पावनतीर्थ श्रीसम्मेदशिखरजी की यात्रा सानंद संपन्न

झाबुआ।संजय जैन-स्टेट हेड। जैन श्वेतांबर सोश्यल ग्रुप प्राइम मेन सुपर के तत्वाधान में आयोजित श्री सम्मेदशिखरजी की 9 दिवसीय यात्रा का शुभारंभ गत 13 जनवरी 2025 को इंदौर रेलवे स्टेशन पर सभी तीर्थ यात्रियों के स्वागत अभिनंदन और सम्मान के साथ शुरू हुआ। पीएमएस के संस्थापक अध्यक्ष राजेश सीमा भंडारी ने बताया कि पावापुरी, कुंडलपुर, लछुआड़ और रिजूबालिका होते हुए शिखरजी की यात्रा निर्विघ्न संपन्न हुई। प्रकाश संगीता बाफना और नेमीचंद मंजुला आंचलिया इस यात्रा के संयोजक थे। पटना स्टेशन से बस द्वारा पावापुरी प्रस्थान कर रात्रि विश्राम कर सुबह राजगृही हेतु प्रस्थान किया गया। राजगृही में गौतम गणधर धन्नाशाली भद्र, मुनि सुब्रत स्वामी वासु पूज्य स्वामी और महावीर स्वामी की पांचो टूक तथा 22 गर्म पानी के जल कुंडो का भ्रमण कर घोड़ा गाड़ी टमटम में बैठकर बोधगया हेतु प्रस्थान किया गया। बोध गया में शाक्यमुनी भगवान बुद्ध की 2600 वी शताब्दी जन्म पुण्यतिथि के अवसर पर रोपवे द्वारा बुद्ध मंदिर के दर्शन तथा प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लिया गया, तत्पश्चात कुंडलपुर हेतु प्रस्थान किया। बिहार में अत्यंत प्रभावशाली गुनिया जी तीर्थ गौतम स्वामी की केवल ज्ञान भूमि में प्रभु के पगलिया जी के दर्शन व आरती का लाभ लिया गया। भगवान महावीर स्वामी के निर्माण भूमि पावापुरी में जल मंदिर एवं संवशरण में पगलिया जी तथा मूल मंदिर में सेवा पूजा का लाभ लिया। अति प्राचीन कुए का इतिहास अति प्राचीन कुए के दर्शन किए गए माना जाता है कि भगवान महावीर के निर्माण दिवस पर देवताओं के द्वारा दीपावली की रात पर इस कुएं के पानी से दीपक जलाकर दीपावली महोत्सव मनाया जाता था। 2600 साल पहले जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर ने इसी जगह पर प्रथम एवं अंतिम 48 घंटे तक देशना वाणी सुनाई थी । उसके बाद मंदिर की जगह पर निर्वाण को पाया था ।उनकी स्मृति में उनके बड़े भाई नंदी वर्धन ने एक स्तूप का निर्माण करवाया था। ग्रुप अध्यक्ष नीरज अर्चना जैन ने बताया कि जलमंदिर दर्शन के बाद बस द्वारा शिखरजी हेतु प्रस्थान किया गया ।भोमियाजी महाराज के दर्शन एवं नारियल अर्पण कर सुबह 3:30 से तीर्थयात्रीयो ने 20 तीर्थंकरों के निर्वाण भूमि के दर्शनार्थ प्रस्थान किया। सर्वप्रथम गौतम स्वामी टोंक पहुंचे वहां दर्शन करके श्री चंद्र प्रभु की टोंक की तरफ प्रस्थान कर बीच में जितनी भी टोंक दिखाई दिए उनके दर्शन करते हुए जल मंदिर की ओर प्रस्थान किया।फिर पारसनाथ टोंक पर पहुंचे। 1365 समुद्र तल की ऊंचाई पर स्थित इस टोंक का बहुत अधिक प्रभाव है । घने जंगलों,पहाड़ों और चारों ओर फैले हुए कोहरे के बीच यह यात्रा बहुत ही रोमांचक रही। अगले दिन वरघोड़ा निकाल कर भोमिया जी के यहां प्रसाद चढ़ाया गया और यात्रा समापन व अभिनंदन समारोह का आयोजन जैन भवन में किया गया जिसमें जैन श्वेतांबर सोशल ग्रुप प्राइम मेन सुपर के सभी पदाधिकारियों ने यात्रा के मुख्य संघपतियों , संयोजक, लाभार्थियों तथा तीर्थ यात्रियों का अभिनंदन किया।सभी को बैग वितरण कर कार्यक्रम का समापन किया गया। हावड़ा मुंबई मेल द्वारा खंडवा होते हुए 21 तारीख को इंदौर आगमन के साथ तीर्थ यात्रा का समापन हुआ।यह जानकारी ग्रुप अध्यक्ष नीरज अर्चना छिंगावत द्वारा दी गई।