कलेक्टर का काम अच्छा,फिर भी सरकार आशीष नहीं देगी
 

झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड। सरकार आदेश जारी करे और उसका उल्लंघन होते देख कर भी वह असहाय ही बनी रहे,यह तो सिर्फ  उज्जैन में ही संभव है। भिक्षावृत्ति देने और लेने के खिलाफ  सख्ततम कार्रवाई सबसे पहले इंदौर कलेक्टर ने शुरु की। आशीष सिंह के बाद भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने भी भीख देने,मांगने वालों पर एफआईआर के निर्देश दे दिए हैं। इंदौर जिला प्रशासन की सख्ती का ही असर है कि भिखारियों ने पलायन कर उज्जैन में अपना अड्डा जमा लिया है। उज्जैन कलेक्टर की हिम्मत ही नहीं हो रही है कि भिक्षावृत्ति के खिलाफ  सख्ती करें। कलेक्टर तो ठीक मुख्य सचिव भी उज्जैन में भिखारियों के खिलाफ  एक्शन के आदेश जारी नहीं कर सके। बिल्ली के गले में कौन घंटी बांधे ? उज्जैन में न तो प्रतिबंध लगना है और न ही भिक्षावृत्ति के खिलाफ  सबसे पहले अभियान चलाने वाले इंदौर कलेक्टर को सम्मानित करने की पहल की जाएगी। शायद इंदौर को सम्मान मिलने का मतलब है,उज्जैन प्रशासन का फिसड्डी साबित होना तो नहीं हो जाएगा......

कहां चली गई इंदुमती की पुतली ?!

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव जिस कार्यक्रम में हों और उनके भाषण में राजा विक्रमादित्य की न्यायप्रियता और सिंहासन बत्तीसी का जिक्र न हो यह तो कतई संभव ही नहीं । 2016 के सिंहस्थ से पहले शिवराज सरकार ने महाकाल मंदिर के पीछे रुद्र सागर में करोड़ों की लागत से विक्रमादित्य का टीला निर्मित कराया था। विक्रमादित्य के सिंहासन के साथ बत्तीसी कथा वाली पुतलियां भी निर्मित कराई थीं,इन सभी के नामकरण भी किये। छठे नंबर की इंदुमति के नाम वाली पट्टिका तो लगी है,लेकिन पुतली गायब हो गई है। मजेदार तो बात यह है कि नगर निगम को भनक भी नहीं लगी कि पुतली कब और कैसे गायब हो हुई........?

उत्तम स्वामी की नाराजी

मंडलेश्वर ईश्वरानंद-उत्तम स्वामी ने एक तरह से भाजपा सरकार को ही यह कह कर कटघरे में खड़ा किया है कि प्रदेश में 18 साल से सरकार होने के बाद मां सरस्वती की प्रतिमा लाकर भोजशाला में स्थापित नहीं की जा सकी है। उत्तम स्वामी ने सरकार को एक साल का समय और दे दिया है ,कि मुख्यमंत्री मोहन यादव देवी सरस्वती की प्रतिमा 2026 में मंदिर में स्थापित करवाएं। उन्होंने तो एक हाथ में शास्त्र,दूसरे में शस्त्र का यह कह कर संकल्प भी दिलवा दिया है कि अब लगता है कि वे तो भोजशाला में कभी भी नमाज नहीं होने दे।

इस्लाम त्याग पहुंचे,प्रयागराज

सनातन धर्म की विचारधारा से प्रभावित होकर खंडवा के दो युवकों ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपनाया था। दोनों ने 4 दिन के भीतर ही  सनातन में घर वापसी की थी। जिसमें इमरान इस्लाम छोड़कर ईश्वर बना तो वहीं मुस्तफा घर वापसी कर मारुति नंदन बन गया । दोनों युवक प्रयागराज में शाही स्नान करने के लिए रवाना हुए तो विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में हिंदू संगठन के लोग खंडवा स्टेशन पहुंचे थे। प्रयागराज रवाना होने से पहले इन दोनों युवकों ने कहा कि वे जब तक जिंदा रहेंगे तब तक सनातन के ध्वज को चारों दिशाओं में फहराते रहेंगे।

