झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना की पहल-टमाटर चमकाने लगा किस्मत. मोहन की आंखें खुली हैं,शिव ध्यानस्थ थे

झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना की पहल-टमाटर चमकाने लगा किस्मत. मोहन की आंखें खुली हैं,शिव ध्यानस्थ थे.. महोत्सव में अभिमंत्रित रुद्राक्ष का नही किया जाएगा वितरण,नर्मदा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा-सांसद ने चिंता तो की नर्मदा की,5 हजार फरियादी और 50 हजार पुलिस के,गांव मेरे बाप के नाम का,आबकारी नहीं करे तो विधायक करे
प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक नोक-झोक पर अलग हट कर,संघर्ष से सिद्धि की विशेष पेशकश संजय जैन-स्टेट हेड की कलम से
झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना की पहल-टमाटर चमकाने लगा किस्मत
झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड। झाबुआ टमाटर का कितना प्रमुख उत्पादक है, इससे समझ सकते हैं कि वर्तमान खेती क्षेत्र 2 हजार730 हेक्टेयर है और कुल उत्पादन 1.63 लाख मीट्रिक टन है। फिर भी टमाटर उत्पादकों के किसानों को पर्याप्त दाम नहीं मिल पाता है। टमाटर की बंपर पैदावार का लाभ उठाते हुए,झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना ने पलायन को रोकने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से इस फसल के स्थानीय उद्योग को बढ़ावा देने की योजना भी बना डाली। प्रशासन ने किसान उत्पादक संगठनो-ंएफपीओ खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों को एक मंच पर ला कर,मुख्य समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर कराए। टमाटर आधारित विभिन्न उत्पादों जैसे टमाटर सॉस, टमाटर फ्लेक्स,टमाटर प्यूरी और टमाटर पाउडर के उत्पादन के लिए एक केंद्र स्थापित करने की दिशा में पहल की और .सिफ़र् छह महीने के भीतर 10 टमाटर ड्रायर और एक टमाटर सॉस इकाई स्थापित भी हो गई। अब देखना यह है कि इस पहल से उपज का उचित मूल्य गरीब किसानों को मिल पाता है कि नहीं या सिर्फ वातानुकूल कक्ष की एक और बैठक और कागजों पर सिर्फ लकीरें खिंच देने तक सीमित रह जाएगी।
मोहन की आंखें खुली हैं,शिव ध्यानस्थ थे
प्रयागराज में महाकुंभ में हुई भगदड़ में मृत लोगों की मौत को मोक्ष प्राप्ति बताने वाले देवदूतों को सीहोर में पं.प्रदीप मिश्रा के यहां होने वाले रुद्राक्ष महोत्सव से समझ लेना चाहिए कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आंखें खुली रखी हैं। दो साल पहले शिवराज सरकार ने सीहोर प्रेम के चलते आंख मूंद कर अनुमति दे दी थी। उसी का अंजाम रहा कि भारी अव्यवस्था,प्रशासनिक लापरवाही के चलते 5 महिलाएं,एक बच्चे और दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी।
महोत्सव में अभिमंत्रित रुद्राक्ष का नही किया जाएगा वितरण
मोहन सरकार ने समझ लिया है कि कुंभ वाली भावना अब उफान पर है तो जाहिर है कि सीहोर में क्राउड मैनेजमेंट भी एक बड़ी चुनौती होगी। सीहोर कलेक्टर बालागुरु ने अभी हाल ही में 28 जनवरी को पदभार ग्रहण किया है। वे अनुभवी हैं तभी तो उन्हें पूर्व सीएम के गृह जिले में पदस्थ किया गया है। उन्हें भी पता है कि रुद्राक्ष महोत्सव एक तरह से सरकार के लिये सिंहस्थ-28 की एक रिहर्सल भी है। सरकार के निर्देश पर वो तमाम व्यवस्था जुटाई गई है,जिससे लाखों श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। उल्लखनीय है कि आयोजकों ने दो साल पहले हुए हादसे से सबक लिया यह ठीक तो है,लेकिन सरकार का दबाव भी रहा है कि कुबरेश्वरधाम में होने वाली कथा-महोत्सव की जानकारी देते हुए आयोजकों को यह घोषणा करना पड़ी है कि सात दिनी कथा में रुद्राक्ष अभिमंत्रित तो किये जाएंगे लेकिन वितरण महोत्सव अवधि में नहीं बल्कि बाद में किसी निश्चित समय मे किया जायेंगा।
नर्मदा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा-सांसद ने चिंता तो की नर्मदा की
