इंदौर। संजय जैन/शैलेन्द्र श्रीमाल।  सकल श्वेताम्बर जैन समाज को अक्षुण्ण बनाये रखने के उद्देश्य वाला श्वेताबर जैन महासंघ न्यास में 4 न्यासी निवर्तमान के बाद जो विष वामन वातावरण निर्मित होकर न्यायालय के दहलीज तक पहुंचने के बाद,अब चुनाव होने के बीच 13 उम्मीदवारों के मैदान में आने से चुनावी समीकरण काफी कशमकश भरे हो रहे है । पहली बार चुनाव की रंग में रंगा महासंघ के मतदाताओं के बीच उम्मीदवारों के जीवन आचरण और पृष्ठभूमि बड़ी कसौटी मुद्दा बनता जा रहा है ।      

न्यायलय हस्तक्षेप से लोकतांत्रिक चुनाव के पथ पर समाज

श्वेताम्बर जैन महासंघ एक गरिमा वाला संगठन माना जाता है लेकिन बीते दिनों इस समाज के स्वप्रतिष्ठा और पद पाने की लोलुपता का आकर्षण बढ़ा है।जिसके कारण महासंघ को आज इस दौर में खड़ा कर दिया है । यह शाश्वत सत्य है जैन समाज में आम सहमति के स्वर श्रवण का ही पक्षधर रहा है।विवाद के बीच न्यायलय हस्तक्षेप से लोकतांत्रिक चुनाव के पथ पर समाज गुजर रहा है।   समाज का प्रबुध वर्ग इस परिस्थिति को लेकर आक्रोशित है।  समाज की मान मर्यादा  के चलते वह सार्वजनिक टिका टिप्पणी से बच रहा है। मगर दबी जुबान कहता है कि जिन शासन की प्रतिष्ठा पर आंच आये तो वोट से जवाब देना तो बनता है।              

 न्यास के 4 ट्रस्टियों के चुनाव हो रहे          

श्वेताम्बर जैन महासंघ न्यास के 4 ट्रस्टियों के चुनाव हो रहे है। इस चुनावी संग्राम का बिगुल भले ही न्यायलय हस्तक्षेप से बजा हो,लेकिन स्वस्थ्य परम्पराओं के पथ पर निर्वाचन हो तो अच्छा लगता है । 4 न्यासी पद के लिये 13 उम्मीदवार मैदान में जौहर दिखा रहे है । खूब पोस्टर वार के बीच जनसम्पर्क ओर टेलीफोनिक सम्पर्क का अभियान भी चल रहा है।  इस अभियान के बीच अब उम्मीदवारों के जीवन कार्यशैली,सार्वजनिक आचरण और चाल चरित्र का मापदंड भी मतदाता कर रहा है।।                

कुल 13 उम्मीदवार लड़ रहे चुनाव             

कुल 13 उम्मीदवारो के निज समर्थक अपने अपने स्तर पर अपने उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बनाने की कवायद कर रहे है।श्वेताम्बर जैन महासंघ न्यास की मतदाता सूची में 1257 मतदाता ही है। फिर भी चुनाव का रंग किसी तरह कम नही है । गौरतलब रहे कि आर्थिक तौर पर सम्पन्न कहे जाने वाले जैन समाज के उम्मीदवार यहां दिल खोलकर चुनावी दंगल में दिख रहे है। हाल ही में  एक आयोजन इंदौर के अभिनव कला समाज गाँधी हाल में हुआ जिसकी भव्यता ओर स्वादिष्ट भोज परिचर्चा दो उम्मीदवारों के सामूहिक  कार्य विजन डॉक्यूमेंट का रखना काफी चर्चाओं में है ।उम्मीदवार चयन को लेकर मतदाता संवेदनशील है। जैन समाज किसी भी तरह के प्रलोभन ओर प्रभाव  में आकर निर्णय बदल लें ऐसा होता नही है। समाज मे एक उम्मीदवार   जिसकी पृष्ठभूमि में परिवार के एक व्यक्ति के ड्रग पैडलर के तौर सलाखों में पहुंचने ओर पेरोल पर आने के वाद, फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र पेश कर शासन को धोखा देने के मामले की कहानी भी प्रसारित हो रही है । हालांकि इस उम्मीदवार के पक्षधर जगह-जगह अपनी ओर से मामले पर सफाई देते नजर आ रहे है।जैन समाज का हर व्यक्ति बौद्धिक तौर पर स्वस्थ्य ओर आर्थिक तौर सम्पन्न होता है,उसका मिजाज अपने ही तरीके से जीने ओर निर्णय लेने में सक्षम होता है ।।                            

मतदाताओं की उम्मीदवारों से मांग अपने कार्य विजन की घोषणा करे

यहां  समाज का प्रबुद्ध मतदाता उम्मीदवारों के जीवन परिश्रम सजगता सहजता और निस्वार्थ सेवा के भाव का आंकलन तो कर ही रहा है मानव, शिक्षा,स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र को लेकर क्या रोड मैप बनाया है...? इस पर आम मतदाता सवाल कर रहा है। समाज के धर्मनिष्ठ श्रावकों की अपेक्षा है कि महावीर जयंती के पूर्व संध्या के भोज ओर अभक्ष्य भोज निर्माण होने की गलत परिपाटी के खिलाफ जो उम्मीदवार वचनबद्धता के संकल्प को समाज के बीच रखे। समाज के बीच कुरीतियों ओर सोशल ग्रुपो के आगम संस्कार विपरीत आचरण को रोकने वाले वचनबद्धता दोहराए।  
जैन समाज में पहली बार मतदान से पूर्व मतदाता अपनी कसौटी पर खरा उतरने वाले उम्मीदवारों से मांग भी रखी है कि वह अपने कार्य विजन की घोषणा करे।          

समाज मे मनमुटाव बढ़े है

मतदाताओं के बीच तैर रहे मुद्दों में एक विषय यह भी की महासंघ न्यास में सेवा संकल्प के साथ समाज हितैषी बनें ना कि स्वसत्ताधारी बन तानाशाही अंदाज में काम करे। जैन समाज मे विनय विवेक के बीजारोपण हमारे वढील समाजरत्नो ने रोपे थे,लेकिन कुछ समय मे महासंघ में स्वयं प्रतिष्ठा सृजन का रोग पनपा जिसका दुष्परिणाम समाज मे मनमुटाव बढ़े है । मतदाता कह रहा है कि उम्मीदवारों को चाहिए वह अपनी कर्तव्य निष्ठा का संकल्प पत्र सभी सम्मानित मतदाताओं के बीच भेजे।