निलंबित थे,निलंबित करा दिया

दतिया जिले के सेवड़ा थाने का फरार आरक्षक भरत रावत तो पहले से ही निलंबित है। चंबल आईजी सुशांत सक्सेना ने टीआई धवल सिंह चौहान को भी निलंबित कर दिया है। टीआई द्वारा रेत माफिया,जुआं-सट्टा वालों से हर दिन की जा रही वसूली का वीडियो आरक्षक रावत ने सोशल मीडिया पर वॉयरल किया था। अपनी नाक ऊंची रखने के लिये आईजी को  टीआई को निलंबित करना पड़ा। बड़े अधिकारी कह रहे हैं,इतनी वसूली हो रही थी तो सोशल मीडिया पर डालने से पहले हमें बताना था......!

रसगुल्ले-पूड़ी की लूट है,लूट सके तो लूट

संत लोग कहते हैं राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट,उनकी सलाह पर कितने लोग गौर करते हैं। हां,जब भोजन के लिए लूटमार मचे तो पूड़ी झपटने में,रसगुल्ले लूटने में कोई पीछे नहीं रहा। मुरैना जिले में एक निजी कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान,विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना पहुंचे थे,यहां सैकड़ों कार्यकर्ता पहले से ही मौजूद थे। आगंतुकों को भोजन के लिए आमंत्रण दिया गया था। इस दौरान भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी से भीड़ बेकाबू होकर खाने पर टूट पड़ी। लोग एक दूसरे की प्लेट को झपटते हुए नजर आए। कुछ लोगों ने तो अपनी पत्तल में पुड़ियां रख लीं तो कोई पूरे हाथ में रसगुल्ला उठाकर भाग रहा था। कई लोग तो दूसरों की प्लेट से खाना लेकर चलते बने।

पन्ना का हीरा चला,ग्वालियर,चंबल डकैतों की गोलियों से गूंजता था,वो जमीन अब हीरा उगलेगी

पन्ना का इलाका हीरों के उत्पादन के लिए मशहूर है लेकिन अब इसमें ग्वालियर-शिवपुरी का इलाका जुड़ने जा रहा है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ  इंडिया-जीएसआई के सर्वे में पाया  गया है कि चंबल अंचल के पूरे 421 किलोमीटर इलाके के बीहड़ों और जंगल में हीरा मिल सकता है। सर्वे में डायमंड ब्लॉक के लिए चंबल इलाके में 35 गांवों की पहचान भी की है। सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि पन्ना में जहां हीरा मिलता है,वो इलाका विंध्याचल की पहाड़ियों का इलाका है और चंबल भी इसी इलाके में पड़ता है। इस इलाके की मिट्टी,पत्थर और आबोहवा पन्ना जैसी ही हैं,लिहाजा यहां हीरा मिलने की पूरी संभावना है। अपने सर्वें में जीएसआई ने इस पूरे इलाके को नरवर डायमंड ब्लॉक का नाम दिया है,जो चंबल डकैतों की गोलियों से गूंजता था,वो जमीन अब हीरा उगलेगी।

महाकुंभ की इच्छा और पैरों में एस्मा की बेड़ी

प्रदेश के सरकारी कर्मचारी-अधिकारी अब महाकुंभ में संगम स्नान के लिये नहीं जा सकेंगे। प्रदेश के शिक्षा विभाग में यह पाबंदी लागू की है। राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट यानि एस्मा लागू कर दिया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल यानि बोर्ड की परीक्षाओं को देखते हुए एस्मा लागू किया गया है। एमपी बोर्ड की परीक्षा अति आवश्यक सेवा घोषित की गई है। इसके अंतर्गत विभाग में कर्मचारियों,अधिकारियों, शिक्षकों के अवकाशों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। खासतौर पर शिक्षकों को तो किसी भी हाल में छुट्टी नहीं दी जा रही है।