एग्जाम टाइम-बच्चों ने लगाया पढ़ाई पर जोर,ध्वनिप्रदूषण रोकने में पड़ोसियों से बढ़ी अपेक्षा

परीक्षा के समय छात्रों को चाहिए शांति,परिजन व पड़ोसियों से सहयोग की उम्मीद-छात्र ओवरकॉन्फिडेंट न हों,रिजल्ट की जगह मेहनत पर करें फोकस
झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड। परीक्षाओं के दौरान परीक्षार्थियों को उनके परिवार और पड़सियों से कई महत्वपूर्ण अपेक्षाएं होती है,जो उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए सहायक हो सकती हैं। परीक्षा का समय है ऐसे में रिेलेक्स व सपोर्टेबल माहौल जरूरी होता है। कॉलोनी में पड़ोसियों का भी इस तरह से सपोर्ट होना चाहिए कि मोहल्ले में ज्यादा से ज्यादा शांति बनाए रखें। उनकी बातचीत या फिर कोई कार्यक्रम है तो उसकी तेज आवाज उनके घर तक ही रहेए दूसरों के घरों तक न पहुंचे। हालांकि शादी के कार्यक्रम चल रहे हैं,लेकिन देर रात तक व तेज आवाज में डीजे ने बचें,इस तरह के प्रयास होना चाहिए।छात्र आदित्य बता रहे है मुझे परिजनों ने अलग कमरा दिया है,पढऩे की व्यवस्था उस कमरे में है,ताकि रिश्तेदार या किसी भी तरह से किसी का पढ़ाई के दौरान दखल न हो। उसी तरह से अन्य बच्चों को भी होना चाहिए।
परिवार व पड़ोसियों के दायित्व
शांति बनाए रखना- पड़ोसियों को अपने मकान में शांति बनाए रखना चाहिए,ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई में ध्यान केंद्रित कर सकें।
शोर शराबा न करें- पड़ोसी बच्चों को परीखा में भाग लेने के दौरान अनावश्यक शोर-शराबा न करें,जिससे कि बच्चों का ध्यान भटके।
*गतिविधियों पर ध्यान दें-*पड़ोसी अपनी गतिविधियेां पर ध्यान दें और बच्चों की जरूरत पडऩे पर उनकी मदद करते रहें।
बोर्ड परीक्षा में छोटी-छोटी लापरवाहियां हमेशा मार्क्स के कम होने की वजह बन सकती हैं। बात भले ही छोटी सी है,लेकिन इसका असर मार्कशीट में साफ तौर पर नजर आता है। आइए जानते हैं कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए
स्टूडेंट्स के दायित्व
1-इधर-उधर न देखें
परीक्षा हॉल में अपनी कॉपी पर पूरा ध्यान दें। यह न देखें कि दूसरे स्टूडेंट्स कितना लिख रहे हैं। इससे ऐसा महसूस हो सकता है कि आपको कम आता है। ऐसा करने से एकाग्रता भंग होती है। पेपर छूटने का खतरा बना रहता है। इसलिए परीक्षा हॉल में खुद के बारे में सोचें और मन को शांत रखें। यह न सोचें कि दूसरों की तैयारी कैसी होगी। आप कितना अच्छा करेंगे,यही सोचें।
2-कॉपी पर फोकस नहीं
कई स्टूडेंट्स के मन में भ्रम रहता है कि बी कॉपी लेने से मार्क्स ज्यादा मिलते हैं,लेकिन शिक्षकों का मानना है कि यह भ्रम मात्र है। कॉपियां जांचते समय मार्क्स हमेशा सही जवाब के लिए मिलते हैं,न कि कॉपियां भरने के लिए। इसलिए कॉपी भरने पर फोकस न रखें। जवाब साफ और स्पष्ट लिखने की कोशिश करें। जहां पर डायग्राम की जरूरत है,वहां बनाएं। जहां पर जरूरी बात को अंडरलाइन करना हो,वहां जरूर अंडरलाइन करें।
3-ओवर कॉन्फिडेंस सही नहीं
परीक्षा के दौरान ज्यादातर स्टूडेंट्स को लगता है कि उन्हें यह सवाल बहुत अच्छी तरह से आता है। इस बात को लेकर कॉन्फिडेंट होना अच्छा है,लेकिन कई बार स्टूडेंट्स इतना निश्चिंत हो जाते हैं कि जब समय कम रह जाता है तो सबसे खराब जवाब उसी सवाल का लिखते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि सबसे पहले उन्हीं सवालों के जवाब लिखें जो आपको अच्छी तरह से आते हों। जवाब आता है,यह सोचकर अति उत्साहित न हों और न ही लापरवाही बरतें।
4-रिजल्ट नहीं,जवाब पर जोर
आमतौर पर स्टूडेंट्स पूरी परीक्षा के दौरान सिर्फ और सिर्फ रिजल्ट के बारे में सोचते रहते हैं। शिक्षकों का कहना है,परीक्षा के दौरान स्टूडेंट्स का फोकस अपना सर्वश्रेष्ठ देने पर होना चाहिए,न कि इतने या उतने अंक आने चाहिए। अगर एग्जाम हॉल में सारा फोकस सवालों के बेहतर जवाब लिखने पर रहेगा तो निश्चित तौर पर परीक्षाफल आपकी उम्मीद से बेहतर होगा और असर दिखाई देगा।
5-हैंडराइटिंग में बदलाव नहीं
ज्यादातर स्टूडेंट्स की कॉपी में शुरुआत में राइटिंग सुंदर और पढ़ने योग्य होती है,लेकिन जैसे-जैसे जवाब बढ़ते हैं,हैंडराइटिंग खराब होती जाती है। एक समय के बाद पढ़ पाना मुश्किल होने लगता है,ऐसा करने से बचें। जवाब लिखने की स्पीड ऐसे मेंटेन रखें कि राइटिंग शुरू से लेकर अंत तक साफ.सुथरी बनी रहे। मार्क्स स्कोर करने में राइटिंग का भी अहम रोल होता है क्योंकि जवाब समझना आसान होता है।
प्राणायाम करें,ताकि तनाव न बढ़े
प्रतिदिन सुबह 15 से 20 मिनट प्राणायाम को दें। पांच मिनट अनुलोम-विलोम,दो-पांच बार सूर्य नमस्कार व ओम का जप करें व दो मिनट ध्यान में बैठें। इससे नकारात्मक ऊर्जा घटेगी व सकारात्मकता बढ़ेगी। साथ ही मन मस्तिष्क को ठीक रखने व एकाग्रता व मेमोरी बढ़ाने सुबह गायत्री मंत्र का जप करें।
अर्चना राठौर-योगाचार्य, समाजसेवी-झाबुआ
पर्याप्त नींद व संतुलित आहार लें
बच्चों को लगभग 8 घंटे नींद पूरी करना चाहिए। रात-रातभर जागकर पढ़ाई करते हैं वह स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। पानी खूब पिएं व बाहर का खाना न खाएं। फल खाएं व घर का पौष्टिक आहार लें व ज्यादा मोबाइल न चलाएं। परीक्षा के साथ स्वस्थ रहने नींद भी उतनी भी जरूरी है।
डॉ.सचिन बामनिया-चाइल्ड स्पेशलिस्ट,जिला अस्पताल झाबुआ