अमावस्या पर पवित्र देवझिरी तीर्थ स्थल पर श्रद्धालुओं की रहीं भीड़- दिनभर चलता रहा दर्शन-पूजन का क्रम

झाबुआ। संजय जैन-स्टेट हेड। शास्त्रों के अनुसार सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस दिन नदी में स्नान, दान-पुण्य, जीव सेवा एवं मौन व्रत जैसे कई कार्य मानसिक शांति एवं परिवार की सुख-समृद्धि के लिए किए जाते है। मौनी अमावस्या के उपलक्ष में शहर से करीब साढ़े 6 किमी दूर पवित्र तीर्थ स्थल देवझिरी में अलसुबह से लेकर देर शाम तक श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ रहीं। भक्तों ने देवझिरी में मां नर्मदा नदी के कुंड में स्नान बाद श्री संकट मोचन महादेवजी के दर्शन-पूजन का लाभ लिया। मां नर्मदा सेवा समिति ने इस दिन भगवान भोलेनाथ का विशेष अभिषेक कर श्रृंगार किया। रात्रि में पूरे मंदिर को दीपकों से सजाया गया।
श्री संकट मोचन महादेव मंदिर देवझिरी
अलसुबह 6 बजे से ही शहर सहित आसपास के क्षेत्रों से भक्तों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने मंदिर परिसर में बने कुंड में मां नर्मदा नदी के अनवरत बह रहे जल में स्नान बाद श्री संकट मोचन महादेवजी संग समस्त शिव-परिवार दोनो ओर स्थापित श्री संकट मोचन हनुमानजी महाराज एवं प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेशजी की पूजन कर नारियल बदारकर चिरंजी का प्रसाद चढ़ाया। भगवान का धूप-दीप किया गया। मेले जैसा माहौल... मंदिर के बाहर पूजन सामग्रीयों एवं चाय-नाश्ते की दुकाने लगी रहीं। उल्लेखीय है कि प्रतिवर्ष मौनी अमावस्या पर देवझिरी तीर्थ पर मेले जैसा माहौल रहता है। इस दिन मां नर्मदा के कुंड में विशेष डूबकी लगाने के साथ दिनभर दर्शन-पूजन का क्रम चलता है।
मां नर्मदा सेवा समिति ने दीप सज्जा की
प्रातःकाल मां नर्मदा सेवा समिति ने श्री संकट मोचन महादेवजी का अभिषेक एवं श्रृंगार कर पूजन किया। संध्याकाल पूरे मंदिर की सफाई कर 501 दीपको से मंदिर एवं परिसर को सजाया गया। बाद विशेष आरती कर प्रसादी वितरण हुआ।
मौनी अमावस्या पर श्री संकट मोचन महादेव मंदिर देवझिरी को मां नर्मदा सेवा समिति ने दीपकों से सजाया।