अगले माह से शुरू होनी है 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा, युक्तियुक्तकरण नहीं आया काम

शिक्षकों की कमी नहीं हो पायी दूर,बोर्ड परीक्षाओं पर पड़ सकता है असर
झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड। पूरा शिक्षण सत्र कमी वाले स्कूलों में शिक्षकों की पूर्ति करने में गुजर गया, इसके बावजूद पर्याप्त प्रबंध नहीं हो पाया। जून से शुरू हुआ युक्तियुक्तकरण कार्य कानूनी और विभागीय झमेलों में फंसा तो 200 से ज्यादा मामले लटक गए। जो न्यायालय गए,उनकी जगह पहुंचने वाले भी नहीं गए।
प्रयास तेज किए जाएंगे
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है और अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियों में भी देरी हुयी है। इसके कारण कोर्स पर असर तो पड़ा है,लेकिन जहां कोर्स पूरा नहीं है,वहां प्रयास तेज तो किए जा ही सकते है,ऐसा हमारा मानना है क्योंकि 15 फरवरी के आसपास प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू होने वाली है।
शहरों में ठीक गांवों की स्थिति खराब
शहरी क्षेत्र में सामान्य तौर पर शिक्षकों की कमी नहीं रहती,लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में समस्या है। खास तौर से प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों और हाईस्कूल में ज्यादा दिक्कत आती है। हायर सेकेंडरी स्तर पर शिक्षकों की ज्यादा कमी ग्रामीण क्षेत्रों में भी नहीं है। जिससे कोर्स पूरा होना मुश्किल होगा।
2097 कुल स्कूल संचालित हैं जिले में।
1662 कक्षा एक से पांच तक के हैं स्कूल।
215 स्कूल कक्षा एक से आठ तक के।
21 स्कूल कक्षा एक से 12वीं तक संचालित।
123 स्कूल छठवीं से आठवीं तक के हैं।
33 स्कूल कक्षा छह से 12वीं तक के।
29 स्कूल कक्षा एक से 10वीं तक के।
14 स्कूल संचालित हैं छठवीं से 10वीं तक।
200 से ज्यादा मामले न्यायालय में पहुंचे
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया जून में प्रारंभ करने के साथ ही विवादों में घिर गई थी। मनमाने तरीके से रिक्तियां दिखाना,विषयवार रिक्तियों में गड़बड़ी सहित अन्य मामले सामने आए। शिकायतें भी खूब हुईं और कुछ लोग न्यायालय तक गए। अभी भी 200 से ज्यादा मामले ऐसे विवादित हैं और अब भोपाल तक पहुंच गए हैं। इनका निराकरण होने में समय लगेगा और तब शिक्षण सत्र खत्म भी हो सकता है। कई ऐसे मामले भी है,जहां प्रक्रियागत गंभीर शिकायतें हैं।