चार्जिंग स्टेशन नहीं होने से आ रही समस्या, चार्जिंग स्टेशन की मांग-नहीं की जा रही प्रशासनिक पहल

जिले में तेजी से बढ़ रहे टू-व्हीलर को घरेलू बिजली से ही किया जा रहा चार्ज
झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड। शहर में पिछले 4-5 सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। सरकार की ओर से पर्यावरण को बेहतर बनाने और परिवहन के लिए सस्ता विकल्प मुहैया कराने के मकसद से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। पिछले सालों से पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही लगातार बढ़ोतरी के चलते लोगों का इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की ओर रुझान बढ़ा है। शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि स्कूटर के शोरूम में वाहनों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। शहर में करीब आधा दर्जन से अधिक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के शो रूम है।
हो रही लोगों को परेशानी
ई-वाहनों की बिक्री बढऩे में दो बाधाएं लोगों को इसको खरीदने से रोक रहीं हैं, एक तो शहर में पेट्रोल पंप की तर्ज पर चार्जिंग पॉइंट की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है। दूसरा इन वाहनों की मरम्मत के लिए हर जगह मिस्त्री नहीं होने से वाहन खराब होने पर उसे शो-रूम में ले जाना ही विकल्प है। ये दोनों बाधाओं का निस्तारण हो जाए तो बिक्री आौर बढ़ जाएगी। ऐसे में लोग अपने घरों में चार्ज कर रहे हैं तो किराए के घरों में रहने वाले परेशान होते हैं। शहर में चार्जिंग प्वाइंट खोलने की मांग की है,जिससे लोगों को राहत मिल सके। वहीं घरों में घरेलू बिजली से चार्ज किए जा रहे कार व रिक्शा को लेकर सजग नहीं हो रहे हैं।
टू व्हीलर को चार्ज करने में 1 से 2 यूनिट खर्च
एक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को चार्ज करने में 1 से 2 यूनिट तक बिजली खर्च होती है, कार को चार्ज करने में 6 से 7 यूनिट बिजली खर्च होती है। चार्जिंग स्टेशन पर टू-व्हीलर को फुल चार्ज करने में 20 से 60 रुपए और फोर-व्हीलर को चार्ज करने में 60 से 70 रुपए खर्च आता है। यदि घर पर इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करते हैं तो यह खर्च कम आएगा। बड़े इलेक्ट्रिक वाहनों के आने के बाद चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता होगी, क्योंकि वे पूरी रात चार्ज होंगे और बिजली की खपत भी बढ़ेगी।