प्रयागराज,हरिद्वार,नासिक,उज्जैन की तरह यदि मां नर्मदा में भी कुंभ-सिंहस्थ जैसा महा आयोजन होता तो शायद इस अनोखी नदी का कायाकल्प करने पर भी सरकार शायद कुछ सोच ही लेती। नरेंद्र मोदी गुजरात की किस्मत संवारने के लिये नर्मदा को लेकर गए थे,इससे उनकी किस्मत में चार चांद तो लग गए लेकिन मां नर्मदा वहीं की वहीं रह गई। ज्ञात हो कि मा नर्मदा पर चुनरियां तो खूब चढ़ती हैं लेकिन सिर्फ ले देकर एक ही मुख्य आयोजन,नर्मदा जयंती का होता है। अब नर्मदापुरम से सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने संसद के शून्य काल में नर्मदा नदी के संरक्षण का मुद्दा उठा कर सरकार को जगाने की कोशिश की है। सांसद ने कहा संरक्षण नहीं होने से लोगों के उपयोग के लिए अनफिट होती जा रही हैं। बांधों और हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के निर्माण से मूल स्वरूप बदल रहा है। पानी की गुणवत्ता खराब हो रही है। नदी में अधिक रेत खनन के कारण नर्मदा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
गलती एमपीसीए की,तनाव सिंधिया का
ग्वालियर के शंकरपुर में बनाए गए अंतरराष्ट्रीय स्तर के श्रीमंत माधवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम में बिल्डिंग परमिशन और नियम की अनदेखी उजागर हुई है। इस पूरे मामले में एमपीसीए की चूक है लेकिन बेवजह तनाव केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य को झेलना पड़ेगा। मप्र क्रिकेट एसोसिएशन ने ईस्ट-वेस्ट पेवेलियन में करीब 66 वर्ग मी.अधिक निर्माण किया है,बीच में 6 की जगह 5 मीटर ही जगह छोड़ दी है। जनवरी 2016 को दी गई भवन निर्माण की स्वीकृति भी गलत है। इस बीच स्टेडियम में 06 अक्टूबर 2024 को भारत-बांग्लादेश के बीच टी.20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला जा चुका है।
आबकारी नहीं करे तो विधायक करे
सैलाना से बाप पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार अपने क्षेत्र में वो काम कर रहे थे,जो आबकारी विभाग और पुलिस महकमे को संयुक्त रूप से करना चाहिए था। जिस तरह से क्षेत्र में अवैध शराब का परिवहन दिनदहाड़े हो रहा था,तो आमजन तक समझ चुका था कि विभागों की आपसी सुलह बिना यह संभव नहीं। विभागों ने जब कुछ नहीं किया तो विधायक ने ऐसी गाड़ियां रोकने के लिए अपनी टीम मैदान में उतार दी, अब प्रकरण बनाना पुलिस-आबकारी की मजबूरी हो गई।
फूट-फूटकर रोए तरवर सिंह
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार अभी बंडा विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर गए और कांग्रेस नेता तरवर सिंह लोधी के जख्म कुरेद आए। यहां से कांग्रेस ने तरवर सिंह को और भाजपा ने वीरेंद्र सिंह लोधी को टिकट दिया था,तरवर हार गए। नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने पूछ लिया कैसे हार गए...? तरवर फूट-फूट कर रो पड़े। सुनाते रहे कि अपने दल वालों ने ही चोट कर दी।ष्तरवर के समर्थक भी भीतरघात करने वाले कांग्रेस नेताओं के नाम गिनाते रहे।
गांव मेरे बाप के नाम का
गुलामी के दौरान बदले गए स्थान के नामों को अब केंद्र और राज्य की सरकारें गुलामी के चिन्ह बता कर मिटा रही है। इसका लाभ लेकर ग्राम पंचायत सचिव,सरपंच और पटवारी को प्रभावित कर,गांव का नाम अपने पिता के नाम पर करवा लिया। भिंड कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान यह मामला उजागर हुआ । भिंड विधानसभा की नुनू हाटा ग्राम पंचायत के बुढनदिया का पूरा को बदलकर महादेव का पूरासी कर दिया गया है। गांव का नाम बदलने के दौरान किसी भी ग्रामीण से सहमति नहीं ली गई है। अब ग्रामीणों के सामने सबसे बड़ी समस्या उनको अपने राशन कार्ड,आधार कार्ड,वोटर कार्ड,पैन कार्ड सहित सारे शासकीय डॉक्यूमेंट में गांव का नाम बदलवाना पड़ेगा।
5 हजार फरियादी और 50 हजार पुलिस के
दुष्कर्म के आरोपी फरार तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान का सुराग देने के लिये पुलिस ने तो 50 हजार का ईनाम घोषित किया ही है,पीड़िता भी उसे 5 हजार का ईनाम देगी। तहसीलदार की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। पीड़िता का ये भी आरोप है कि फरार तहसीलदार उसे लगातार धमकियां दे रहा है कि वो उसकी व उसके बच्चे की हत्या करा देगा।