झाबुआ/इंदौर।संजय जैन-स्टेट हेड। इंदौर ही नहीं संपूर्ण मध्य भारत क्षेत्र में देहदान की अलख जगाने वाले नंद किशोर व्यास इन बीस सालों में 200 से अधिक देहदान करा चुके हैं।सराफा क्षेत्र में ‘गुरु’ के नाम से पहचाने जाने वाले व्यास ने 2005 में एमजीएम मेडिकल कॉलेज संबंधी समाचार पढ़ा कि मेडिकल छात्रों को प्रेक्टिकल के लिये मनुष्य देह नहीं मिल पा रही है। सराफा में सोने-चांदी की सच्चाई परखने की लेब संचालित करने वाले व्यास पर इस खबर का असर ऐसा हुआ कि उन्होंने देहदान और अंगदान करवाने का मिशन ही शुरु कर दिया। ब्राह्मण समाज के गौरव महर्षि दधीचि द्वारा किए गए प्रेरक देहदान को आधार बना कर गठित की गई संस्था हर साल देह और अंगदान करने वाले परिवारों का सम्मान समारोह भी आयोजित करती है। अगला सम्मान समारोह 2 मार्च को देअविवि सभागृह आरएनटी मार्ग इंदौर पर आयोजित किया जाएगा। 

2006 में पहला करवाया था अंगदान

मेडिकल के छात्रों को प्रेक्टिकल के लिये डेड बॉडी नहीं मिलने के कारणों का पता करने के लिये एमजीएम मेडिकल कॉलेज के एनाटामी डिपार्टमेंट की तत्कालीन विभागाध्यक्ष डॉ. सुधा श्रीवास्तव से मिले, उनसे व्यावहारिक दिक्कतें और सरकारी मजबूरी भी समझीं। डॉ.श्रीवास्तव ने इनसे ही अनुरोध किया कि आप ही पहल करें। 2006 में कॉलेज को होरा परिवार ने सरदार सत्येंद्र सिंह होरा की देहदान की थी। व्यास ने पहला सम्मान समारोह आयोजित कर उनके पुत्र जगजीत सिंह होरा का सम्मान किया और तब से हर साल देहदान करने वाले परिवार के सम्मान के साथ ही मध्य भारत क्षेत्र में लोगों को देहदान के लिये प्रेरित करने का अभियान भी शुरु हो गया। अनंत चतुर्दशी चल समारोह में जागरुकता के पर्चे वितरित करने के साथ ही शंकर लालवानी जब प्राधिकरण अध्यक्ष थे, उस दौरान देह और अंगदान संबंधी झांकी निर्माण से भी जागरुकता संबंधी कार्य किया। 

देहदान-अंगदान समिति से जुड़ते ही गए

देहदान के लिये ब्राह्मण समाज सहित अन्य समाजों की बैठकों में नंद किशोर व्यास अपनी पुत्री भावना व्यास के साथ जाकर लोगों को समझाते थे। जिसका असर यह हुआ कि लोग महर्षि दधीचि देहदान-अंगदान समिति से जुड़ते ही गए।इस पुण्य कार्य का असर यह भी हुआ कि मुस्कान ग्रुप भी नेत्र-देह-अंगदान के काम में एक्टिव हो गया। 

इन अंगों का दान कर सकते हैं

किसी भी व्यक्ति को ब्रेन डेथ घोषित करने की प्रक्रिया सम्पन्न होने के पश्चात, छह घंटे की अवधि में महत्वपूर्ण अंग दान किये जा सकते हैं। 6 सॉलिड आर्गन-हार्ट, लीवर किडनी, पेनक्रियाज, लंग्ज, इंस्टेटाइन के साथ ही त्वचा सहित 35 टीशु दान किये जा सकते हैं। समय रहते जरूरतमंद मरीज तक ये अंग ग्रीन कॉरिडोर बना कर पहुंचाए जाते हैं। 

हुआ है इंदौर में उल्लेखनीय काम

तत्कालीन कमिश्नर संजय दुबे और मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन डीन-सोटो के सीईओ डॉ.संजय दीक्षित के वक्त इंदौर में देह और अंगदान के क्षेत्र में इंदौर में उल्लेखनीय काम हुआ है।अंगदान के लिये नोडल अधिकारी डॉ. मनीष पुरोहित सारी अनिवार्यताएं सम्पन्न कराते हैं। महर्षि दधीचि समिति 2005 से अब तक 200 से ऊपर देहदान के साथ ही 300 से अधिक 
नेत्रदान करा चुकी है। 

इन छह कॉलेजों में कहीं भी कर सकते हैं देहदान

परिवार के किसी सदस्य के निधन पश्चात उसकी इच्छा मुताबिक देहदान किया जा सकता है। इंदौर शहर के छह एमजीएम मेडिकल, अरविंदो, इंडेक्स, एलएन मेडिकल के साथ ही अष्टांग आयुर्वेदिक कॉलेज में संपर्क कर के देहदान किया जा सकता है। उक्त समिति ने एमजीएम कॉलेज में बीते वर्ष में 22 देहदान और पांच अंगदान कराए हैं। 

इसलिये करते हैं दधीची सम्मान

पौराणिक प्रसंग है देवाधिदेव इंद्र और दानव वृत्रासुर में युद्ध का। देवताओं के अनुरोध पर महर्षि दधीचि ने होली के दिन अपनी अस्थियां दान की, जिससे वज्र का निर्माण किया गया वृत्रासुर वध के लिये। शेष बची अस्थियों से भगवान कृष्ण का सारंग धनुष, शिव का पिनाक और अर्जुन का गांडिव धनुष निर्मित किये गये थे। उन्हीं महर्षि दधीची की स्मृति में देहदान करने वाले परिजनों का सम्मान किया जाता है। 

मप्र ने की गॉर्ड ऑफ ऑनर की घोषणा

मोहन यादव सरकार ने ब्रेन डेथ मरीज के परिजनों को जागरुक करने के लिये घोषणा की है कि देहदान-अंगदान करने वाले व्यक्ति के सम्मान में राज्य सरकार द्वारा गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। सरकार की इस घोषणा का अंगदान के लिये प्रेरित करने वाली संस्थाओं-व्यक्तियों ने स्वागत किया है।  

पंजीकृत डोनर हैं दो हजार                  

नंद किशोर व्यास ने बताया उनकी समिति से जुड़े-देहदान का संकल्प पत्र भरने वाले सदस्यों की संख्या दो हजार के करीब है। इन सभी को डोनर कार्ड दे रखे हैं। इंदौर के अलावा खंडवा, उज्जैन, गुना, रतलाम, शाजापुर में, बडवानी, मंडलेश्वर आदि क्षेत्र के डोनर हैं। परिवार वाले खुद फोन करते हैं कि हमारे दिवंगत सदस्य के अंगदान करना है। समिति द्वारा आई बैंक, त्वचा, मेडिकल कॉलेज को इंफार्म कर अंगदान की प्रक्रिया सम्पन्न कराई जाती है।

इन नंबरों पर सूचित करें

महर्षि दधीचि देहदान-अंगदान समिति को देहदान-अंगदान के लिए इस नंबर पर सूचित कर सकते हैं-फोन नंबर 0731-2341443। मोबाइल नंबर  99931-75407, 78982-25846।