सत्तरभेदी पूजन, चैत्यवंदन एवं आरती की गई
 

झाबुआ। संजय जैन-स्टेट हेड। मप्र के एकमात्र अद्वितीय एवं नयाभिराम श्री दादा जिनदत्त सूरीजी एवं जिन कुशलसूरी दादावाड़ी झाबुआ के गणधर मंदिर की मुख्य ध्वजा के साथ चौवीस तीर्थंकरों के गणधरों के पगलियाजी के शिखरों पर ध्वजारोहण कल एक साथ एक समय पर संपन्न हुआ। आयोजन श्री जैन श्वेतांबर श्री संघ एवं पेढ़ी श्री ऋषभदेव समीरमल बावन जिनालय की ओर से किया गया।            

 सभी शिखरों पर ध्वजारोहण किया गया                   

श्री गणधर मंदिर में ध्वजारोहण निमित्त सत्तरभेदी पूजन प्रातः 7.30 बजे श्री आदिनाथ राजेन्द्र जयंत संगीत मंडल द्वारा पढ़ाई गई। विधि को विधिकारक ओएल जैन ने संपन्न करवाई। पूजन बाद गणधर मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण की विधि एवं मंत्रोच्चार विधिकारक ओएल जैन ने करवाया। वहीं सभी शिखरों पर ध्वजारोहण अलग-अलग लाभार्थी पारिवारों ने किया। जिसकी विधि श्री संघ के वरिष्ठ यशवंत भंडारी ने करवाई। श्री पुंडरिक स्वामीजी की मुख्य ध्वजा का लाभ निर्मल मेहता परिवार ने लिया। चौवीस तीर्थंकरों के गणधरों की पगलियाजी के शिखरो के 24 लाभार्थी परिवारों ने उपस्थित रहकर ध्वजारोहण का अनुपम लाभ प्राप्त किया।

चैत्यवंदन एवं आरती का हुआ आयोजन

ध्वजारोहण पश्चात् मंदिर के वार्षिक चढ़ावे लाभार्थी परिवारो ने बढ़-चढ़कर बोले। इसके बाद चैत्यवंदन कर आरती करने का लाभ मांगूबेन सकलेचा परिवार ने लिया। अंत में भाता की प्रभावना लाभार्थी परिवारों ने समाजजनों को वितरित की। कार्यक्रम में समाजजनों की बड़ी संख्या में सहभगिता रहीं।