की भरमार है। इन मैरिज गार्डन का न तो कहीं रजिस्ट्रेशन हैं न हीं पाकिंर्ग की सुविधा। उल्टे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और गाइड लाइन क धज्जियां उड़ाकर रहवासी क्षेत्रों में खुले आम मैरिज गार्डन का संचालन हो रहा है। कई बार जिला प्रशासन और नगर पालिका ने मैरिज गार्डन के संचालकों के साथ रजिस्ट्रेशन, पार्किंग समेत अन्य सुविधाओं को लेकर बैठक बुलाई,लेकिन नतीजा सिफर रहा। एक बार फिर शहर में शादियों की धूम शुरू हो गई है। इन शादियों के आयोजन से जहां कुछ लोगों के लिए खुशियां लेकर आए हैं तो वहीं कई लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। मैरिज गार्डन के बाहर जाम सी स्थिति बनने लगती है।
जिलेभर में 40 से अधिक मैरिज गार्डन.........
सूत्रों के अनुसार शहर सहित जिले भर में 40 से अधिक मैरिज गार्डन,मांगलिक भवन- होटल हैं। जिनमें से कई ऐसे मैरिज गार्डन,मांगलिक भवन, होटल है जिसमें न तो पार्किंग की व्यवस्था है और न ही सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गार्ड तैनात हैं। इसके बाद भी धड़ल्ले से शादी-समारोह आयोजित हो रहे हैं। शादियों का सीजन शुरू होने के समय शहर समेत जिले भर में कई नामी-गिरामी होटलों, मैरिज गार्डन पर पार्किंग की सुविधा न के बराबर है,जिससे रोड पर वाहन खड़े होकर यातायात बाधित करते हुए देखे जा सकते हैं। यहां शादी-समारोह के समय घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग होते हुए देखा जा सकता है। अधिकांश बारातों और चल समारोह में हथियार लेकर लोग चलते हुए देखे जा सकते हैं। बारात के निकलने के समय जाम की तो यह स्थिति होती है कि कई बार तो वीआईपी के अलावा एम्बुलेंस तक फंस जाती है।
रिहायशी इलाके वाले मैरिज गार्डन से परेशानी.........
कुछ व्यवसायियों ने अपना फायदा देखते हुए मैरिज गार्डन घर के पास खाली पड़ी जगह में ही विकसित कर लिए हैं। कई कॉलोनी ऐसी हैं जहां संचालित मैरिज गार्डन संचालक के पास शादी या अन्य कार्यक्रमों के बाद निकलने वाला वेस्ट मटेरियल फेंकने के समुचित इंतजाम नहीं हैं। ऐसे में यहां काम करने वाले कर्मचारी सड़े गले खाद्य पदार्थों को खुले में फेेंक देते हैं। जिससे यहां रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन भी नहीं करा पा रहा प्रशासन.......
जब भी अधिकारियों से कार्रवाई के मामले में पूछा जाता है तो उनका एक ही जवाब होता है, हम सर्वे कराकर ऐसे मैरिज गार्डन संचालकों को नोटिस दे रहे हैं। खास बात तो ये है कि सूत्रों के अनुसार जिले भर में चार-पांच मैरिज गार्डन तो शासकीय जमीन पर बन गए हैं। बता दें कि इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है। हर बार की तरह एक बार फिर शहर और जिले की जनता को मैरिज गार्डन में आने वाले लोगों के वाहनों से जाम जैसी समस्या से जूझना होगा। क्योंकि जहां शहर में एक ओर मैरिज गार्डन संचालक बगैर अनुमति के उसका संचालन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न तो संबंधित विभाग के अधिकारी करा पा रहे हैं।
यह है सुप्रीम कोर्ट के आदेश.....
एक न्यायिक अधिकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट का आदेश शादी-ब्याह, समारोह आदि का मैरिज गार्डन, मांगलिक भवन को लेकर है,उस आदेश का पालन तो पुलिस प्रशासन को कड़ाई से कराना चाहिए। जिससे यातायात बाधित न हो और जनता को कोई परेशानी न हो। डीजे रात्रि दस बजे के बाद बंद हो जाना चाहिए, ऐसा नहीं करने वालों पर संबंधित पुलिस थाने के उस बीट में नियुक्त पुलिस कर्मियों पर भी कड़ी कार्रवाई करना चाहिए। डीजे को राजसात करने तक का प्रावधान है। इसके अलावा शादी समारोह में बारात हो या चल समारोह में कोई भी हथियार लेकर नहीं चल सकता है। उसके विरुद्ध पुलिस कार्रवाई कर सकती है।
नपा के पास गार्डनों का रेकॉर्ड नहीं.........
शहर समेत जिले भर में कई मैरिज गार्डन ऐसे हैं। जिनका नगर पालिका के पास रेकॉर्ड उपलब्ध नहीं है और बेधड़क संचालित हो रहे है। ऐसे में संपत्ति का टैक्स तो छोड़िए लाइसेंस फीस तक जमा नहीं की गई है। जिससे नगर पालिका को राजस्व नुकसान हो रहा है। इसके बाद भी महज नोटिस की खानापूर्ति की गई है। कार्रवाई को लेकर रुचि नहीं है। जबकि संपत्ति कर के अलावा हर साल लाइसेंस फीस 20 हजार रुपए जमा करना होती है।
गार्डन संचालन के यह है मापदंड ...?
-सुरक्षा को लेकर अग्निशमन उपकरण अनिवार्य।
-हर तीन साल में रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण होना।
-किसी भी अस्पताल,शिक्षण संस्थान से मैरिज गार्डन की दूरी कम से कम 100 मीटर होना चाहिए।
-रात 10 बजे से अगले दिन सुबह 8 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं होना चाहिए।
-नियमों का उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान।
-मैरिज गार्डन पहुंच मार्ग कम से कम 12 मीटर चौड़ा होना चाहिए।
-मैरिज गार्डन का क्षेत्रफल न्यूनतम 4000 वर्ग मीटर होना चाहिए।
-गार्डन का अगला भाग न्यूनतम 40 मंीटर चौड़ा होना चाहिए।
-गार्डन परिसर के अंदर कुल भूखंड का कम से कम 35 प्रतिशत हिस्सा पार्किंग के लिए छोडऩा चाहिए।
-डायवर्सन आवश्यक है -व्यावसायिक।
-नगर पालिका से अनुमति होना चाहिए।
- पानी निकासी की व्यवस्था होना चाहिए।
-अपशिष्ट पदार्थ के लिए स्थान होना चाहिए।
-प्राइवेट गार्ड की व्यवस्था का प्रमाण।
कठोर कार्रवाई की जाएगी......
नपा प्रशासन द्वारा समय-समय पर नियमों का पालन नहीं करने वाले मैरिज गार्डन संचालकों को नोटिस जारी किए जाते हैं और समझाइश भी दी जाती है। यदि नियमों का पालन नहीं करेंगे भविष्य में कठोर कार्रवाई की जाएगी। मैरिज गार्डन बगैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं और नियमों का पालन नहीं हो रहा है, इसको दिखाया जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।