नए नियम के तहत नगर पालिका से ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य

झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड।  शहर में आधा दर्जन से अधिक  जिम और फिटनेस सेंटर बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे हैं। किसी ने भी नगर पालिका से परमिशन नहीं ली है। नियम-कायदों को ताक पर रखकर जिमों का संचालन किया जा रहा है। नए नियम के मुताबिक जिम का लाइसेंस नगर पालिका द्वारा जारी किया जाएगा। जब तक नगर पालिका जिम को ट्रेड लाइसेंस जारी नहीं करेगी,जब तक संचालन नहीं किया जा सकता है।

दो तरह के होते हैं जिम

जिम दो तरह के होते हैं,पहला जिसमें वेट लिफ्टिंग और कार्डियो उपकरणों आदि की सुविधा होती है। इसमें बॉडी बनाने,वजन कम करने इत्यादि की ट्रेनिंग दी जाती है। दूसरा फिटनेस सेंटर,इसमें योग,एरोबिक्स,वजन घटाना,वजन बढ़ाना,मार्शल आर्ट,आसन आदि सिखाए जाते हैं। फिटनेस सेंटर का बिजनेस जिम की तुलना में थोड़ा महंगा होता है।

ट्रेनर या कोच को अनुभव की कमी

शहर में कई ऐसे जिम या फिटनेस सेंटर हैं,जहां ट्रेनर या कोच को अनुभव की कमी है,जबकि प्रशिक्षित व्यक्ति का होना बेहद जरूरी है। गली-कूचों में खूले जिम और फिटनेस सेंटर लोगों से सिर्फ  मोटी फीस वसूल रहे हैं,सुविधाएं नाममात्र की है। छोटे-छोटे कमरों में संचालित हो रहे हैं,मशीनों का अभाव है। एक अच्छे जिम में कम से कम 15 मशीनों का होना अनिवार्य है। इनमें बेंच प्रेस,ट्रेडमिल,लेग प्रेस,बटर फ्लाई,लैट पुल डाउन,पैक डेक,डिप बार,केबल क्रॉसओवर, प्रीचर बेंच, सिटअप बेंच, दे नॉर्मल बॅच, स्किपिंग रोप,योग मैट,रॉड डबल स्टैंड आदि होना चाहिए। नगर पालिका ट्रेड लाइसेंस जारी करते वक्त इन मशीनों का ध्यान रखा जाएगा।

लागू कर दिया है सरकार ने एक्ट

सीएमओ एसएस चौहान ने बताया कि इस संबंध में सरकार ने एक्ट लागू कर दिया है। इसके तहत जिम संचालकों को ट्रेड लाइसेंस के लिए नगर पालिका में आवेदन जमा करना होगा। इसके साथ ही निर्धारित शुल्क भी जमा कराया जाएगा। जिस बिल्डिंग या मकान में जिम संचालित हो रहा है,वह कमर्शियल श्रेणी में होना अनिवार्य है। परमिशन की समस्त औपचारिकताएं पूरी होने के बाद नगर पालिका की टीम मौका मुआयना करेगी। इसके बाद ट्रेड लाइसेंस जारी किया जाएगा। सीएमओ ने बताया कि शहर में संचालित होने वाले जिमों का सूची तैयार की जा रही है। अभी तक जिम खोलने का रजिस्ट्रेशन स्मॉल स्केल इंडस्ट्री के तहत होता था,इसके लिए जिले के उद्योग विभाग से फॉर्म जमा करना पड़ता था। इसके बाद विभाग अस्थायी लाइसेंस जारी कर देता था।

एसएस चौहान-मुख्य नगरपालिका अधिकारी,झाबुआ