परीक्षा-बोर्ड ने बनाया 20 बच्चों की निगरानी के लिए एक शिक्षक की ड्यूटी का नियम
लगभग 90 हजार बच्चों के साथ शिक्षकों और अफसरों की परीक्षा की घड़ी-फरवरी में बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ 9वीं,11वीं और 5वीं,8वीं की भी होगी परीक्षा
झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड। फरवरी में दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इस अवधि में लगभग 90 हजार छात्र-छात्राओं को परीक्षा दिलाई जाएगी। यह परीक्षा शिक्षा विभाग के लिए बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि फरवरी और मार्च में ही बोर्ड के साथ 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं भी होंगी। इधर लोकल परीक्षा 9वीं और 11वीं का भी टाइम टेबल जारी कर दिया है। इस वजह से सभी स्कूलों में परीक्षाएं होंगी। बोर्ड ने परीक्षाओं को लेकर जो दिशा-निर्देशिका जारी की है,उसके मुताबिक 20 बच्चों पर एक शिक्षक की ड्यूटी निगरानी में लगाई जाएगी। इस नियम का पालन कराया जाता है तो लगभग 4700 शिक्षकों की जरूरत पड़ेगी। इधर स्कूलों में कक्षा एक से लेकर चार और कक्षा 6वीं व 7वीं का अध्यापन कार्य भी जारी रहेगा। जबकि जिले में सिर्फ लगभग 5730 शिक्षक ही पदस्थ हैं। इन सभी के बीच तालमेल बिठाकर परीक्षाएं भी कराई जानी है। इस दौरान बोर्ड के नियम सिर्फ 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में सख्ती से लागू होंगे,बाकी परीक्षाओं में शिथिलता बरतने के बाद ही व्यवस्थाएं पटरी पर आ पाएंगी।
इस तरह करनी होगी व्यवस्था
इन सभी परीक्षाओं के लिए भारी इंतजाम करने होंगे। शिक्षकों की कमी को देखते हुए सिर्फ बोर्ड परीक्षा यानी 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में ही छात्र-शिक्षक अनुपात का पालन हो सकेगा। यानी 20 बच्चों पर एक शिक्षक की परीक्षा कक्ष में ड्यूटी लगेगी। बाकी परीक्षाओं में 35 से 45 बच्चों पर एक शिक्षक की ड्यूटी लगानी पड़ेगी। क्योंकि कक्षा 1,2,3,4 और कक्षा 6 व 7 का अध्यापन कार्य भी जारी रखना होगा। इस तरह कार्यरत लगभग 5730 शिक्षकों के हवाले पूरी व्यवस्था रहेगी। इन परीक्षाओं के दौरान बड़ी संख्या में शिक्षकों को डबल ड्यूटी भी करनी पड़ सकती है।
जिले में 90 हजार छात्र-छात्रा देंगे परीक्षा
जिले में लगभग 5वीं में इस बार 20 हजार,8वीं में 22 हजार और 10वीं और 12वीं में 28 हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे। इसके अलावा 9वीं और 11वीं का भी टाइम टेबल जारी हो गया है। यह परीक्षाएं तीन फरवरी से शुरू हो रही हैं। इन दोनों परीक्षा में 20 हजार बच्चे शामिल होंगे। इस तरह फरवरी में होने वाली परीक्षाओं में लगभग 90 हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे। इसी को देखते हुए भारी इंतजाम किए जाने हैं। क्योंकि इन परीक्षाओं में सरकारी के साथ-साथ निजी स्कूल के छात्र-छात्रा भी शामिल होंगे। सिर्फ 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं निजी स्कूल अपने स्तर से करा सकेंगे। लेकिन इसमें भी यह ध्यान रखना होगा कि 30 मार्च से पहले-पहले परीक्षाएं संपन्न कराना हैं। 27 फरवरी से हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी की परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा 24 फरवरी से 5 मार्च तक कक्षा 5वीं एवं 8वीं की वार्षिक परीक्षा भी संपन्न कराने के निर्देश जारी किए हैं। इसी के साथ 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं भी 3 फरवरी से शुरू हो रही है। वहीं इस दौरान प्रायोगिक परीक्षाएं संपन्न कराई जानी हैं।
10वीं और 12वीं की परीक्षा जिले भर के केंद्रों पर
जिले में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बोर्ड ने केंद्र निर्धारित कर दिए हैं। यह परीक्षाएं जिले भर के केंद्रों पर आयोजित की जाएंगी। परीक्षा केंद्र उन स्कूलों को बनाया है,जहां स्कूल से थाना और चौकी 12 किमी के दायरे में हों क्योंकि बोर्ड की इस बार पहले से ज्यादा सख्ती रहेगी। परीक्षा केंद्रों तक प्रश्न पत्र पहुंचाने के लिए पूरा सुरक्षा बल मौजूद रहेगा। इस परीक्षा में जिले भर के 24 हजार बच्चे शामिल होंगे। वहीं सुरक्षा को लेकर भी बारी बल की जरूरत पड़ेगी। इसे लेकर भी शिक्षा विभाग पुलिस से सहयोग मांगेगा। वहीं गोपनीय सामग्री भी जिले का जल्द प्राप्त हो जाएगी। इसकी सुरक्षा 1/4 का गार्ड करेगा।
पूरी व्यवस्था बेहतर रहेगी
अप्रेल में नया शिक्षा सत्र शुरू होना है। इस वजह से फरवरी में प्रमुख परीक्षाएं शुरू हो रही हैं और 30 मार्च तक यह समाप्त हो जाएगी। शिक्षण संचालनालय इस बार एक अप्रैल से पूरी तैयारी के साथ शिक्षा सत्र शुरू करेगा। परीक्षाओं के दौरान पूरी व्यवस्था बेहतर रहेगी। इसे लेकर हम सभी स्कूल प्रभारियों की बैठक लेंगे और उन्हें बेहतर व्यवस्था बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आरएस बामनिया-डीईओ-झाबुआ